एक्जिमा क्या है? (What is Eczema In Hindi)
Eczema In Hindi – एक्जिमा एक ऐसी स्थिति है जिसके कारण स्किन फट कर खुरदरी हो जाती है, सूज जाती है और फफोले भी हो सकते हैं। इसे आम भाषा में खुजली कहा जाता है, ये खुजली से काफी अलग और गंभीर रोग है। हमारे देश में कई लोग एक्जिमा से पीड़िता है, लेकिन देखा जाए तो एक्जिमा से पीड़ित लोगों में अमेरिका का नंबर सबसे आगे है।
लेकिन मुश्किल की बात ये है कि एक्जिमा का इलाज आसान नहीं होता है। ये जल्दी ठीक नहीं होते हैं और कभी भी वापस आ सकते हैं। एक्जिमा (Eczema In Hindi) होने पर व्यक्ति को अन्य डिजीज जैसे बुखार और अस्थमा होने की भी आशंका रहती है।
एक्जिमा के प्रकार – Types of Eczema in Hindi
एक्जिमा के प्रकार में शामिल है –
1. एटोपिक डार्माटाइटिस
ये एक्जिमा का सबसे आम प्रकार है। ये आमतौर पर बचपन में शुरू होता है और हल्का हो जाता है या वयस्कता से गायब हो जाता है। ये आमतौर पर अस्थमा और हे फीवर के साथ होता है।
2. एलर्जी संपर्क जिल्द की सूजन
ये एक प्रकार की स्किन की प्रतिक्रिया है जो एक एलर्जेन या पदार्थ के संपर्क के कारण होती है, जिसे प्रतिरक्षा प्रणाली एक विदेशी शरीर के रूप में पहचानती है।
3. न्यूरोडर्मोटाइटिस
इस तरह के एक्जिमा (Eczema In Hindi) के परिणामस्वरूप फोरआर्म्स, कलाई, निचले पैर और सिर पर स्किन के पपड़ीदार पैच हो जाते हैं। ये एक स्थानीय खुजली की वजह से होता है जैसे उदाहरण के लिए एक कीट के काटने।
4. हाथ एक्जिमा
एक्जिमा जो केवल हाथों को प्रभावित करता है उसे हाथ एक्जिमा के रूप में जाना जाता है। ये आमतौर पर सफाई या हज्जामखाना से जुड़ी नौकरियों में देखा जाता है, जहां रसायन स्किन के संपर्क में आ सकते हैं और जलन पैदा कर सकते हैं।
5. डिस्कोइड एक्जिमा
इसे न्यूमुलर एक्जिमा (Eczema In Hindi) के रूप में भी जाना जाता है और इसमें चिड़चिड़ी स्किन के गोलाकार पैच की उपस्थिति की विशेषता होती है जो पपड़ीदार और खुजलीदार हो सकती है।
6. स्टैसिस डार्माटाइटिस
ये एक स्थिति है जिसमें निचले पैर की स्किन में जलन होती है। ये स्थिति आमतौर पर संचार विकारों से संबंधित होती है।
7. डायशिड्रोटिक एक्जिमा
ये पैरों के तलवों और हाथों की हथेलियों पर स्किन की जलन की स्थिति है, ये स्थिति फफोले की विशेषता है।
एक्जिमा के लक्षण क्या हैं? Eczema Symptoms in Hindi
एक्जिमा का मुख्य लक्षण खुजलीदार, शुष्क, खुरदरी और परतदार स्किन है, जिसमें काफी इन्फलमेशन भी होती है। एक्जिमा एकदम से बढ़ सकता है, कम हो सकता है और फिर-फिर से बढ़ सकता है। एक्जिमा बॉडी पर कहीं भी हो सकता है, लेकिन आमतौर पर बाहों, कोहनी के अंदरूनी हिस्से, घुटनों के पीछे या सिर को प्रभावित करता है। ये इंफेक्शन नहीं होता है और कुछ मामलों में उम्र के साथ-साथ कम गंभीर हो सकता है। ये लक्षण कुछ इस प्रकार है –
- तेज खुजली
- लाल या भूरे-ग्रे पैच
- मोटी, पपड़ीदार स्किन
- सूखा पीला रिसाव जो इंफेक्शन का संकेत हो सकता है
- छोटे उभराव जिनमें खरोंच लगने पर फ्लूइड निकलता है
साथ ही एक्जिमा (Eczema In Hindi) को खरोंचने से स्किन में इन्फ्लमेशन बढ़ जाती है। ये इंफेक्शन का कारण बन सकता है, जिसका इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से करना पड़ता है।
वयस्कों में एक्जिमा के लक्षण क्या हैं?
एडल्ट में एक्जिमा के लक्षण बच्चों के समान ही होते हैं। हम कह सकते है कि बच्चों की तुला वयस्कों में ये लक्षण और अधिक बड़े हुए हो सकते हैं। एक्जिमा (Eczema In Hindi) के बाद के स्टेज में लक्षण देखें जा सकते हैं, क्योंकि ये डिजीज के एक निश्चित स्टेज के बाद ही सतह पर लक्षण देखें जा सकते हैं।
ये संकते कोहनियों या घुटनों की सिलवटों या गर्दन के पिछले हिस्से में देखें जा सकते हैं जैसे –
- अधिक पपड़ीदार चकत्ते
- शुष्क स्किन
- खुजली
- स्किन इंफेक्शन के अन्य रूप
क्या एक्जिमा कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली का संकेत है?
भले ही एक्जिमा (Eczema In Hindi) का अनुभव होने का एक कारण कमजोर प्रतिरक्षा है, लेकिन ये जरूरी नहीं है कि ये कमजोर इम्यूनिटी का एक निश्चित संकेत है। ये सिर्फ एक संकेत है कि आपकी इम्यून सिस्टम शरीर के कुछ ऐसे जोखिम के प्रति संवेदनशील या अति प्रतिक्रिया कर रही है जो वास्तविक नहीं है, इसलिए किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले बीमारी के मूल कारण को जानना जरूरी है, क्योंकि इससे डॉक्टर को इलाज में सहायता मिलती है।
क्या एक्जिमा एक फंगल या जीवाणु संक्रमण है?
एक्जिमा एक समय के बाद सीमित नहीं होता है, बल्कि ये बैक्टीरिया, फंगस या वायरस से हो सकता है। स्टैफिलोकोकस ऑरियस बैक्टीरिया है जो स्किन की खुली दरारों के माध्यम से प्रवेश करता है जिससे सूखी पपड़ीदार स्किन और खुजली होती है।
सी.एल्बिकैंस एक फंगल इंफेक्शन है जो कूल्हे के जोड़ों और प्यूबिक जगहों जैसे नम और डार्क जगहों में विकसित होता है और अंत में हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस, सबसे दुर्लभ और एकमात्र वायरस है जो एक्जिमा का कारण बन सकता है।
एक्जिमा के चरण क्या हैं?
मरीज की अवधि और तीव्रता के मुताबिक एक्जिमा को दो श्रेणियों में विभाजत किया जा सकता है जैसे –
1. एक्यूट एक्जिमा
ये थोड़े समय के लिए होता है जो आमतौर पर कुछ हफ्तों के बाद उचित उपचार से ठीक हो जाता है।
2. क्रोनिक एक्जिमा
इसके नाम से भी पता चलता है कि ये श्रेणी तब तक रहेगी जब तक आप जीवि रहेंगे। ये आमतौर पर शैशवावस्था के समय विकसित होता है और जीवन के वयस्क स्टेजों में जाता है।
बता दें कि, दोनों श्रेणियां इंफेक्शन के स्टेज एक के अंतर्गत आती है, दूसरे स्टेज जिसे हम सबएक्यूट (Subacute) के रूप में जाना जाता है, जो को रिकवरी के समय देखा जा सकता है। इस स्टेज के समय आपकी स्किन ठीक होने की प्रक्रिया में होती है। साथ ही ट्रीटमेंट के पाठ्यक्रम को पूरा करना जरूरी है, क्योंकि अनुपचारित एक्जिमा (Eczema In Hindi) एक पूर्ण विकसित दाने में विकसित हो सकता है जो स्किन के लिए हानिकारक हो सकता है।
एक्जिमा का मुख्य कारण क्या है? Eczema Causes in Hindi
एक्जिमा के मुख्य कारण निम्नलिखित है –
- ऐसा माना जाता है कि ये एक अति सक्रिय प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा ट्रिगर करती है जो उत्तेजनाओं के संपर्क में आक्रामक तरीके से प्रतिक्रिया करता है।
- एक्जिमा के मामलों में इम्यून सिस्टम में सूजन पैदा करने वाले दो प्रोटीनों के बीच अंदर करने की क्षमता खो देती है।
- सामान्य परिस्थितियों में प्रतिरक्षा प्रणाली इन उपेक्षा करती है और केवल वायरस या बैक्टीरिया जैसे विदेशी आक्रमणकारियों के प्रोटीन पर हमला करती है।
- एक्जिमा कभी-कभी शरीर में मौजूद प्रोटीन की असामान्य प्रतिक्रिया की वजह से भी हो सकता है।
जब स्किन पर एक्जिमा (Eczema In Hindi) के एक या अधिक संकेत दिखाई देते हैं, तो एक्जिमा भड़क सकता है। एक्जिमा फ्लेयर-अप के सामान्य ट्रिगर्स में शामिल है।
- कृत्रिम सूत (synthetic yarn)
- शरीर के तापमान में वृद्धि
- डिटर्जेंट और क्लीनर में पाए जाने वाले रसायन
- पसीना आना
- खुरदुरा पदार्थ जैसे ऊन
- स्ट्रेस
- तापमान में परिवर्तन
- ऊपरी श्वसन पथ के इंफेक्शन
- कुछ खाद्य पदार्थों से एलर्जी
- जानवरों की रूसी
- आद्रता के लेवल में अचानक गिरावट
एक्जिमा किसकी कमी से होता है?
शोध में पाया गया है कि स्किन में एक खास प्रोटीन की कमी की वजह से एक्जिमा या खास होता है। एटोपिक एक्जिमा स्किन की एक आम स्थिति है और अक्सर ये बच्चों में उनके जीवन के पहले साल में पाई जाती है। ये उनके वयस्क होने पर भी बनी रहती है। इसके गंभीर प्रभाव के रूप में स्वास्थ्य और नींद संबंधी विकार सामने आते हैं।
एक्जिमा को कैसे रोका जा सकता है? Prevention of Eczema in Hindi
कुछ तरीके जिनसे एक्जिमा को रोका जा सकता है और वे इस प्रकार है – तीव्र पसीना और अधिक गर्मी एक्जिमा के प्रकोप को ट्रिगर करती है। गर्मी के माहौल से बचें और अपने बेडरूम को हमेशा ठंडा रखें।
- स्ट्रेस से प्रकोप बढ़ सकता है। स्ट्रेस से बचने और तनावमुक्त रहने के लिए करें शारीरिक व्यायाम, योग मेडिटेशन करें।
- एलर्जेंस और एलर्जी के संपर्क में न आएं।
- कोशिश करें कि गर्म पानी की बजाए गुनगुने पानी से नहाएं।
- स्ट्रेस को खरोंचे नहीं, खुजली वाली जगह को धीरे से मलें।
- आरामदायक कपड़े पहनें विशेष रूप से सूती कपड़े चुनने से आपकी बॉडी को अच्छी तरह से सांस लेने की अनुमति मिलती है।
- कम से कम आठ गिलास पानी पिए जिससे आपकी स्किन से नमी बनी रहे।
- माइल्ड मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करें।
- नहाने के लिए माइल्ड साबुन का इस्तेमाल करें और स्किन को रगड़ने की बजाए थपथपाएं नहीं।
एक्जिमा कितने समय तक रहता है?
स्टेज के आधार पर एक्जिमा (Eczema In Hindi) की अवधि हफ्तों या जीवनभर के लिए हो सकती है। वहीं तीव्र एक्जिमा के मामले में एक या दो सप्ताह की तरह, कम समय के लिए स्किन की परेशानी का अनुभव हो सकता है।
इसके अलावा प्रभावित क्षेत्र पर लगाने के बाद आपको कुछ दिनों के अंदर इसके लक्षणों में सुधार दिखाई देगा, लेकिन टॉपिकल कॉर्टिकोस्टेरॉइड का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए। आदि इन्हें बॉडी के गलत हिस्से पर बहुत अधिक है तो ये स्किन को पतला कर सकते हैं।
एक्जिमा के निदान का तरीका क्या है? Diagnosis of Eczema in Hindi
एक्जिमा के निदान के लिए कुछ जांच होना जरूरी है, डॉक्टर अक्सर नीचे दिए हुए टेस्ट्स से एक्सिमा का निदान करते हैं।
1. ब्लड टेस्ट
अमूमन रक्त जांच कराया जाता है, जिसमें इसिनोफिस लेवल और आईजीई एंटी बॉडी टेस्ट किया जाता है। इसिनोफिल और आईजीई अमूमन उन लोगों का अधिक होता है जिन्हें एक्जिमा होता है।
इस प्रक्रिय में डॉक्टर स्किन को सुन्न कर देते हैं और फिर स्किन के कुछ छोटे हिस्सों को निकालता है। तब इसका उपयोग ऐटोपिक डर्मेटाइटिस के अलावा लो ग्रेड के स्किन कैंसर या सोरायसिस जैसे अन्य स्किन (Eczema In Hindi) डिजीज का पता लगाने के लिए किया जाता है।
3. बुक्कल स्वैब
इस प्रक्रिया के तहत गाल के अंदरूरी हिस्से को कॉटन ऐप्लिकेट की सहायता से स्वैब किया जाता है, क्योंकि डीएनए मटीरिलय के स्त्रोत के लिए सेल्स मिल सकें, फिर इस फिलाग्ग्रिन जीन में म्यूटेशन देखा जाता है जो एक्जिमा के कारणों में से एक होता है।
एक्जिमा का घरेलू इलाज करने के लिए उपाय (Home Remedies for Eczema or Itching in Hindi)
1. शहद का प्रयोग कर एक्जिमा से पाये मुक्ति
शहद इंफेक्शन से लड़ने के लिए काफी लाभदायक और प्राकृतिकतौर पर उपयोग किया जाता है। शहद में एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं। ये स्किन के लिए बहुत फायदेमंद है और खुजली (Eczema In Hindi)वाली जगह को राहत प्रदान करता है।
2. एलोवेरा से एक्जिमा का घरेलू इलाज
एलोवेरा में व्याप्त मॉइस्चराइजिंग गुण स्किन में नमी को बरकरार कर रूखेपन को पास नहीं आने देता। इस तरह से ये त्वचा को नम बनाए रखता है और स्किन को ठंडक प्रदान करने के साथ ही खुजली से भी बचाता है।
3. हल्दी से एक्जिमा का घरेलू उपचार
हल्दी के कई गुणों से भरपूर होती है, लेकिन कम लोग ही जानते होंगे कि, एक्जिमा के इलाज में भी ये लाभकारी है। इसमें व्याप्त एंटी-सेप्टिक, एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेट्री गुणों से खुजली में राहत मिलती है और फोफले, फुंसी, सूजन का खात्मा होते हैं।
4. तुलसी का प्रयोग कर एक्जिमा से मुक्ति
तुलसी एंटी-माइक्रोबियल गुण त्वचा को इंफेक्शन से बचाता है। ये स्किन की जलन कम करता है और फुंसी आदि को भी ठीक करता है। इसके इस्तेमाल के लिए आपको तुलसी के कुछ पत्ते तोड़कर इसका रस निकाल लें। रस निकालने के लिए आप पतले सूती कपड़े या मलमल का इस्तेमाल कर सकते है। फिर इस रस रो एक्जिमा (Eczema In Hindi) वाली जगह पर लगाएं और सूखने का इंतेजार करें। सूख जाने के बाद सादे पानी से धोएं और ऐसा रोजाना करें। इस तुलसी की ताय पीने से भी एक्जिमा से राहत मिलती है।
5. त्रिफला और गिलोय से एक्जिमा का घरेलू उपचार
त्रिफला औ गिलोय की छाल को लेकर दो गिलास पानी में उबालें। जब ये उबलकर आधा रह जाएं, तब इसमें एक नींबू का रस मिला लें। इसे दिन में तीन बार पिएं। एक महीने तक इसका लगातार सेवन करने से एक्जिमा डिजीज से छुटकारा पा सकते हैं।
6. एक्जिमा में नीम से फायदा
नीम में प्राकृतिक रूप में एंटी-इफ्लेमेट्री गुण होते हैं जिससे ये स्किन के लालीपन को कम करता है और इससे स्किन की सूजन भी कम होती है। नीम में प्राकृतिक रूप से एनाल्जेसिक गुण होते हैं, इसलिए एक्जिमा के इलाज के लिए नीम की क्रीम का इस्तेमाल किया जाता है जो एक्जिमा (Eczema In Hindi) से तुंरत आराम दिलाता है साथ ही इसके दर्द को भी कम करता है।
7. एक्जिमा में बबूल से लाभ
बबूल के फूलों को पीसकर एक्जिमा पर लेप करें। ये बहुत फायदेमंद नुस्खा है। बेहतर परिणाम के लिए किसी आयुर्वेदिक उपचार से सलाह लेने की जरूरत है
8. एक्जिमा में थूहर से लाभ
थूहर के डण्डे को कूट कर पकाएं, जब तक थूहर पूरी तरह से जल न जाएं और उसके बाद उसे छान लें। ठंडा होने पर शीशी में भर लें। नीम की पत्तियां डालकर खोलाएं और पानी से साफ कर लें। रूई से रोज 3-4 बार इस तेल का इस्तेमाल करें। इस विधी से पुराने से पुरानी बीमारी एक सप्ताह में खत्म कर सकते हैं।