इन कारणों से होता है हार्ट फेल, तुरंत करें बचाव! – Heart failure immediate rescue
Heart Failure in Hindi – आज कल के मोर्डन जमाने में हार्ट अटैक एक आम और गंभीर बीमारी बन गई है, ये बड़ी आबादी को परेशान करने वाली बीमारी बन चुकी है। हमारी लाइफस्टाइल, खान-पान, प्रदूषण आदि कई वजहों के कारण आज इस समस्या से बड़े-बुजुर्ग ही नहीं बल्कि युवा पीढ़ी भी परेशान है।
दरअसल खून में थक्के बनने की वजह से हार्ट को पंपिंग करने यानी शरीर के दूसरे अंगों तक रक्त संचार करने के लिए ज्यादा मशक्कत करनी पड़ती है। इससे हार्ट के मसल्स फैलने लगते हैं और दिल का आकार (Heart Failure in Hindi) बदलने लगता है।
WHO की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीमारियों के चलते हार्ट डिसीज से सर्वाधिक (Heart Failure in Hindi) मौते हुई हैं। हार्ट अटैक के चलते हर साल दुनिया में 179 मिलियन यानी करीब दो करोड़ लोग मर रहे हैं। ncbi की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 1990 में लगभग 23 करोड़ की संख्या से बढ़कर 2020 में लगभग 48 करोड़ की मौत हो चुकी है।
कहा जाता है कि, हार्ट अटैक अचानक से आते हैं और कई बार जानलेवा भी होते हैं। लेकिन ये बीमारी हमेशा अचनाक नहीं आती है। तो आइए आज हम जानते हैं, हार्ट अटैक (हार्ट फेल होने का कारण) होने के कुछ मुख्य कारणों के बारे में।
हार्ट फेल होने के कारण (Due to Heart Failure)
1. कोरोनरी धमनी रोग (coronary artery disease)
ये उन धमनियों की बीमारी है जो दिल को ऑक्सीजन और रक्त प्रदान करती है। अगर ये धमनियां अवरुद्ध या संकुचित हो जाएं तो दिल तक जाने वाले रक्त प्रवाह कम हो जाता है और दिल ठीक से ब्लड पंप नहीं कर पाता है।
2. कार्डियोमायोपेथी (cardio myopathy)
हृदय की धमनियों और ब्लड फ्लो से संबंधित समस्याओं जैसे इंफेक्शन, शराब पीने और नशीले पदार्थों का सेवन की वजह से हृदय क्षतिग्रस्त (Heart Failure in Hindi) हो सकता है। वहीं कई और बीमारियों और पारिवारिक समस्याओं के कारण भी हार्ट फेल्योर हो (हार्ट फेल होने का कारण) सकता है।
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3. हाई ब्लड प्रेशर (high blood pressure)
हाई ब्लड प्रेशर की वजह से हृदय को शरीर में खून के प्रसार के लिए सामान्य से अधिक कम करना पड़ता है। अधिक समय तक जब ऐसा चलता रहे तो अतिरिक्त काम करने की वजह से हृदय की मांसपेशियां मोटी हो जाती है। इसी वजह से हृदय की मांसपेशियां संख्त या कमजोर हो जाती है और उनके लिए ब्लड पंप करना मुश्किल (Heart Failure in Hindi) आने लगती है।
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4. दिल का दौरा (heart attack)
अगर कोरोनेरी धमनी अचानक अवरुद्ध हो जाए तो हृदय की मांसपेशियों तक जाने वाला रक्त रूक जाता है।
5. हृदय की असामान्य धड़कन (abnormal heartbeat)
हृदय की असामान्य धड़कन की (Heart Failure in Hindi) वजह से हृदय में दर्द होना, जिस कारण आपके हृदय को अधिक काम करना पड़ता है। अधिक समय तक जब ऐसा चलता रहता है तो अतिरिक्त काम करने के कारण आपका हृदय कमजोर हो सकता है और हार्ट फेल्योर (हार्ट फेल होने का कारण) हो सकती है। यदि दिल का दर्द धीमा हो जाए तो आपके हृदय को पर्याप्त रक्त नहीं मिलेगा और हार्ट फेल्योर (Heart Failure in Hindi) का जोखिम बढ़ जाएगा।
डिस्कलेमर (Disclaimer)
इस लेख में दी गई बीमारी से जुड़ी सभी जानकारियां केवल सूचनात्मक है। अगर आपको को इस बीमारी के कुछ संकेत नजर आ रहे हैं तो अपनी जांच करवाएं और उन्हीं के अनुसार अपना जीवनशैली और आहार का खास ध्यान रखना हैं।
FAQ
1. हार्ट अटैक का दर्द कैसे होता है?
हार्ट अटैक का दर्द एक जगह से दूसरी और बढ़ता है, जिसमें सीने के बीच से आपके जबड़ों, गर्दन और लेफ्ट साइड में हाथ में फैलता महसूस होता है। सामान्य दर्द जबड़े या गर्दन की और नहीं बढ़ता है। इसके अलावा हार्ट अटैक वाला दर्द वजन उठान या कुछ काम करने से बढ़ जाता है, जबकि सामान्य दर्द वजन उठान या फिर कुछ काम करने से भी नहीं बढ़ता है।
2. हार्ट फेल होने पर क्या होता है?
हमारा हार्ट बॉडी के सभी पार्ट्स तक रक्त पहुंचाने के लिए लगातार धड़कता है। हार्ट फेल तब होता है जब दिल बॉडी की आवश्यकताओं के अनुसार, रक्त पंप नहीं कर पाता है। यह धीमी गति से बढ़ने वाली बीमारी है, जो कई कारणों से समय के साथ विकसित होने लगता है। साथ ही ऐसे में अपनी लाइफ स्टाइल पर ध्यान देना काफी जरूरी हो जाता है।
3. माइल्ड हार्ट अटैक क्या होता है?
एक्सपर्ट के अनुसार, माइल्ड हार्ट अटैक को आम भाषा में लोग छोटा हार्ट अटैक कहते भी हैं। वहीं वैज्ञानिक भाषा में इस हार्ट अटैक को non-ST elevation myocardial infarction (NSTEMI) कहा जाता है। इसमें हार्ट की नस 100 प्रतिशत तक बंद नहीं होती है, जो बड़े हार्ट अटैक में होती है। माइल्ड हार्ट अटैक में ब्लड क्लॉट नस को पूरी तरह बंद नहीं करता है, लेकिन इसमें हार्ट को डैमेज करने वाले एंजाइम्स बढ़े हुए रहते हैं, इसलिए इसे इनकम्प्लीट हार्ट अटैक कहते हैं।
4. दिल कमजोर होने के क्या लक्षण होते हैं?
मॉर्डन लाइफस्टाइल और खान-पान की खराब आदतों ने जिस तरीके से हमारे जीवन में दस्तक दी है उसकी वजह से 30 से 40 साल की उम्र में ही हमारा दिल कमजोर होने लगते हैं, लेकिन अगर आपको शरीर में ये कुछ नजर आते हैं तो समय रहते इसकी जांच करवानी चाहिए जैसे – बैचेनी महसूस होना, मतली, सीने में जलन,स कई दिनों तक खांसी रहना, पेट में दर्द होना, सांस लेने में दिक्कत या हाथ-कमर और जबड़े में दर्द होना आदि भी शामिल है।