मलेरिया के लक्षण, कारण और बचाव! – Anti Malaria Month
Anti-Malaria month – गर्मी के समय मम गंदगी की वजह से मलेरिया की बीमारी न फैले इसको लेकर जून में एंटी मलेरिया माह (Anti-Malaria month in Hindi) मनाया जाता है। इसके तहत लारवा की जांच को लेकर टीमों का गठन किया गया है जो इस अभियान के तहत ये कार्य करती है। वहीं इस बीमारी को रोकने के प्रयासों से एक जून से जागरूकता के अभियाम की शुरूआत भी हो चुकी है।
मलेरिया एनाफिलीज मादा मच्छर (Anti-Malaria month in hindi) के काटने से होता है। इस प्रजाति के मच्छर बारिश के मौसम में अधिक होते हैं, क्योंकि बारिश का पानी अधिक दिनों तक जमा होने के कारण दूषित हो जाता है और यही इसी प्रजाति के मच्छर की उत्पत्ति होती है। मलेरिया के मच्छर के काटने की वजह से व्यक्ति को बुखार और सिर दर्द होना शुरू हो जाता है। कभी-कभी बुखार कम और ज्यादा होना शुरू हो जाता है। एनाफिलीज मादा मच्छर के काटने की वजह से इसक डंक का जीवाणु रोगी के रक्त में प्रवेश करके कोशिकाओं को प्रभावित करता है। वैसे तो ये बीमारी अफ्रीका और एशिया में अधिकतर देश शामिल है जहां मलेरिया पाया जाता है। भारत में ये बीमारी हर वर्ष पाई जाती है, लेकिन बारिश के मौसम में इसका इंफेक्शन अधिक देखने को मिलता है।
साथ ही WHO के अनुसार, दिसंबर 2016 में जारी किए गए आंकड़ों में मलेरिया के 21 करोड़ मामले सामने आए है और इनमें 42,000 रोगियों की मौत भी हो चुकी है। मलेरिया का ट्रांसमिशन 2015 में 91 दशों (Anti-Malaria month in Hindi) और क्षेत्रों में हुआ था। WHO के मुताबिक, मलेरिया के दक्षिण पूर्व एशिया में कुछ 77 प्रतिशत मामले भारत में है और गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, गोवा, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, दक्षिणी मध्यप्रदेश और पूर्वोत्तर राज्यों में मलेरिया का इंफेक्शन अधिक है।
मलेरिया का इतिहास (History of malaria in Hindi)
मलेरिया इटालियन भाषा में शब्द माला एरिया से निकला है, इसका हिंदी भावार्थ बुरी हवा है। इस बीमारी का सबसे पुराना वर्णन चीन से मिलता है जहां इसे दलदली बुखार (Marsh Fever) भी कहा जाता था। फिर साल 1880 में मलेरिया का सबसे पहली रिसर्च चार्ल्स लुई अल्फोंस लैवेरिन वैज्ञानिक ने किया है।
मलेरिया शब्द कैसे बना? (How did the word malaria come about in Hindi?)
मलेरिया इटेलियन (Anti-Malaria month in Hindi) भाषा के शब्द माला एरिया से बना है, जिसका अर्थ बुरी हवा होती है। ऐसा कहा जाता है कि, इस बीमारी को सबसे पहले चीन में पाया गया था जहां उसे समय पर दलदली बुखार कहा जाता था, क्योंकि ये बीमारी गंदगी से पनपती है।
कैसे होता है मलेरिया का बुखार? (How is malaria fever caused in Hindi?)
मलेरिया बुखार मच्छरों से होने वाला एक तरह का इंफेक्शन है जो प्लाज्मोडियम विवेक्स (plasmodium vivax) नाम का वायरस के कारण होता है। ये वायरस व्यक्ति के शरीर में मादा एनोफिलीज के काटने से प्रवेश करके उसे कई गुना बढ़ा देता है, जिसके बाद ये जीवाणु लिवर और रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करके व्यक्ति को बीमारी बनाता जाता है।
मलेरिया के प्रकार (Types of malaria in Hindi )
मलेरिया फैलाने वाली मादा मच्छर में जीवाणु की 5 जातियां होती है जैसे –
1. प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम
2. सोडियम विवैक्स
3. प्लास्मोडियम ओवेस मलेरिया
4. प्लास्मोडियम मलेरिया
5. प्लास्मोडियम नोलेसी
मलेरिया होने पर दिखाई देते है ये लक्षण (These symptoms appear when there is malaria in Hindi)
आमतौर पर आपको किस परजीवी ने काटा है, उसके आधार पर इंफेक्शन होने से लक्षण शुरू होने से लक्षण शुरू होने के बीच का समय 7 से 18 दिन होने है, लेकिन कुछ मामलों में लक्षण को विकसित होने में एक साल भी लग जाता है। साथ ही मलेरिया के प्रारंभिक लक्षण फ्लू (Anti-Malaria month in Hindi) की तरह है और इसमें कुछ इस प्रकार के लक्षण (मलेरिया के लक्षण और उपाय) शामिल है –
- शरीर का तापमान बढ़ना (बुखार)
- सिरदर्द
- पसीना आना
- ठंड लगना
- उल्टी होना
ये लक्षण अक्सर हल्के होते हैं और कभी-कभी इन्हें मलेरिया के रूप में पहचानना (Anti-Malaria month in Hindi) काफी मुश्किल होता है। कुछ प्रकार के मलेरिया में बुखार 48 घंटे के साइकल में होता है। इन चक्रों के समय आपको कपकपी के साथ पहले ठंड लगती है। फिर पसीना और थकान के साथ आपको बुखार आने लगता है। यह लक्षण आमतौर पर 6 से 12 घंटे के बीच रहते है। मलेरिया के अन्य लक्षणों में शामिल है जैसे –
- मांसपेशियों में दर्द होना
- उल्टी-दस्त होना
- अस्वस्थ महसूस करना
साथ ही सबसे गंभीर प्रकार के मलेरिया का कारण प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम परजीवी है। यदि इसका जल्द से जल्द इलाज न किया जाए तो इससे आपके जीवन पर गंभीर परिणाम पड़ सकते हैं जैसे कि सांस लेने की समस्या और अंगों का काम नहीं करना। इसकी वजह से एनीमिया, सेरेब्रल मलेरिया, बहुत कम ब्लड शुगर भी हो सकता है जिसके परिणामस्वरूप कोमा हो सकता है या मृत्यु हो सकती (मलेरिया के लक्षण और उपाय) है।
मलेरिया के अधिक जोखिम वाले क्षेत्र (Anti-Malaria month in Hindi) में रहने या यात्रा करने के समय अगर आपको तेज बुखार का अनुभव होता है तो अपने चिकित्सक से संपर्क करें। मलेरिया होने पर परजीवी एक वर्ष तक आपके शरीर में निष्क्रिय रह सकते हैं। वहीं अगर आपको मलेरिया के गंभीर लक्षण है तो emergency medicine के लिए तुरंत जाएं।
मलेरिया का घरेलू उपचार (Home remedies for Anti Malaria Month in Hindi)
1. गिलोय मलेरिया और डेंगू के इलाज के लिए अमृत मानी जाती है। गिलोय की गोली का काढ़ा (Anti-Malaria month in Hindi) बनाकर दिन में 3-4 बार सेवन करने से आराम मिलता है। गिलोय, तुलसी, काली मिर्च और पपीते के पत्तों को उबालकर या रात में मिट्टी के बर्तन में भिगोकर सुबह छानकर पिएं। बुखार में राहत मिलेगी।
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2. तुलसी के पत्ते (8-10) और 7-8 काली मिर्च को पीसकर शहद के साथ सुबह-शाम लेने से बुखार में कमी आने लगती है।
3. मलेरिया से जूझ रहे लोगों को नींबू में काली मिर्च और सेंधा नमक या सेब पर काली मिर्च और सेंधा नमक छिड़क कर खिलाने में लाभ (Anti-Malaria month in Hindi) देखने को मिलते हैं।
4. मलेरिया में तरल पदार्थों के अलावा खिचड़ी, दलिया, साबुदाना जैसे हल्के और पोषक तत्वों से भरपूर आहार दें।
5. मलेरिया में विटामिन -सी और बहुत सारे पौषक तत्वों से भरपूर अमरूद का सेवन करना भी फायदेमंद माना जाता है।
डिस्कलेमर (Disclaimer)
ये सामान्य जानकारी है, इसमें सुधार के लिए आपको अपने डॉक्टर जांच करवानी है और उन्हीं के अनुसार. आपको अपनी जीवनशैली और आहार का खास ध्यान रखना हैं।