डायबिटीज होने के कारण (Causes of diabetes)
हम सभी ये तो जानते हैं कि हमारे शरीर की अग्न्याशय ग्रंथि के ठीक से काम ना करने या फिर पूर तरह से बेकार होने से डायबिटीज की समस्या होती है। डायबिटीज (causes of diabetes type 2 in hindi) होने के और भी कई कारण होते हैं, लेकिन अग्न्याशय ग्रंथि इसका बड़ा कारण है। बता दें कि, पेंक्रियाज यानी अग्न्याशय ग्रंथी से तरह-तरह के हार्मोन निकलते हैं और उन्हीं में से है इंसुलिन और ग्लूकोज। जी हां, इंसुलिन हमारी बॉडी के लिए बेहद जरूरी है। इंसुलिन द्वारा पहुंचाई गई शुगर से ही कोशिकाओं या सेल्स को ऊर्जा मिलती है। डायबिटीज का कारण (causes of diabetes in hindi) है इंसुलिन हार्मोन का कम निर्माण होना। जब इंसुलिन कम बनता है तो कोशिकाओं तक और रक्त में शुगर ठीक से नहीं पहुंच पाता है। जिससे सेल्स की एनर्जी कम होने लगती है और इस वजह (डायबिटीज होने के कारण) से बॉडी को नुकसान पहुंचाने लगता है जैसे कि – दिल की धड़कन तेज होना, बेहोशी, आदि समस्याएं होने लगती है।
1. वजन का बढ़ना – जो व्यक्ति मोटापे के शिकार होते हैं उन्हें डायबिटीज का खतरा(effects of diabetes in hindi) बहुत जल्दी देखने को मिलता है। वहीं अगर आपका वजन बढ़ा हुआ है, बीपी बहुत हाई रहता है और कोलेस्ट्रॉल भी संतुलित नहीं रहता है तभी भी आपको डायबिटीज हो सकती है। साथ ही एक्सरसाइज ना करने से भी डायबिटीज होने का खतरा अधिक बढ़ता है।
2. बार-बार पेशाब का आना – इंसुलिन के कम निर्माण से खून में शुगर अधिक हो जाती है, क्योंकि शारीरिक ऊर्जा कम होने से ब्लड में शुगर जमा होती जाती है जिससे कि उनका निष्कासन मूत्र के जरिए होता है। इसी वजह (causes of diabetes in hindi) से डायबिटीज मरीजों को बार-बार यूरिन आता है।
3. परिवार में डायबिटीज होना – डायबिटीज होने का मुख्य कारण अनुवांशिक भी होता है। जी हां, अगर आपके परिवार के किसी सदस्य जैसे मां-बाप या भाई-बहन में से किसी को है तो भविष्य में आपको भी डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है।
4. मीठा अधिक खाना – अधिक मीठे का सेवन करने से डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है। मीठा खाने से शरीर में बल्ड शुगर की मात्रा बढ़ने लगती है।
5. नींद पूरी न होना – आज के समय की खराब लाइफस्टाइल में लोग देर तक जगे रहते हैं और रात भर फोन का इस्तेमाल करते हैं। फिर अगले दिन सुबह जल्दी उठ जाते हैं। जिस वजह से हमारी नींद पूरी नहीं हो पाती और डायबिटीज (causes of diabetes type 2 in hindi) जैसी कई गंभीर अपने शरीर में जन्म लेने लगती है।
6. एक्सरसाइज न करना – व्यायाम न करने से आपकी बॉडी में इंसुलिन का लेवल बढ़ जाता है। डॉक्टर भी रोजाना एक्सरसाइज करने की सलाह देते हैं।
7. शरीर में पानी की कमी – पानी की कमी से भी बॉडी में शुगर लेवल बढ़ जाता है जो डायबिटीज को निमंत्रण देता है।
8. आहार सही न लेना – अगर आप रोजाना जंक फूड खाना, तला-भूना खाना से भी डायबिटीज होने का खतरा अधिक तेजी से बढ़ता है। साथ ही देर से खाने से खाने से भी इसका खतरा बढ़ जाता है।
9. बच्चों को अपनी चपेट में लेना – आजकल के बच्चों का अधिक खाने से उनके शरीर में फैट जमा होता जाता है। साथ ही बच्चे अधिक मीठा खाते हैं फिर चाहे वे मिठाई हो या चॉकलेट हो इससे उनके शरीर में रक्त शर्करा की मात्रा तेजी बढ़ती जाती है।
10. हाई ब्लड प्रेशर – ये समस्या डायबिटीज रोगियों के लिए मौत का कारण बन सकती है। अमेरिकी शोध से पता चला है कि, रात के वक्त हाई ब्लड प्रेशर की समस्या झेलने वाले डायबिटीज रोगियों में मौत का खतरा उन लोगों के मुकाबले दो गुना होता है जिनका ब्लड प्रेशर रात में स्थिर या कम रहता है।
11. बढ़ती उम्र – जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती जाती है वैसे-वैसे डायबिटीज का खतरा भी बढ़ता है और इस बीमारी में चार गुणा वृद्धि होती है।
12. हार्मोन असंतुलन – हार्मोन की छोटी सी मात्रा के घटने बढ़ने भर से ही शरीर की कोशिकाओं का मेटाबॉलिज्म प्रभावित होने लगती है। वहीं मानव शरीर में कुछ 230 हार्मोन होते हैं जो कई बार उम्र, तनाव की अधिकता, अनहेल्दी लाइफस्टाइल, स्टेरॉयड दवाओं का अधिक सेवन करने से समस्या होती है, लेकिन इस पर ध्यान न दिया जाए तो डायबिटीज होने का मुख्य कारण बनती है।
13. हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल – आपको अपने कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखने की कोशिश करें। क्योंकि शोधकर्ताओं के अनुसार, 200 से नीचे का कोलेस्ट्रॉल लेवल हेल्दी माना जाता है, वहीं महिलाओं के लिए हर उम्र में 40 से ऊपर ही कोलेस्ट्रॉल लेवल रखने की सलाह दी जाती है। साथ ही डायबिटीज (causes of diabetes type 2 in hindi) के मरीजों के लिए खतरा 20% अधिक होता है, इसलिए ऐसे में (causes of diabetes in hindi) आपको एलडीएल या गुड कोलेस्ट्रॉल लेवल 100 से नीचे रखना चाहिए।
डायबिटीज के लक्षण (Symptoms of Diabetes)
जिन व्यक्तियों में डायबिटीज (effects of diabetes in hindi) होने की अधिक संभावना होती है उनमें पहले से ही बहुत से लक्षण सामने नजर आने लगते हैं, लेकिन इस समस्या की जानकारी न होने के कारण वे डायबिटीज लक्षणों को पहचान नहीं पाते हैं और एक समय के बाद इलाज न होने के कारण डायबिटीज की गंभीर समस्या के शिकार हो जाते हैं। साथ ही टाइप-1 डायबिटीज (causes of diabetes type 1 in hindi) के रोगियों में डायबिटीज के संकेत बहुत तेजी से प्रकट (causes of diabetes in hindi) होते हैं और ये काफी गंभीर भी होते हैं। डायबिटीज के मुख्य लक्षण कुछ इस प्रकार है जैसे –
- आंखों के आगे धुंधलापन
- घाव भरने में अधिक समय लगना
- स्किन इंफेक्शन
- चिड़चिड़ापन
- स्किन इंफेक्शन
- भूख और प्यास अधिक लगना
- बार-बार पेशाब आना
- मुंह सूखना
- अचानक से वजन कम होना और थकान
- बेचैनी
- पसीना आना
- कपकपी
इसके अलावा थकान, सिर दर्द, इम्युनिटी सिस्टम का कमजोर होना, प्राइवेट पार्ट में दिक्कत और दिल की धड़कन तेज होना आदि डायबिटीज के शुरुआती लक्षण है।
डायबिटीज से बचने के उपाय (Ways to Prevent Diabetes)
डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है जिससे आपको आजीवन परेशानियां होती है। डायबिटीज रोगियों को हेल्थ से जुड़ी (causes of diabetes in hindi) कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती है, लेकिन आप नीचे दी हुई सावधानियां बरतकर डायबिटीज की गंभीर समस्या से बच सकते हैं जैसे –
- मीठा कम खाएं, शक्कर से भरी और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट वाला भोजन करने से बचें।
- रोजाना एक्सरसाइज करें, सुबह-शाम टहलने जाए और खुद को एक्टिव रखें।
- बढ़े हुए वजन को घटाएं और BMI के अनुसार अपने वजन को बनाए रखें।
- शराब और सिगरेट से दूर रहे।
- नमक और चीनी बिल्कुल ना के बराबर कर दें।
- पानी अधिक पीएं। मीठे शरबत और सोडा वाले ड्रिंक्स पीने से बचें। आइसक्रीम, कैंडी खाने से परहेज करें।
- हाई फाइबर डाइट लें और प्रोटीन का सेवन करें।
- विटामिन डी की कमी ना होने दे, क्योंकि विटामिन-डी की कमी से डायबिटीज का खतरा बढ़ता है।
- ड्राई फ्रूट्स का सेवन करें, ये आपको टाइप-2 डायबिटीज (causes of diabetes type 2 in hindi) के खतरे से बचाएं।
FAQ
1. महिलाओं में शुगर के लक्षण
डायबिटीज आज के समय में एक समस्या बन चुकी है और ऐसे अधिकतर लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं। डायबिटीज के शुरुआत में लोगों को कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझना पड़ता है और उनमें छोटे-मोटे लक्षण भी दिखने शुरू हो जाते हैं। लेकिन वैसे तो डायबिटीज पुरुषों और महिलाओं दोनों में देखने को मिलती है पर महिलाएं इसका अधिक होती है। इसलिए महिलाओं इसके लक्षण पता होने जरूरी है जिससे पहचान कर तुरंत इलाज कर सके। जैसे –
- यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI)
- वजाइना में दर्द और जलन होना
- वजाइना व्हाइट और येलो डिस्चार्ज
- वजाइना में खुजली होना
- मुंह में सफेद घाव
- मूड स्विंग होना
- फोड़े-फुंसी होना
- अचानक तेजी से वजन कम होना
2. मधुमेह से बचाव के उपाय
इस रोग की सबसे बड़ी परेशानी ये है कि आप नहीं कह सकते है कि ये बीमारी आपको कब कैसे हो सकती है, इसलिए बेहतर यही है कि पहले से ही सही कदम उठाएं और इस समस्या से दूर रहें। बस आपको करना ये है कि, अपनी जीवनशैली में बदलाव करें, हेल्दी खाना खाएं, अपने खाने के हिस्से को सीमित रखें, शराब का सेवन कम करें, धूम्रपान न करें, शारीरिक रूप से सक्रिय रहें, भरपूर नींद लें, स्ट्रेस फ्री रहें और अपने समय-समय पर जांच करवाते रहे।
3. डायबिटीज किस उम्र में होता है?
ब्लड शुगर का लेवल बढ़ने पर बॉडी में डायबिटीज की समस्या अधिक तेजी से बढ़ने लगती है, लेकिन हर व्यक्ति में उम्र और स्वास्थ्य से जुड़ी स्थिति की वजह से ब्लड शुगर का लेवल घट या बढ़ सकता है। वहीं 40 साल की उम्र के बाद बॉडी में ब्लड शुगर का लेवल बदलने के कई कारण हो सकते हैं।
4. मधुमेह रोग किस विटामिन की कमी से होता है?
भारत में 68 फीसदी महिलाएं को विटामिन-डी की कमी की वजह से डायबिटीज होती है। जी हां रिसर्च के अनुसार, डायबिटीज पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में देखने को मिलती है। इस समस्या में बॉडी में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है और उस वजह से अग्न्याशय ग्रंथि सही तरीके से काम नहीं करती है।
5. शुगर होने के लक्षण क्या है?
जब आपके शरीर में डायबिटीज की शुरुआत होती है तब आपको जरूरत से ज्यादा यूरिन पास होने का अनुभव होता है, क्योंकि बार-बार वॉशरूम जाने से ब्लडस्ट्रीम में मौजूद अधिक शुगर बॉडी से बाहर निकालती है और ये डायबिटीज का लक्षण है। यदि आपको जरूरत से ज्यादा वॉशरूम जाना पड़ रहा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। साथ ही बेहोशी आना, मतली या उल्टियां होना, आंखों के सामने धुंधलापन आना, चीजों पर ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत होना और प्यास अधिक लगना जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं।
6. डायबिटीज कितने प्रकार की होती है और यह कैसे होती है?
डायबिटीज दो प्रकार है टाइप-1 डायबिटीज और टाइप-2 डायबिटीज (causes of diabetes in hindi)। टाइप-1 डायबिटीज हमें अनुवांशिक तौर पर होती है यानी की जब आपके परिवार में मां-बाप, भाई-बहन या दादी-दादा में से किसी को डायबिटीज की समस्या हो तो ऐसे में उस व्यक्ति को होने की संभावना अधिक होती है। वहीं टाइप-2 डायबिटीज आपकी खराब जीवनशैली और गलत खान-पान जैसी वजहों से होती है।
7. शुगर लेवल कितना रहना चाहिए, और 2 टाईप शुगर लेवल के लिए परहेज बताएं?
यदि आप फास्टिंग पर है तो तब आपका ब्लड शुगर लेवल 70-100 mg/dl के बीच होना चाहिए, अगर आपका ये लेवल 100-126 mg/dl पर पहुंच जाएं तो इसे प्री-डायबिटीज कंडीशन माना जाता है। साथ ही इसके बाद यदि शुगर लेवल 130 mg/dl से अधिक हो जाए तो ये काफी खतरनाक माना जाता है।
इसके अलावा डायबिटीज रोगियों के मन में अक्सर ये सवाल बना रहता है कि, वे क्या खा सकते है और क्या नहीं। अगर बात करें डायबिटीज मरीजों के परहेज के बारे में तो रोगियों को किशमिश, चीकू, व्हाइट ब्रेड, फूल फैट मिल्क, आलू और मिठाई या मीठे पेय पदार्थ आदि से दूर रहे।
8. डायबिटीज के रोगियों को क्या क्या खाना चाहिए?
डायबिटीज रोगियों को अपने आहार पर खास ध्यान देना पड़ता है, क्योंकि भोजन का सीधा प्रभाव आपके शरीर पर पड़ता है। ऐसे में आपको अपनी डाइट पर खास ध्यान देने की आवश्यकता होती है। जैसे –
- अनाज – जौ का आटा, बाजरे का आटा, रामदाना, राजगीर का आटा और मल्टीग्रेन आटा।
- सब्जियां – भिंडी, गाजर, हरी सब्जियां, पत्ता गोभी और खीरा।
- फल – सेब. संतरा, आडू, अमरूद और कीवी जैसे फल खा सकते हैं।
9. डायबिटीज के रोगियों को क्या क्या नहीं खाना चाहिए?
डायबिटीज रोगियों के मन में अक्सर ये सवाल बना रहता है कि, वे क्या खा सकते है और क्या नहीं। अगर बात करें डायबिटीज मरीजों के परहेज के बारे में तो रोगियों को किशमिश, चीकू, व्हाइट ब्रेड, फूल फैट मिल्क, आलू और मिठाई या मीठे पेय पदार्थ आदि से दूर रहे।
10. शुगर के रोगियों को कौन से फल का सेवन करना चाहिए?
आहार विशेषज्ञों के अनुसार, डायबिटीज रोगियों (causes of diabetes in hindi) को सेब, संतरा, पपीता, कीवी, आडू और जामुन आदि फलों का सेवन करना सुरक्षित होता है। इसमें विटामिन-सी, फाइबर और कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। एक सीमित मात्रा में इसका सेवन करने से आपका शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।