प्रेगनेंसी के शुरूआती लक्षण – Early pregnancy symptoms in Hindi
Pregnancy ke lakshan – आज के समय में तनाव, जॉब का प्रेशर और लॉकडाउन की वजह से बिगड़ी लाइफस्टाइल रिप्रोडक्शन सिस्टम पर गहरा असल डाल रहा है। जिसका नतीजा ये है कि महिलाओं को कंसीव करने में दिक्कत आ रही है, इसलिए डॉक्टर्स कह रहे हैं कि यदि कोई कपल कंसीव करता है तो उन्हें इसके साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए, जो लोग बेसब्री से पेरेट्स बनना चाहते हैं उनके लिए पीरियड्स मिस होने तक इंतजार करना बहुत मुश्किल भरा होता है। लेकिन आपको अपनी प्रेग्नेंसी पता करने के लिए रिलेशन बनाने के बाद 1 महीने तक इंतेजार करने की जरूरत नहीं होती है बल्कि आपको 3 से 4 दिनों में ही पता चल जाएगा कि आप प्रेगनेंट है या नहीं। तो चलिए आज हम प्रेग्नेंसी के कुछ ऐसे शुरूआती लक्षणों (Pregnancy ke lakshan) के बारे में।
प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण की लिस्ट- List of early pregnancy ke lakshan
- पीरियड्स मिस होना: प्रेग्नेंट होने का सबसे शुरुआती लक्षण पीरियड्स का मिस होना माना जाता है। इसके बाद ही कोई महिला प्रेग्नेंट टेस्ट की तरफ रुक करती है, लेकिन गर्भवती होने के बाद भी कुछ महिलाओं में पहले पीरियड्स के दौरान हल्की ब्लीडिंग हो सकती है।
- जी मिचलाना और चक्कर आना: प्रेग्नेंसी की शुरूआती (Pregnancy ke lakshan) महीनों में चक्कर आना आम बात है। इनकी वजह से ब्लड शुगर का लेवल गिर जाता है और भूख में कमी आती है जिससे आपको चक्कर महसूस होने लगते हैं। साथ ही इस तिमाही में हार्मोनल और अन्य बदलाव बॉडी में रक्त वाहिकाओं की दीवारों को चौड़ा कर देते हैं।
- हल्का रक्तस्राव: प्रेग्रेंसी की शुरुआत में आपको हल्की ब्लीडिंग हो सकती है, लेकिन इससे कोई नुकसान नहीं है। इसे स्पॉटिंग कहते हैं। ये स्थिति तब होती है जब बढ़ता हुआ भ्रूण खुद को आपकी कोख की दीवारों में प्रत्यारोपित करता है। इस तरह की ब्लीडिंग अक्सर उस समय के आस-पास होती है, आपके पीरियड्स का समय होने वाला होता है।
- थकान महसूस होना: आमतौर पर ऐसा हार्मोन्स में होने वाले चेंजिस की वजह से होता है। प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही में थकान कम रहती है, लेकिन प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में थकान बहुत अधिक होने लगती है। साथ ही प्रेंग्नेंसी में अधिक थकान (Pregnancy ke lakshan) एक आम समस्या है, शारीरिक, मानसिक, हार्मोन में बदलाव और दैनिक दिनचर्या के प्रभाव की वजह से होती है।
- मॉर्निंग सिकनेस: मॉर्निंग सिकनेस गर्भावस्था का एक सामान्य लक्षण है और इसमें कभी-कभी जी मिचलना या उल्टी होना शामिल है। प्रेग्नेंसी के समय से समस्या दिन के किसी भी समय असुविधा पैदा कर सकता है। ये समस्या आमतौर पर गर्भावस्था के पहले चार महीनों के भीतर होती है और अक्सर ये पहला संकेत है कि आप गर्भवती है।
- ब्रैस्ट और निप्पल्स में दर्द होना और निप्पल्स का रंग परिवर्तन: ब्रैस्ट और निप्पल्स में दर्द होना और निप्पल्स का रंग परिवर्तन गर्भावस्था के शुरूआती दिनों में महसूस कर सकते हैं। तब कुछ महिलाओं में निप्पल्स में संवेदनशीलता के साथ-साथ ब्रेस्ट में दर्द भी अनुभव किया जा सकता है।
- मूड स्विंग होना: गर्भावस्था की शुरूआती लक्षणों (Pregnancy ke lakshan) में मूड में मूड में उतार चढ़ाव आना भी अहम् भूमिका निभाता है। प्रेग्नेंसी के बाद एक महिला बिना कारण हंसना, रोना और असामान्य रूप में भावनात्मक व्यवहार का अनुभव करती है ऐसा उसके शरीर में हार्मोन की वजह से होता है। ये लक्षण अक्सर सभी महिलाओं में उनकी गर्भावस्था के समय काफी आम है।
- सिर दर्द और सिर भरी होना: गर्भावस्था की दूसरी और तीसरी तिमाही में सिर दर्द की वजह से स्ट्रेस हो सकती है। इसके अलावा अधिक वजन, हाई ब्लड प्रेशर, मांसपेशियों पर स्ट्रेस पड़ने, गलत पोस्चर और पोषक तत्वों की कमी की वजह से भी सिरदर्द की समस्या हो सकती है। साथ ही कैफीन के अधिक सेवन और आईसाइट कमजोर होने की वजह से भी ये समस्या हो सकती है।
- बार बार टायलेट जाना: गर्भावस्था के समय एचसीजी हार्मोन का लेवल बढ़ने की वजह से बार-बार यूरिन आने की इच्छा होती है। एचसीजी हार्मोन गर्भवती महिला की किडनी में रक्त के प्रवाह को बहुत अधिक बढ़ा देता है। जिसकी वजह से सामान्य दिनों की अपेक्षा अधिक पेशाब आता है, लेकिन नौस से सोलह हफ्तों के बार पेशाब (Pregnancy ke lakshan) की मात्रा सामान्य हो जाती है।
- खाने की इच्छा में बदलाव: गर्भधारण के बाद एक खास लक्षण होता है जो ज्यादातर सभी महिलाएं अनुभव अवश्य करती है। इसमें स्वाद में परिवर्तन, कभी किसी भोजन को खाने की बेहद इच्छा होना या मनपसंद भोजन से चिड़न होना। इसके अलावा एक नई गर्भवती महिलाओं में अक्सर आहार की गड़बड़ी विकसित होती है, प्रेग्नेंसी से पहले उनके पसंद किए जाने वाले व्यंजन इस समय पसंद नहीं आता है। वहीं आपको किसी खास भोजन को खाने का मन बार-बार हो सकता है, इसे प्रेग्नेंसी के आहार की क्रेविंग के रूप में जाना जाता है।
- पाचन सम्बन्धी समस्याएं जैसे कब्ज की शिकायत: गर्भावस्था के समय प्रोजेस्टेरोन हार्मोन बढ़ने की वजह से शरीर की मांसपेशिया रिलैक्स हो जाती है, जिसमें आंतें भी शामिल है। आंतों के धीमा पड़ जाने पर पाचन भी धीरे काम करने लगना है जिससे कब्ज की समस्या (Pregnancy ke lakshan) पैदा होती है। प्रेग्नेंसी में कब्ज की समस्या पैदा होती है। प्रेग्नेंसी में कब्ज होना आम बात है।
FAQs (प्रेगनेंसी के बारे पूछे जाने वाले प्रश्न) Question Pregnancy ke lakshan
Q1. प्रेग्नेंसी के लक्षण कितने दिन में दीखते है?
उ. आमतौर में प्रग्नेंसी क शुरूआती लक्षण 6 से 14 दिनों में दिखते हैं। इन लक्षणों में शामिल है शरीर का तापमान बढ़ना, ब्रेस्ट में सूजन, अधिक थकावट महसूस होना, अधिक नींद आना, ऐंठन और पेट सबंधी दिक्कते।
Q2. प्रेग्नेंट है या नहीं कैसे पता चलता है?
आप पीरियड का मिस होना, बार-बार टॉइलट जाना,ब्रेस्ट में हल्का दर्द या भारीपन,उल्टी आना या जी मिचलाना, हल्का बुखार होना, पेट में दर्द, टेस्ट और स्मेल में बदलाव जैसे लक्षणों के द्वारा प्रेग्नेंसी का पता लगा सकते हैं।
Q3. प्रेगनेंसी के पहले हफ्ते में क्या लक्षण दिखाई देते हैं?
गर्भावस्था के शुरूआती लक्षणों में जी मिचलाना और उल्टी होना, कई बार यूरिन जाना आदि शामिल है। इसके इतर गर्भधारण करने पर महिला को थकान की शिकायत होती है। इसके साथ ही कुछ महिलाओं में सिर दर्द के साथ ही शुरूआत में पैरों में सूजन भी नजर आती है। साथ ही ये इंप्लांटेशन ब्लीडिंग प्रेग्नेंसी के शुरूआती संकेत में से एक हैं।
Q4. माहवारी के कितने दिन बाद गर्भ ठहरता है?
आपके पीरियड्स की अवधि सामाप्त होने के बाद आप गर्भवती हो सकती है। प्रेग्नेंट होने के लिए पीरियड्स के बाद 5 दिन और ओव्यूलेशन वाला दिन भी शामिल है। अगर आप गर्भधारण करने की योजना बना रहे हैं तो आपको हफ्ते में दो या तीन बार सेक्स बार करने की सलाह देते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
हमारे लेख में बताए गए प्रेगनेंसी के शुरूआती लक्षण के जानने के बाद तुरंत अपनी जांच करवाएं और डॉक्टर से सलाह लें। इसे आगे जारी रखने के लिए इस TV Health पर क्लिक करें।