घर पर ब्लड प्रेशर की जांच कैसे करें?
हमारे सभी बॉडी पार्ट्स तक रक्त पहुंचाने के लिए हमारा दिल रक्त को एक विशेष दवाब पर पम्प करता है, इसी दवाब को ब्लड प्रेशर या रक्तचाप कहते हैं। जब ब्लड प्रेशर सामान्य सेअधिक हो जाता है तो उसे हाई ब्लड प्रेशर कहते है और जब सामान्य से कम होता है तब उसे लो ब्लड प्रेशर कहते हैं। वैसे ब्लड प्रेशर की समस्या आम है इसलिए आपको घर पर रहकर ही ब्लड प्रेशर की जांच करनी आनी चाहिए, लेकिन अगर आपको नहीं पता है कि घर में खुद ब्लड प्रेशर कैसे चेक करते हैं तो ये आर्टिकल आपके लिए ही है। जी हां, आज हम बात करने जा रहे हैं कि घर पर रक्तचाप की जांच कैसे करें?
आजकल हर किसी में ब्लड प्रेशर की समस्या देखने को मिलती है। अगर आपका ब्लड प्रेशर सामान्य नहीं होता तो आपको तरह-तरह की बीमारियां भी घेर सकती है इसलिए आपको समय-समय पर आने ब्लड प्रेशर की जांच जरूर करवानी चाहिए, लेकिन बहुत से व्यक्तियों को अपने बीपी जांच के लिए उन्हें हर बार डॉक्टर के पास जाना पड़ता है और इसमें उनके पैसे भी खर्च होते हैं। चलिए जानते हैं विस्तार से…
घर में कैसे ब्लड प्रेशर टेस्ट
घर पर अपना ब्लड प्रेशर चेक करने के लिए आपको नीचे बताई गई सामग्री की जरूरत होती, जिसकी मदद से आप अपना ब्लड प्रेशर चेक कर पाएंगे जैसे कि –
- कफ
- रबर बल्व
- स्टेथोस्कोप
- डायाफ्राम
- एनेरोइड मॉनिटर
अब है बीपी चेक करने का तरीका।
- सबसे पहले बीपी चेक करने के लिए अपने बाएं हाथ को टेबल पर रखें और आरामदायक स्थिति में बैठे की आपके पैर ज़मीन को टच करने चाहिए। इसके बाद कफ को कोहनी से दो अंगुल ऊपर बांधे और ये सुनिश्र्चित करें कि, कफ कहीं अधिक कसा हुआ या ढीला ना हो। फिर कफ के अंदर अपनी 2 उंगली डालकर चेक कर सकते हैं। इसके बार रबर ट्यूब कफ के अंदर की तरह होनी चाहिए।
- इसके बाद स्टेथोस्कोप को अपने काम में लगाएं और डाइग्राम को कफ के पास कोहनी के बीच में कुछ इस तरह लगाएं कि, ये स्किन के साथ पूरी तरह से संपर्क में रहें।
- अब बीपी मशीन के रबर बल्व के वोल्व घुमाए और टाइट करें। इसके बाद रबर बल्व को पंप करें, इससे कफ में दवा जाने लगती है, इस हवा के दवाब की वजह से ब्लड फ्लो कुछ देर के लिए बंद हो जाता है।
- बॉल को दबाते हुए बीपी मशीन के प्रेशर को 160-180 तक बढ़ाए। इसके बाद रबर बल्व को पंप करना बंद कर दें और वोल्व को धीरे-धीरे खोलें।
- अब आपके हाथ से प्रेशर कम होता जाता है और बीपी मशीन में पारा धीरे-धीरे नीचे आने लगता है, पारा नीचे आते वक्त ब्लड फ्लो फिर से शुरू हो जाता है और उसी समय स्टेथोस्कोप में मीटर के जिस पॉइंट पर पहली बार पल्स की आवाज सुनाई देती है, उसे नोटकर लिए, इसे Systolic blood pressure कहते हैं।
- वहीं पारा नीचे आते समय पल्स की आवाज आती रहती है, लेकिन जिस पॉइंट या स्तर पर पल्स की आवाज़ सुनाई देना बंद हो जाती है, जिस लेवल पर पल्स की आवाज होती है, उस अंक को नोट करे इसे diastolic blood pressure कहते हैं।
- अब आखिर में पूरा वोल्व खोल दीजिए और कफ को दबाकर पूरी हवा निकाल दो।
ब्लड प्रेशर बढ़ने के क्या कारण है?
- धूम्रपान और शराब का सेवन
- तनाव और डर
- हाई कॉलेस्ट्रोल
ब्लड प्रेशर की जांच किन व्यक्तियों को करवानी चाहिए?
- जिन्हें हाई रक्तचाप और लो रक्तचाप का खतरा हो।
- दिल की बीमारी वाले रोगी।
- जो अधिक दवाईयों का सेवन करते हो।
- कैफीन लेने वालों को।
- जो स्ट्रेस में रहते हो।
ब्लड प्रेशर के समय किन-किन बातों का रखें ध्यान?
- रक्तचाप चेक करने से पहले अपने बीपी मशीन की जांच जरूर करें।
- अपने हाथों के आकार के अनुसार मेन्युअल कफ लें, क्योंकि इससे आपको सटीक बीपी रीडिंग लेने में सुविधा होगी।
- आपको दिन में कम से कम दो बार अपने रक्तचाप को चेक करना चाहिए।
- सोकर उठने के तुरंत बाद ही ब्लड प्रेशर की जांच ना करें।
- रक्तचाप की जांच लेने से 30 मिनट पहले तक खाना, कैफीन, तम्बाखू, शराब आदि का सेवन बिल्कुल ना करें।
- ब्लड प्रेशर चेक करने के लिए आप बिल्कुल रिलेक्स होकर बैठें और अपनी बांह को सही तरीके से रखें।
- रक्तचाप मेजर करने के लिए आप बिल्कुल रिलैक्स हो कर बैठें और अपनी बांह को सही तरीके से रखें।
- ध्यान रखें कि कफ को बाँह पर बांधने से पहले आर्म से कपड़े हो हटा लें।
- पहली रीडिंग लेने के 2-3 मिनट बाद फिर से दुबारा Reading जरुर लें, इससे आपको एक्यूरेसी का पता लगेगा।
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ब्लड प्रेशर ऑटोमेटिक मशीन से करें टेस्ट
ऑटोमेटिक मशीन से रक्तचाप की जांच करने सबसे आसान और बेहतर तरीका है। यह मशीन गौज और कफ के साथ ही आती है। साथ ही यदि रक्तचाप चेक करने में कोई दिक्कत हो तो इसके लिए भी मशीन में एरर इंडिकेटर दिया होता है। मशीन में दिया गया कफ अपने आप ही फूल जाता है और आपको स्टेथोस्कोप की जरूरत नहीं पड़ती है। जब ययह मशीन अपना काम पूरा कर लें, तो मशीन पर मौजूह स्क्रीन पर रक्तचाप कितना आया है वो नजर आ जाएगा।
साथ ही मशीन का इस्तेमाल करते वक्त इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि कफ न तो अधिक टाइट हो और ना अधिक ढीला हो। इससे रक्तचाप की रीडिंग प्रभावित हो सकती है। ये मशीन उन लोगों के लिए सही जो अकेले रहते हैं और ब्लड प्रेशर को समझने में अधिक मेहनत नहीं करना चाहते हैं।
निष्कर्ष ( Conclusion )
दोस्तों बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें घर पर रक्तचाप चेक करना नहीं आता है तो यह लेख उन्हीं के लिए है। हम आशा करते हैं आपको हमारे लेख में दी गई जानकारी पसंद आई होगी। अगर आप डायबिटीज से जुड़ी जानकारी पाना चाहते हैं तो हमें कमेंट में लिख पुछ सकते है।