योग के 10 प्रकार और उनके लाभ – 10 Types of yoga and their benefits
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Types of yoga in hindi – योग सही तरह से जीने का विज्ञान है और इसे लाइफस्टाइल में शामिल करना बेहद जरूरी होता है। ये हमारे जीवन से जुड़े भौतिक, मानसिक, भावनात्मक, आत्मिक और अध्यात्मिक आदि सभी पहलुओं पर काम करता है। योग का अर्थ एकता या बांधना है।
इस शब्द की जड़ है संस्कृत शब्द युज, जिसका मतलब है जुड़ना। सबसे आध्यात्मिक लेवल पर इस जुड़ने का अर्थ है। व्यावहारिक स्तर पर, योग शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित करने और तालमेल बनाने का एक साधन है। साथ ही योग(योग के प्रकार हिंदी में) या एकता आसन, प्राणायाम, मुद्रा, बंध षट्कर्म और ध्यान के अभ्यास के माध्यम से प्राप्त होता है, तो योग जीने का एक तरीका भी है और अपने आप में परम (types of yoga in hindi) उद्देश्य भी।
योग एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने का काम होता है। विकिपीडिया के अनुसार
साथ ही योग सबसे पहले हमारे शरीर को लाभ पहुंचाता है बाहरी शरीर को जो अधिकतर लोगों के लिए व्यावहारिक और परिचित शुरुआती जगह है। जब इस लेवल पर अंसतुुलन का अनुभव होता है, तो अंग, मांसपेशियां और नसे सद्भाव में काम नहीं करते हैं बल्कि वे एक-दूसरे के विरोध में कार्य करते हैं।
इसके अलावा पिछली सदी में हठ योग बहुत प्रसिद्ध और प्रचलित है, इसलिए आज हम योग प्रकार, फायदे और ऐसे 10 योगासन के बारे में बात करेंगे जो आपके स्वास्थ के लिए काफी लाभदायक (योग के प्रकार कितने होते हैं) मानी जाती है।
योग के प्रकार और इसके फायदे (Types of Yoga and its benefits in Hindi)
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योग शास्त्रों के परम्परानुसार चौरासी लाख आसन है और जिनमें से आज के समय में 32 आसन सबसे अधिक प्रसिद्ध है। ये सभी 4 प्रकार (योग के प्रकार और फायदे) के योगों के अंतर्गत आता है। साथ ही इसका अभ्याास मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से स्वास्थ्य लाभ और उपचार के लिए कया जाता है, लेकिन प्रमुख रूप से योग के 4 प्रकार है – राज रोग, कर्म योग, भक्ति योग और ज्ञान योग।
1. राजयोग (Raja Yoga)
इस योग को अष्टांग योग भी कहते हैं इसमें आंठ अंग है जो इस प्रकार है आसन, प्रत्याहार यानी इन्द्रियों पर कंट्रोल, नियमस धारण, यम यानी शपथ लेना, प्राणायम, एकाग्रता और समाधि। राज योग में आसन योग को अधिक स्थान दिया जाता है, क्योंकि ये आसन राज योग की शुरुआती आसन क्रिया (योग के प्रकार और फायदे) होने के साथ-साथ सरल भी है।
2. कर्म योग (karma yoga)
कर्म योग (योग के प्रकार और फायदे) मे सेवा भाव निहित है। इस योह के अनुसार आज वर्तमान में जो हम पा रहे हैं वो भी हमारे साथ हो रहा है या जो हमें मिला है। वे हमारे द्वारा पिछले जन्म के कर्मो का फल है, इसलिए अगर एक व्यक्ति अपने भविष्य अच्छे फल प्रदान करने वाले बने। कर्म योग स्वयं के काम पूरे करने और अपना भला ही सोचने से नहीं बल्कि दूसरों की सेवन करने से बनता है।
3. ज्ञान योग (Jnana ,Gyan Yoga)
योग की सबसे कठिन शाखा ज्ञान योग (types of yoga in hindi) ही है इन योगो के द्वारा बुद्धि को विकसित किया जाता है। ज्ञान योग का प्रमुख काम व्यक्ति को ग्रंथों के अध्ययन द्वारा व मौखिक रूप से बृद्धि को ज्ञान के मार्ग की और अग्रसर होने लगता है।
4. भक्ति योग (Bhakti Yoga)
भक्ति योग उस परमपिता परमेश्वर की तरफ ध्यान केन्द्रित करने का वर्णन करता है जिन्होंने इस संसार को बनाया है। साथ ही भक्ति योग (योग के प्रकार हिंदी में) में भावनाओं को भक्ति की और केन्द्रित करने के बारे में बताया गया है।
योग के 10 प्रमुख आसान (10 main asanas of yoga in Hindi)
1. नमस्कार आसन (namaskaar aasan)
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नमस्कार आसन किसी भी आसन की शुरुआत में किया जाता है और ये काफी सरल है।
2. स्वस्तिकासन (swastikasana)
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इस आसन को बैठ के किया जाता है। ये आसान (योग के प्रकार हिंदी में) आपके पैरों का दर्द, पसीना आना दूर करता है, पैरों का गर्म या ठंडापन दूर होता है जो ध्यान हेतु बढ़िया आसन है।
3. गोमुखासन (gomukhasana)
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अंडकोष वृद्धि और आंत्र वृद्धि में विशेष लाभप्रद है। धातुरोग, बहुमूत्र और स्त्री के रोगों में काफी फायदेमंद है। लीवर, किडनी और वक्ष स्थल को बल देता है, इसके अलावा संधिवात और गाठिया जैसी बीमारियों को दूर करता है।
4. ताड़ासन (Tadasana)
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ताड़ासन के अभ्यास से शरीर सुडौल रहता है और इससे शरीर में संतुलन और दृढता आती है।
5. कोणासन (konasana)
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कोणासन बैठकर किया जाता है। इससे कमर, रीढ़ की हड्डियां , छाती और कुल्हे इस रोग मुद्रा में विशेष रूप से भाग लेते हैं। इन अंगों में मौजूद स्ट्रेस तनाव (योग के प्रकार हिंदी में) को दूर करने के लिए इस योग को किया जात है।
6. त्रिकोण मुद्रा (triangle pose)
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रोजाना त्रिकोण मुद्रा का अभ्यास करने से शरीर का स्ट्रेस दूर होता है और शरीर में लचीलापन आता है।
7. उष्ट्रासन (Ustrasana)
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उष्टासन यानी उंट के समान मुद्रा। इस आसन का अभ्यास करते समय शरीर उंट की तरह दिखता है, इसलिए उसे उष्टासन कहते हैं। उष्टासन शरीर के अगले भाग को लचीला और मजबूत बनाता है। साथ ही इस आसन (types of yoga in hindi) से छाती फैलती है जिससे फेफड़ों की कार्यक्षमता में बढ़ोत्तरी होती है।
8. शवासन (cremation)
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इस आसन को मेरे शरीर जैसे निष्क्रिय होकर किया जाता है इसलिए इसे शवासन कहा जाता है। थकान और मानसिक परेशानी की स्थिति में ये आसन शरीर और मन को नई ऊर्जा देता है। ये आसन मानसिक तनाव दूर करने के लिए भी ये आसन बहुत अच्छा होता है।
9. वज्रासन (Vajrasana)
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व्रजासन बैठकर किया जाता है। ये शरीर को सुडौल बनाने के लिए किया जाता है। यदि आपको पीठ और कमर दर्द की समस्या हो तो ये आसन काफी फायदेमंद माना जाता है।
10. अधोमुख आसन (downward seat)
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अधोमुखी का अर्थ है नीचे की ओर सिर झुकना। इस आसन में कुत्ते की तरह सिर को नीचे झुकाकर योग किया जाता है, इसलिए इसे अधोमुखी श्वाव आसन (types of yoga in hindi) भी कहा जाता है। आसन मुद्रा मेरूदंड को सीधा बनाए रखने में सहायक होता है और ये पैरों की मांसपेशियों के लिए अच्छा व्यायाम होता है।
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डिस्कलेमर (Disclaimer)
इस लेख में दी गई जानकारी केवल सुचनात्मक है। अगर आपको शरीर में किसी भी तरह के बीमारी के संकेत नजर आ रहे हैं तो उसे सबसे पहले डॉक्टर से जांच करवाएं और उन्हीं के अनुसार अपना जीवनशैली और आहार का खास ध्यान रखने हैं।