रागी क्या है?
सर्दियों का मौसम हर किसी को पसंद होगा, लेकिन सर्दियों का मौसम अपने साथ बहुत सी बीमारियों को लेकर आता है। इसलिए इस में अपनी स्वास्थ्य का अधिक ध्यान रखना पडता है। इस मौसम में सर्दी जुकाम जैसे वायरल का खतरा अधिक रहता है और आज कल तो कोरोना वायरस को लेकर हर कोई परेशान है और इसमें हमारी इम्यूनिटी का मजबूत होना भी बेहद जरूरी है, क्योंकि इम्यूनिटी कमजोर होने से शरीर को बहुत सी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है। यदि आपकी इम्यूनिटी मजबूत है तो हम कई मौसमी बीमारियों से बचे रहते हैं।
साथ ही आप इम्यूनिटी को मजबूत रखने, सर्दियों में फ्लू, इंफेक्शन से बचने के लिए अपने आहार में कुछ चीजों को शामिल करके बच सकते हैं जैसे रागी। जी हां, रागी एक वार्षिक पेड़ है जो अनाज के रूप में अफ्रीका और एशिया के जगहों पर भरपूर मात्रा में उगाया जाता है। लेकिन रागी भारत में मुख्य रूप से कर्नाटकी, आंध्र प्रदेश तमिलनाडू, महाराष्ट्र और गोवा में अधिक मात्रा में उगाया जाता है और इसका इस्तेमाल किया जाता है। आप रागी को अपनी डाइट में शामिल करके सभी बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं। बता दें कि, रागी में एमिनो एसिड, एंटी-ऑक्सीडेंट्स और फाइबर के गुण होते हैं जो प्राकृतिक तरीके से आपको तनाव मुक्त रखने, माइग्रेन की बीमारी से बचाने, वजन कम करने और सबसे मुख्य समस्या डायबिटीज में सुधार करने में मदद करती है। तो चलिए विस्तार से जानते हैं डायबिटीज में कैसे रागी फायदेमंद होती है।
जानिए डायबिटीज में रागी सही या गलत?
रागी में पॉलीफिनॉल्स और डाइटरी फाइबर अच्छी मात्रा में होता है जो डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स बेहद कम होता है जो आहार के बाद रक्त शर्करा को बढ़ने से रोकता है। दरअसल, कार्बोहाइड्रेट से भरपूर फूड्स रक्त शर्करा को प्रभावित करने का काम करता है। वहीं कुछ शोध पता चला है कि, डायबिटीज के रोगी अपने आहार में रागी को शामिल कर सकते हैं। इसे आप नाश्ते या फिर दोपहर के भोजन में भी शामिल कर सकते हैं, जिससे आपका पूरा दिन ग्लूकोज के स्तर से भरपूर रहे। इसमें उच्च मात्रा में फाइबर होते हैं जो पाचनक्रिया को सुचारू रखता है और अतिरिक्त चर्बी को जमने नहीं देता है।
डायबिटीज रोगी रागी की रोटी कैसे बनाकर खाएं?
डायबिटीज मरीज रोगी को कई तरीके से आहार में शामिल कर सकते हैं। स्टफ्ड रागी रोटी ना सिर्फ पौष्टिक तत्वों से भरपूर होती है, बल्कि हेल्दी भी होती है। आप इसमें स्टफिंग करने के लिए सब्जियां, पनीर आदि का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। सब्जियों से भरी हुई रोटी फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है। तो चलिए जानते हैं सामग्री के बारे में।
- रागी का आटा – 1 कप
- गेहूं का आटा – 1 कप
- पानी जरूरत के अनुसार
- नमक स्वादानुसार
स्टफिंग की सामग्री –
- मेथी के पत्ते – थोड़े से बारीक कटे हुए
- करेला – एक छोटा बारीक कटा हुआ
- पालक साग – बारीक कटे हुए 1 बड़ा चम्मच
- फूलगोभी – बारीक कटा हुआ 2 चम्मच
- हरी मिर्च – 1 कटी हुई
- अदरक – एक टुकड़ा कटा हुआ
- तेल – 1 बड़ा चम्मच
- नमक – स्वादाअनुसार
नोट – अगर आपने आटे में नमक डाल दिया है तो स्टफिंग में बेहद कम नमक ही रखें।
रागी की स्टफ्ड रोटी बनाने की विधि –
गेहूं और रागी के आटे को मिलाएं। इसमें पानी डालकर मुलायम गूंद लें। सभी हरी सब्जियों को डालकर इसे अच्छे से मिक्स करें। लेकिन ध्यान रखें कि, सब्जियों को बेहद बारीक काटनी है। भरावन यानी स्टफिंग जब तैयार हो जाए, तो आटे की लोई बनाए और उसमें थोड़ा सी स्टफिंग रखें और फिर बंद कर दें। अब धीरे-धीरे इसे बेले और ऐसे बेले की ये फटे ना। गैस पर पैन रखकर गर्म करें। रोटी को पैन पर रखकर उसे हल्का-हल्का सेकें। घी या तेल से आप इसे सेकें तो इसी तरह तैयार है आपकी स्टफ्ड रागी रोटी। आप इसे धनिया,स पुदिया या आंवले की चटनी के साथ गरमा गर्म खाएं। इसके अलावा आप सब्जियों को कडाई में थोड़ा भून भी सकते हैं। इसके बाद इसे आटे में स्टफिंग कर सकते है।
बता दें कि, ये रागी रोटी डायबिटीज मरीजों के लिए बहुत हेल्दी है, क्योंकि इसमें करेला भी है। करेले में एंटी-डायबिटीज प्रॉपर्टी चैरंटीन होता है जो रक्त में ग्लूकोज के स्तर और इंसुलिन की तरह कम्पाउंड पॉलीपेप्टाइड – पी को कम करता है।
रागी के सेवन से अन्य फायदे?
- एनीमिया – आयरन की समस्या होने पर रागी का सेवन करना फायदेमंद होता है, क्योंकि रागी आयरन का एक अच्छा स्त्रोत माना जाता है। ये एनीमिया के मरीजों के लिए और कम हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है।
- वजन कम करें – वजन कम करने में रागी का सेवन करना लाभदायक माना जाता है, क्योंकि रागी में अधिक मात्रा में फाइबर होता है। इसका सेवन करने के बाद पेट अधिक समय तक भरा-भरा हुआ रहता है। इससे भूख कम लगती है और वजन कम करने में मदद करती है।
- स्ट्रेस – रोज रागी को अपने आहार में शामिल करने से चिंता, तनाव से छुटकारा मिलता है। रागी में एमिनो एसिड, एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो प्राकृतिक तरीके से आपको तनाव मुक्त रखने में मदद करती है।
- कैल्शियम – रागी में काफी अच्छी मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। रागी के सेवन से कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए किया जाता है। कैल्शियम हड्डियों और दातों के लिए बेहद जरूरी होता है। कैल्शियम ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम के लिए भी जरूरी होता है।
निष्कर्ष – दोस्तों अगर आपको हमारी जानकारी पसंद आई हो तो इसे अधिक से अधिक लोगों को शेयर करके उन तक इस जानकारी को पहुंचाएं। इसके अलावा आप डायबिटीज से जुड़ी अन्य जानकारी पाना चाहते हैं तो हमारे यूट्यूब चैनल TV Health को सब्सक्राइब अवश्य करें और अपने स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी पाने के लिए हमें कमेंट में लिखकर पूछ सकते हैं।