कब्ज क्या है? (What is constipation?)
Constipation in Hindi – कब्ज यानी की कॉन्स्टिपेशन (Constipation)। ये दुनिया में सबसे आम पाचन समस्याओं में से एक है। कब्ज को कठोर, सूखी मल त्याग या सप्ताह में तीन बार से कम होने के रूप में परिभाषिक किया गया है। साथ ही कब्ज पाचन तंत्र की उस स्थिति को कहते हैं जिसमें कोई व्यक्ति का मल बहुत कड़ा होता है और मलत्याग में कठिनाई होती है। कब्ज अमाशय की स्वाभाविक परिवर्तन की वो अवस्था है, जिसमें मल निष्कासन की मात्रा कम हो जाती है और मल कड़ा हो जाता है। उसकी आवि घट जाती है या मल निष्कासन के समय अत्यधिक बल का इस्तेमाल करना पड़ता है। सामान्य आवृति और अमाशय की गति व्यक्ति विशेष पर निर्भर करती है। एक हफ्ते में 7 से 12 बार मल निष्कासन की प्रक्रिया सामान्य मानी जाती है।
कब्ज के प्रकार (Types of constipation in Hindi)
यदि आपको कब्ज है तो आपका शारीरिक रूप से परेशान होना तो तय है, लेकिन मानसिक रूप से परेशान भी होना पड़ सकता है। कब्ज इतनी ढीट बीमारी है कि सार्वजनिक जगहें हो या घर या ऑफिस हर जगह उठना-बैठना मुहाल हो जाता है। कब्ज प्रमुख रूप से दो प्रकार की होती है- गंभीर कब्ज और पुरानी कब्ज।
1. गंभीर कब्ज (Serious Constipation)
इस प्रकार की कब्ज (Constipation in Hindi) बहुत ही खतरनाक होता है, जैसा की इसके नाम में ही गंभीर है। गंभीर कब्ज में मल निकलना बिल्कुल बंद हो जाता है। गंभीर कब्ज के नाम में ही गंभीर है, क्योंकि इसमें पेट से गैस भी नहीं निकलती है। गंभीर कब्ज होने की स्थिति में तुंरत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। परेशानी की बात तो ये होती है कि इस प्रकार के कब्ज में गैस तक निकलना बंद हो जाती है, इसलिए यदि आपको गंभीर कब्ज के लक्षण दिखे तो जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलें।
2. पुरानी कब्ज (Chronic Constipation)
पुरानी कब्ज (Constipation in Hindi) में मल यदि निकलता भी है तो बड़ी मुश्किल से और वो भी बहुत कम मात्रा में, क्योंकि मल बहुत कडा हो जाता है इसलिए निकलने में तकलीफ होती है। जिन लोगों को पुरानी कब्ज होती है उन्हें मल त्याग के बाद कभी भी संतुष्टि नहीं होती है।
साथ ही Mayo Clinic के अनुसार, एक सामान्य शारीरिक परीक्षा और एक डिजिटल रेक्टल परीक्षा के अलावा, डॉक्टर पुरानी कब्ज का निदान करने के लिए निम्नलिखित परीक्षणों और प्रक्रियाओं का उपयोग करते हैं और इसका कारण खोजने का प्रयास करते हैं जैसे रक्त परीक्षण।
कब्ज के लक्षण (Constipation Symptoms in Hindi)
कब्ज होने पर नजर आने वाले मुख्य लक्षण निम्न प्रकार है,
- सांस में बदबू मिल जाती है
- भूख लगना अचानल कम हो जाती है
- नाक लगातार बहती रहती है
- हर थोड़ी देर में सिर दर्द होना
- घबराहट होना
- धीमे-धीमे चक्कर आना
- पेट दिन भर भारी रहना
- चेहरे पर मुहासे, पिंपल्स निकलना
- एसिडिटी होना और पेट में गैस बनना
- आंखों में जलन रहना
- शारीरिक कमजोरी बने रहना
- शौच के बाद भी पेट भरा हुआ रहना
- बेवक्त पेट में मरोड़ होना
- कमर दर्द रहना
- मुंह में छाले होने लगते हैं
- जीभ का सफेद या मटमैला होना
कब्ज के कारण (Causes of Constipation in Hindi)
- कब्ज हमारे गलत आहार-विहार के कारण होता है। कब्ज होने के कुछ अन्य प्रमुख कारण है –
- अत्यधिक गरिष्ठ एवं मिर्च-मसाले व तली-भुनी चीजों का अत्यधिक सेेवन करना।
- अत्यधिक रूखा एवं बासी भेजन करने से कब्ज हो जाता है।
- भोजन का समय निश्चित नहीं होना भी कब्ज हो जाता है।
- परिश्रम कम करना, अकर्मण्य जीवन जीने वाले भी कब्ज से ग्रस्त हो जाते हैं।
- चोकर रहित अति महीन आटा, बिना छिलके की दाल तथा रेशे रहित आहार की अधिक सेवन भी कब्ज का एक कारण है।
- अपर्याप्त आहार और अत्यधिक परिश्रम की वजह से भी कब्ज का होना।
- भय, चिंता, क्रोध आदि मानसिक विकार के कारण भी इस रोग के लिए उत्तरदायी है।
- मल मार्ग के रोगों की वजह से जैसे बवासीर, भगन्दर आदि।
- भोजन को चबा-चबाकर न खाना।
- बार-बार भोजन करने की आदत।
- भोजन में शोक-सब्जी का अभाव।
- भोजन में विटामिन का अभाव।
- शरीर में पानी की कमी।
- कब्ज के कारणों में वृद्धावस्था में रक्त की कमी, उदर की पेशियों की दुर्बलता आदि।
- लंबी बीमारी की वजह से शारीरिक दोनों की प्रबलता जिससे शरीर के अन्य अंग-अवयव सही से कार्य नहीं कर पाते हैं।
- बीमारी के कारण अधिक औषधियों का सेवन तथा लीवर आदि के ठीक से कार्य ना कर पाने के कारण भी कब्ज (Constipation in Hindi) रोग होता है।
कब्ज के कारण होने वाली समस्याएं (Complications of Constipation in Hindi)
कब्ज के कारण आपको अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है जैसे कि-
- भूख न लगना
- छाती में जलन होना
- पेट में भारीपन का अहसास होना
- मतली आना और उल्टी होना
- आंतों में जख्म और सूजन आना
- बवासीर, भंगदर और फिशर रोग का खतरा बढ़ना
यदि आप कब्ज और कब्ज से होने (Constipation in Hindi) वाली जटिलताओं से बचना चाहते हैं तो अपने आहार और डाइट लाइफस्टाइल में सुधर करने की आवश्यकता है।
कब्ज का निदान (Diagnosis of Constipation in Hindi)
बीमारी का निदान मुख्य रूप से एक शारीरिक जांत करके किया जा सकता है और चिकित्सा इतिहास को समझकर चिकित्सक कब्ज के प्रकार और कारण की पहचान करता है। स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर रोगी की देखभाल करेगा और रोगी को दैनिक आहार डायरी बनाए रखने के बारे में सूचित करेगा, जिसके माध्यम से वे हाई फाइबर खाद्य पदार्थों के सेवन के बारे में सलाह दे सकते हैं।
साथ ही थायराइड हार्मोन और कैल्शियम के रक्त जांच, पेट के एक्स-रे, आंत्र और मलाशय की शारीरिक रचना को समझने के लिए लिक्विड बेरियम स्टडी, कोलोनिक गतिशीलता और एनोरेक्टल अध्ययन, डेफिकोग्राफी और मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग डेफिकोग्राफी के माध्यम से, मेडिकल प्रोफेशनल उन लोगों के लिए कब्ज की गंभीरता का निदान कर सकते हैं, जो उपचारके लिए रेस्पॉन्ड नहीं कर रहे हैं।
डॉक्टर से कब मिलें (When to See a Doctor For Constipation in Hindi)
यदि आपको मल में रक्त दिखाई दे, तो इसे बेहद अधिक गंभीरता से लेने की जरूरत है। इसकी वजह से रक्तस्त्राव, आंत में सूजन और कोलन कैंसर भी हो सकता है। इसके अलावा यदि आपने एक हफ्ते से मल नहीं त्यागदा है तो ये भी खतरे की की घंटी है। आमतौर पर एक व्यक्ति यदि सप्ताह में दो या तीन बार ही मल त्यागने गया हो तो उसे कब्ज (Constipation in Hindi) की श्रेणी में रखा जाता है। ऐसा होने पर डॉक्टर से तुंरत संपर्क करें। इससे डॉक्टर मल त्यागने में आपकी सहायता कर सकते हैं।
कब्ज से बचाव (Prevention of Constipation in Hindi)
1. डेयरी प्रोडक्ट्स न लें – ऐसे लोग जो लैक्टोज इंटोलरेंस हैं, उन्हें डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन नहीं करना चाहिए। इन प्रोडक्ट्स से जिन्हें एलर्जी है, वे इनके विकल्पों को चुन सकते हैं।
2. पर्याप्त नींद लें – जो लोग पर्याप्त नीदं लेते है उन्हें पाचन संबंधी परेशानियां कम होती है। जब पेट ठीक होता है तो बाकी परेशानियां भी नहीं होती। ऐसे में जरूरी है कि पूरी नींद ली जाए, क्योंकि कब्ज की परेशानी (Constipation in Hindi) से बचा जाए।
3. खूब पानी पिएं – कब्ज की समस्या को पानी पीकर कम किया जा सकता है। जब कोई व्यक्ति प्रोपर पानी पीता है तो शरीर में पान की मात्रा बढ़ती है। पेट साफ करते समय पानी कम निकलेगा, जिससे मल सूखेगा नहीं और आसानी से पेट साफ होगा। साथ ही एक व्यक्ति को दिन में 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए।
4. पका हुआ खाना खाएं – ठीक से पका हुआ पाचन क्रिया को बेकार नहीं करता है। खाने को पचाने वाले एंजाइम्स ठीक तरह से काम करते हैं। इस वजह से मल सॉफ्ट होता है और उसे त्यागने में दिक्कत नहीं होती है।
5. पित्त की पथरी की सर्जरी – पित्त की पथरी का इलाज सर्जरी से होता है, लेकिन जब इस परेशानी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो शुरूआत में इलाज करा लें, क्योंकि सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती है। यदि ये पित्त की थैली की पथरी बढ़ गई है तो वे सर्जरी से ठीक की जाती है।
कब्ज में क्या खाएं और क्या न खाएं – Diet for Constipation in Hindi
- प्रोसेस्ड और जंक फूड्स – कब्ज से परेशान लोगों को प्रोसेस्ड फूड से बचना चाहिए। इनमें चीनी और सोडियम अधिक मात्रा में होता है, इसलिए प्रोसेस्ड और जंक फूड्स से दूरी बना लें। इससे कब्ज की समस्या बढ़ सकती है।
- कॉफी पीना – डिहाइड्रेशन कब्ज के प्रमुख कारणों में से एक है और शराब पीने से आपकी स्थिति बदतर हो सकती है। शराब एर मूत्रवर्धक है। इसका अर्थ है कि ये आपके शरीर में फ्लूड की मात्रा कम कर देता है। ये आपको डिहाइड्रटेड बना सकता है। अगर आप शराब लेने के बाद बहुत अधिक मात्रा में फ्लूड नहीं पीते हैं। यहां तक की कॉफी का आपके शरीर पर समान प्रभाव पड़ता है, इसलिए अगर आप ऐसी बीमारियों से बचना चाहते हैं तो इन से दूर रहें।
- दूध से बने प्रोडक्ट्स – पेट साफ यदि नहीं होता है तो आपको दूध से बने खाद्य पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए। दूध से बने किसी भी उत्पाद को पचाने में पेट को काफी मेहनत करनी पड़ती है और अधिक समय भी लगता है। पेट साफ नहीं होता है तो कब्ज की समस्या होती है और दूध के उत्पाद कब्ज की समस्या (Constipation in Hindi) को और भी बढ़ा देते हैं।
- दर्द वाली दवाएं – आपके रोजाना दर्द देने वाली दवाओं सहित कई दवाएं भी आपकी परेशानी में योगदान देती है। वह जीआई प्रणाली के संकुचन को धीमा करती है, जिससे मूवमेंट में दिक्कत आ जाती है। अगर आप कोई दवा ले रहे हैं और अक्सर कब्ज मबसूस करते हैं तो आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
- काउच पर अधिक बैठना – जब आप असहज और भरा महसूस करते हों, तो आप सोफे या सोफे पर लेटना पसंद करते हैं, लेकिन ये आपको बहुत सहायता नहीं करेगा। शारीरिक निष्क्रियता पाचन तंत्र में भोजन की गति को धीमा करती है। सीढ़ियों से ऊपर और नीचे चढ़ें या योग का अभ्यास करें। ये दोनों आपके पेट की मांसपेशियों की मालिश करने और खाने को आसानी से पास करने में सहायता कर सकते हैं।
कब्ज के घरेलू उपचार क्या हैं? Home Remedies for Constipation in Hindi
- कब्ज की समस्या दूर करने के लिए गर्म पानी में नींबू और कैस्टर ऑयल मिलकर इस्तेमाल किया जा सकता है। सुबह-सुबह गुनगुने पानी में नींबू मिलाकर पीने से ये समस्या धीरे-धीरे दूर हो जाएगी। राातं सोने से पहले गर्म दूध में कैस्टर ऑयल मिलाकर पीने से सुबह पेट आसानी से साफ हो जाएगा।
- रात में सोने से पहले दूध में एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से प्रतिरोधक क्षमता मजबूती होगी और पेट भी तंदरुस्त होगा।
- गर्म पानी में नींबू रस और काला नमक मिलाकर पीने से पेट से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाएंगी।
- त्रिफला को पानी में फुलाकर उस पानी का सेवन करने से पेट की समस्याएं दूर होती है और ये कब्ज के लिए रामबाण कहा जाता है।
- पपीते का सेवन करने से पेट की समस्या नहीं होगी। इसमें विटामिन-डी की बहुत अधिक मात्रा होती है, इसलिए रोजाना पका पपीता और अमरूद का सेवन करें।
कब्ज के लिए योगासन (Yoga for Constipation )
अधिकतर लोगों में कब्ज (Constipation in Hindi) की शिकायत अक्सर सुनने को मिलती है। कब्ज होने की वजह से हमारे शरीर में तरह-तरह की बीमारियां उत्पन्न हो जाती है। कभी-कभी ये गंभीर बीमारी का रूप भी ले लेता है। ऐसी स्थिति में अगर आप योगा करें, तो ये इस बीमारी को दूर करने का सबसे बेस्ट तरीका होगा। योगा के जरिए आप कब्ज की शिकायत को आसानी से दूर कर सकते हैं जैसे –
- पवनमुक्तासन योगा
- सुप्त बुद्धकोणासन योगा
- हलासन योगा
- अर्धमत्स्येंद्रासन योगासन
- बालासन योगा
- मयूरासन योगा
- सुप्त मत्स्येन्द्रासन योगा
निष्कर्ष (Conclusion)
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