नींद की कमी: लक्षण, कारण, प्रभाव और रोकथाम
सोना (नींद की कमी) हमारी जिन्दगी का एक अहम क्रियाओं में से एक है। अगर किसी दिन किसी वजह से हम थोड़ा भी कम सो लेते हैं तो हम खुद को असामान्य महसूस करने लगते हैं। कम सोना यदि आपके डेली रूटीन का हिस्सा बन जाए तो संभव है कि आपको नींद की कमी की शिकायत हो सकती है। नींद की कमी इंसान की लाइफ को बहुत प्रभावित करती है। साथ ही अनिंद्रा से परेशान व्यक्ति शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से परेशान हो जाता है।
साथ ही रात में नींद पूरी ना होने पर लोगों को दिनभर सुस्ती और थकान महसूस होने लगती है। बार-बार आने वाली उबासियां और कई कप कॉफी और चाय पीने से भी जब भी ये सुस्ती ना जाए तो भरपूर नींद सोने से ही ये समस्या सुलझ पाती है। वहीं नींद न पूरी (Neend ki kami) होने पर शरीर में कुछ ऐसे लक्षण भी दिखाई देते हैं जिसमें आमतौर पर लोगों का ध्यान नहीं जाता है और अगर जाता भी है तो वे सामान्य समझकर अनदेखा कर देते हैं।
वहीं कुछ शोधकर्ताओं के द्वारा, पर्याप्त नींद न मिलने के प्रभाव हमारे हर एक शरीर अंग पर पड़ता है। ये एक मेंटल हेल्थ और फिजिकल हेल्थ को बुरी तरह प्रभावित करता है। डिप्रेशर और एंग्जायटी जैसी परेशानियां गंभीर स्थिति में पहुंच सकती है। इससे मेमरी, फोकस और एकाग्रता क्षमता को भी नुकसान होता है। कई बार कम सोने के (नींद की कमी) बाद भी लोगों को पता नहीं चलता है कि वे किस प्रकार की समस्याओं से गुजर रहे है। इसके लिए आपको अनिंद्रा के कुछ कारणों और लक्षणों के बारे में पता होना जरूरी है। साथ ही हम आपको इससे बचने के कुछ उपायों के बारे में भी बताएंगे जिससे समय रहते इसका इलाज किया जा सकते हैं।
अनिद्रा या उन्निद्र रोग (इनसॉम्निया) में रोगी को पर्याप्त और अटूट नींद नहीं आती, जिससे रोगी को आवश्यकतानुसार विश्राम नहीं मिल पाता और स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है –
नींद की कमी के कारण (Due to lack of sleep in Hindi)
1. स्लीप एपनिया (sleep apnea)
इस समस्या में व्यक्ति को सोते समय सांस की समस्या होती है जिसके कारण फेफड़ों तक हवा नहीं पहुंच पाती है, क्योंकि फेफड़े ऑक्सीजन सही से नहीं प्राप्त कर पाते है और (नींद की कमी का कारण) ऐसे में व्यक्ति की नींद बार-बार खुल जाती है।
2. तापमान या खर्राटों की समस्या (temperature or snoring problems)
कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि व्यक्ति के पास कुछ ऐसी चीजें मौजूद होती है, जिसकी वजह से आप सो नहीं पाते है। जैसे कि (नींद की कमी का कारण)आप जिस व्यक्ति के पास सो रहे हैं उसके खर्राटे आपको सोने नहीं देते हैं या फिर गर्म या अधिक ठंडे तापमान में भी व्यक्ति सही से सो नहीं पाता है। यही चीजे व्यक्ति की नींद को प्रभावित करती है।
3. सोने से पहले शराब का सेवन (drinking alcohol before bedtime)
कुछ लोग सोने (Neend ki kami) से पहले शराब का सेवन करते हैं, जिस वजह से बॉडी में उत्तेजना बढ़ती है। साथ ही जो व्यक्ति सोने से पहले (Neend ki kami) कैफीन पदार्थ लेते हैं उनके शरीर में भी उत्तेजना बढ़ जाती है और नींद आने में दिक्कते आने लगती है। तब उन्हें नींद में कमी आने की समस्या होने लगती है।
4. अनिद्रा की समस्या (insomnia problem)
जो व्यक्ति अनिद्रा का शिकार हो जाते हैं तब भी व्यक्ति को नींद आती है। अनिद्रा की समस्या यानी Sleep Deprivation फैमिली से ही संंबंधित है।
5. कुछ सामाजिक कारणों (some social reasons)
कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि ऑफिस, स्कूल या किसी कार्यक्रम के जल्दी होने की वजह से व्यक्ति जल्दी उठने या लेट सोने के डर से पूरी नींद नहीं ले पाता है। ऐसा करने से नींद की समस्या (Neend ki kami) पैदा होने लगती है।
6. नींद की कमी से अन्य बीमारी (Other diseases caused by lack of sleep)
व्यक्ति को जुकाम, फ्लू, सर्दी आदि होने की वजह से सांस लेने में दिक्कते (नींद की कमी का कारण) महसूस होती है जिस वजह से नींद नहीं आ पाती है और व्यक्ति रातभर जगा रहता है।
नींद की कमी से अन्य मुख्य कारक (Other main factors of lack of sleep in Hindi)
- जीवनशैली (Lifestyle) – नींद की कमी का प्रमुख कारण हमारी लाइफस्टाइल में बदलाव है जैसे- असंतुलित आहार और सोते समय अत्यधिक शराब या कैफीन का सेवन नींद की कमी के सामान्य कारण होते है। वहीं रात के समय काम करने से लोगों को सामान्य नींद की कमी हो सकती है। लाइफस्टाइल में छोटे-छोटे बदलाव करने से काफी संभावनाएं ठीक हो सकती है।
- आयु में अंतर (Age difference) – नींद की कमी का जोखिम कारण आयु है। जी हां, बुजुर्ग, युवा लोगं की तुलना में कम नींद लेते हैं, इसलिए युवाओं की तुलना में उन्हें काफी कम नींद आती है और वे नींद न आने की समस्याओं से जुझते हैं। बुजुर्ग व्यक्तियों को प्रभावित करने वाली स्वास्थ्य दिक्कत जैसे – शुगर, हाई बीपी और गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स। ये सामान्य नींद को प्रभावित कर सकती है।
- दवाएं (Medecine) – कुछ दवाएं आपके शरीर की सामान्य नींद की लय (Neend ki kami) बदल सकती है। जिससे नींद की कमी हो सकती है। यदि आप नींद के विकारों (Sleep disorder) से पीड़ित है, तो हमेशा अपने चिकित्सक को बताएं। खासकर अगर आप नई दवा ले रहे हैं या अपनी वर्तमान दवा की मात्रा बढ़ गई हो।
- चिकित्सा समस्याएं (medical problems) – कुछ चिकित्सा समस्याएं आपको मानसिक और शारीरिक तौर पर प्रभाविक कर सकती है, जिससे नींद की कमी हो सकती है। उदाहरण के तौर पर देखा जाए तो अस्थमा के चलते देर रात सांस की दिक्कत होने लगती है तो निश्चित रूप से मरीज के सोने के क्रम पर बहुत असर डालता है। इस तरह अवसाद और किसी दुर्घटना होने के बाद पनपा तनाव भी लोगों से सुकून से सोने (Neend ki kami) नहीं देता है। मानसिक विकार जैसे रात को नींद में डरावने सपने आने से भी कुछ व्यक्ति और बच्चे नींद न आने की समस्या से जूझने लगते हैं।
नींद की कमी के लक्षण (Sleep deprivation symptoms in Hindi)
लगातार नींद की कमी का मुख्य लक्षण होता है दिन में अत्यधिक नींद (नींद की कमी के लक्षण) आना है, परंतु इसके अन्य लक्षण भी हो सकते हैं जैसे –
- चिड़चिड़ापन
- भुलने की समस्या
- उबासी लेना
- उदासी
- कुछ नई चीजें सिखने में कठिनाई आना
- ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता
- उत्तेजना की कमी
- अधिक भूख लगना और कार्बोहाइड्रेट खाने की इच्छा
- मनोदशा में निरंतर परिवर्तन
- थकान
- बेचैनी
- कामेच्छा में कमी आना
नींद की कमी से बचाव (Prevent sleep deprivation in Hindi)
यदि कोई व्यक्ति नींद पर्याप्त (Neend ki kami) मात्रा में नहीं लेता है तो उसकी वजह से उसे अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। ऐस मे स्लीपिंग पैटर्न तैयार करें। जल्दी सोने और उठने की आदि आपकी समस्याओं को दूर करती है। साथ ही आप नींद की गोलियां भी एक्सपर्ट की सलाह पर खा सकते हैं। वहीं कुछ लोगों को नींद एलर्जी या सर्दी की वजह से भी नहीं आती है ऐसे में डॉक्टर सबसे पहले उस समस्या का इलाज करते हैं। इसके अलावा आप अपने आहार में बदलाव करके इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं जैसे –
- आप अपने आहार में कैफीन की मात्रा को कम करके और पानी की मात्रा को बढ़ाकर अपनी समस्या को दूर कर सकते हैं।
- आप अपनी डाइट में मछली को जोड़ें।
- अधिक स्ट्रेस ना लें।
- जागने और सोने का समय निश्चित करें।
- यदि आप शुगर का सेवन कम मात्रा मे करेंगे तो व्यक्ति को नींद ठीक (Neend ki kami) प्रकार से आएगी।
नींद की कमी के नुकसान (Loss of sleep in Hindi)
1. नींद न आने से कौन सी बीमारियां होती है?
- स्ट्रोक
- अस्थमा के दौरे
- मिर्गी का दौरा
- कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली
- दर्द के प्रति संवेदनशीलता
- सूजन
- मोटापा
- डायबिटीज
- हाई ब्लड प्रेशर
- दिल की समस्या
2. नींद की कमी से किन मानसिक स्वास्थ्य विकारों को जोखिम बढ़ जाते हैं?
- डिप्रेशन
- एंग्जायटी
- भ्रम और हताशा
3. नींद की कमी से दुर्घटनाओं के जोखिम में भी वृद्धि हो जाती है?
- ऑफिस या स्कूल में किया जाने वाले कार्य
- सेक्स ड्राइव
- याद्दाश्त
- निर्णय लेनेे की क्षमता
दिन में आने वाली नींद तत्काल चिंता का विषय है। एनर्जी की कमी, चिंता, अवसाद या चिड़चिड़ापन पैदा करता है। ये न सिर्फ आपके ऑफिस या स्किन के कार्य को प्रभावित करता है बल्कि बहुत कम नींद लेना कार या बाइक दुर्घटनाओं के जोखिम को भी बढ़ाने में सहायता करता है।
4. लाइफ एक्सपेक्टेंसी कम होना
अनिद्रा की वजह से आपकी लाइ एक्सपेक्टेंसी कम होती है। जी हां, कुछ अध्ययनों से पता चला है कि 10 लाख से अधिक प्रतिभागियों और 112,566 मौतों के अंतर्गत नींद की अवधि और मृत्यु दर के प्रभावों को जांचा गया। उसमें पाया कि जो व्यक्ति हर रात सात से आठ घंटे सोते थे, उनकी तुलना मे कम सोने वाले व्यक्तियों में मृत्यु का खतरा1 12 प्रतिशत अधिक बढ़ जाता था। साथ ही हाल ही में हुए एक शोध से पता चला है कि 38 सालों से सतत अनिद्रा और मृत्यु दर के प्रभावों को जांचा गया। उसमें पाया कि सतत अनिद्रा से ग्रसित लोगों की मौत का जोखिम 97 प्रतिशत था।
भरपूर निद्रा पाने के लिए घरेलू उपाय (home remedies to get full)
- रात को सोने से पहले गर्भ दुध पानी नींद आने का आसाम उपाय है। बादाम का दूध कैल्शियम का एक उत्कृष्ट स्त्रोत है, जिससे मस्तिष्क को मेलाटोनिन के निर्माण में सहायता करता है।
- कोल्ड प्रेस्ड कार्बनिक तिल के तेल को अपने पैरों के तलवों पर लगाकर रगड़े, लेकिन इससे पहले कि आप आराम से सुखपूर्वक चादर ओढ़ कर आराम करें।
- 3 ग्राम ताजा पुदीने के पत्ते या फिर 1.5 ग्राम पुदीने के सूखे पाउडर को 1 कप पानी में 15-20 मिनट के लिए उबालें।
- रात को सोते समय 1 चम्मच शहद के साथ गुनगुना लें। एक कटे हुए केले पर 1 चम्मच जीरा छिड़कें, रात को नियमित रूप से खाएं।
- प्राणायाम, व्यायाम, योग और ध्यान आपके मन को विश्राम देने और अच्छी नींद लाने का एक बेहतरीन तरीका है।