जानिए योग का महत्व और उसके प्रकार
योग प्राचीन समय से भारत के संतों द्वावा विकसिन ध्यान की एक पारंपरिक पद्धति है। योग हमारे मन और शारीरिक गतिविधियों को कंट्रोल करने के लिए भी किया जाता है। साथ ही योग संस्कृत शब्द से उत्पन्न हुआ है और इसका साफ अर्थ है शामिल होना या एकजुट होना। योग से शरीर, मन, चेतना और आत्मा को एकजुट करके संतुलन में किया जाता है। जिसे योग हमारी रोजमर्रा की मांगों, समस्याओं और चिंताओं का सामना करने में मदद करता है।
योग का क्या इतिहास है?
भारत में कई हजारों साल पहले से ऋषियों और संतों ने भौतिक और आध्यात्मिक क्षेत्र के नियमों की खोज की। इसे योग की उत्पत्ति हुई और इसमें शरीर, सांस, एकाग्रता, विश्राम और ध्यान के मूल्यवान, व्यावहारिक निर्देश दिए गए।
योग के मुख्य लक्ष्य है –
- शारीरिक स्वास्थ्य
- मानसिक स्वास्थ्य
- सामाजिक स्वास्थ्य
- आध्यात्मिक स्वास्थ्य
- आत्म-बोध
इन लक्ष्यों को प्राप्त करने की विधि –
- सभी जीवों के लिए प्यार
- जीवन का सम्मान, प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण
- मन की शांति
- शाकाहारी भोजन
- शुद्ध विचार और सकारात्मक जीवनशैली
- शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास
- सभी संस्कृतियों और धर्मों के लिए सहिष्णुता
योग के प्रकार?
योग के मुख्य चार प्रकार होते हैं जो कुछ इस प्रकार है-
- राज योग – राज का अर्थ शाही है और योग की इस शाखा का सबसे अधिक महत्वपूर्ण अंग है ध्यान। इस योग के आठ अंग है, जिस वजह से पंतजलि ने इसका नाम रखा था अष्टांग योग। इस योग सूत्र में पंतजलि ने उल्लिखित किया है। यह 8 अंग इस प्रकार है- यम, नियम, आसन, प्राणायम, प्रत्याहार, धारण, ध्यान और समाधि आदि। राज योग आत्मविवेक और ध्यान करने के लिए तैयार व्यक्तियों को आकर्षित करता है। आसन राज योग का सबसे प्रसिद्ध अंग है जो अधिकतर लोगों के लिए योग का अर्थ ही है आसन, लेकिन आसन एक प्रकार के योग का सिर्फ एक हिस्सा है। योग आसन अभ्यास से कहीं अधिक है।
- कर्म योग – अगली शाखा कर्म योग या सेवा का मार्ग है और हम में से कोई भी इस मार्ग से नहीं बच सकता है। कर्म योग का सिद्धांत ये है कि, जो आज हम अनुभव करते हैं वे हमारे कार्यों द्वारा अतित में बनाया गया है। इस बारे में जागरूक होने से हम वर्तमान को अच्छा भविष्य बनाने का एक रास्ता बना सकते हैं, जो हमें नकारात्मकता और स्वार्थ से बाध्य होने से मुक्त करने में सहायता है। कर्म आत्म-आरोही कारवाई का मार्ग है। जब भी हम अपना काम करते हैं और अपना जीवन निस्वार्थ रूप में जीते हैं, दूसरों की सेवा करते हैं, हम कर्म योग करते हैं।
- भक्ति योग – भक्ति योग में भक्ति के मार्ग का वर्णन करने लगते हैं। सभी के लिए सृष्टि में परमात्मा को देखकर भक्ति योग भावनाओं को कंट्रोल करने का एक सकारात्मक तरीका है। भक्ति का मार्ग हमें स्वीकार्यता और सहिशष्णुता पैदा करने की अवसर प्रदान करता है।
- ज्ञान योग – यदि हम भक्ति को मन का योग मानते हैं, तो ज्ञान योग बुद्धि का योग है, ऋषि या विद्वान का मार्ग है। इस पथ पर चलने के लिए योग के ग्रंथों और ग्रंथों के अध्ययन के माध्यम से बुद्धि के विकास की आवश्यकता होती है। ज्ञान योग को सबसे कठिन माना जाता है और साथ ही साथ सबसे प्रत्यक्ष। इसमें गंभीर अध्ययन करना होता है और उन लोगों को आकर्षित करता है जो बौद्धिक रूप से इच्छुक हैं।
इसके अलावा प्राचीन ऋषियों ने ये भी पता लगाया की हजारों नाडियों में तीन है जो सबसे शक्तिशाली ऊर्जा का स्त्रोत हैं और जब पर्याप्त रूप से शुद्ध किया जाता है तो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक का विकास होता है। इनका नाम ईड़ा, पिंगला और सुषुम्ना है। योगियों ने बहुत समय पहले पता लगाया था कि बाएं नथुने से सांस लेने से इड़ा नाड़ी को उत्तेजित किया जाता है और सांस दाहिने नथुने के माध्यम से पिंगला नाडा को उत्तेजित कर देतें है। दोनों नाड़ियों के कार्य को संतुलित करके हम सुषुम्ना नाम मुख्य ऊर्जा नाड़ी को उत्तेजित कर सकते हैं।
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योग से होने वाले फायदे?
हर खुशहाल जिंदगी जीना चाहता है, लेकिन इस आधुनिक समय में अधिक से अधिक शारीरिक और भावनात्मक मांगों बढ़ती जा रही है। परिणाम स्वरूप अधिक से अधिक लोग शारीरिक और मानसिक समस्याओं से गस्त हो रहे है। जिसमें स्ट्रेस, चिंता, अनिद्रा शामिल हैा जिस वजह से स्वास्थ्य के सुधार के लिए तरीके और तकनीक खोज की जा रही है। योग करने से रीढ़ से लचीलापन आता है जो शारीरिक स्थिति में सुधार करता है और ध्यान यानी मेडिटेशन के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ती है। ध्यान देना जरूरी है कि, रोजाना योग धीरे-धीरे अभ्यास करें, सांस के साथ गति को समन्वित करते गुए, हर स्थिति में गति को रोकें और हमेशा पूरी एकाग्रता के साथ योग करें।
बता दें कि, जब हमारे शारीरिक रूप से स्वस्थ होता है तो मन स्पष्ट, केंद्रित और स्ट्रेस पर कंट्रोल होता है। वहीं जब आप स्वस्थ होते हैं तो आपके भीतर मन के साथ, दूसरों के साथ और आपके संपर्क में आने वाले हर व्यक्ति के साथ जोड़ सकते हैं। योगा करते समय आप सांस पर ध्यान देंते हैं तो आप तनाव और चिंता मुक्त होते हैं। नियमित योग अभ्यास करने से अनिद्रा को ठीक करने में सहायता करते हैं और गहरी नींद आती है जो आपके शरीर में ऊर्जा बनाए रखने में सहायता करते हैं। विभिन्न प्रकार के रोगों के लिए रोग एक प्रभावी उपचार है, क्योंकि ये उन लक्षणों को कम कर सकता है जो बीमारियों की वजह से बनते हैं जैसे कि, अकड़न, थकान और कमजोरी आदि। यहा तक की बच्चे भी योग का अभ्यास कर सकते हैं।