डेंगू बुखार क्या है? (What is Dengue Fever in Hindi?)
Dengue Fever in Hindi – डेंगू एक मच्छर जनित वायरल इंफेक्शन या डिजीज है। डेंगू होने पर तेज बुखार, सिरदद, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, स्किन पर चकत्ते आदि निकल जाते हैं। डेंगू बुखार को हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं। एडीज मच्छर के काटने से डेंगू होता है। ये वायरस 10 दिनों से अधिक समय तक जीवित नहीं रहते हैं। जब डेंगू का इफेक्शन गंभीर रूप ले लेता है, तो डेंगू रक्तस्त्रावी बुखार या डीएचएफ होने का खतरा बढ़ जाता है। इसमें भारी रक्तस्त्राव, ब्लड प्रेशर में शॉक सिंड्रोम भी कहा जाता है।
साथ ही अधिक गंभीर मामलों में तुरंत हॉस्पिटल में भर्ती कराने की जरूरत होती है वरना पीड़ित की जान भी जा सकती है। डेंगू (Dengue Fever in Hindi) का कोई विशिष्ट या खास उपचार उपलब्ध नहीं है। सिर्फ इसके लक्षणों को पहचानकर ही आप इस पर काबू पा सकते हैं।
डेंगू बुखार के प्रकार (Dengue Types in Hindi)
1. क्लासिकल डेंगू बुखार – साधारण डेंगू बुखार मरीज को 5 से 7 दिन तक रहता है, फिर मरीज दवाइयों का सेवन करके ठीक होने लगता है। अधिकतर केस में मरीजों में साधारण डेंगू बुखार (Dengue Fever in Hindi) ही पाया जाता है। इस बुखार के निम्न लक्षण भी होते हैं जैसे –
- ठंड लगतार बुखार आना
- जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द
- शरीर के कुछ अंगों पर रेशेज होना
- सिर दर्द होना
- अधिक कमजोरी महसूस होना
- भूख न लगना या
- जी मितलाना
- गले में ह्लका सा दर्द महसूस होना
- आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना
2. डेंगू हेमरेजिक बुखार – डेंगू बुखार का एक प्रकार हेमरेजिक फीवर भी है। इसमें साधारण डेंगू के बुखार (Dengue Fever in Hindi) के लक्षण के साथ कुछ अन्य लक्षण भी दिखाई देते हैं। इसका पता ब्लड टेस्ट कराने से लग सकता है, यदि निम्न लक्षण नजर आते हैं तो हेमरेजिक बुखार हो सकता है। जिसमें कुछ इस प्रकार के लक्षण नजर आते हैं जैसे –
- शौच या उल्टी में रक्त आना
- नाक और मसूढ़ से रक्त का आना
- स्किन पर गहरे नीले काले रंग के निशान पड़ना
3. डेंगू शॉक सिंड्रोम – डेंगू शॉक सिंड्रोम फीवर में डेंगू हेमरेजिक बुखार के लक्षणों के अलावा शॉक की स्थिति जैसे कुछ लक्षण नजर आने लगते हैं।
इन लक्षणों के नजर आते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डेंगू की इन तीनों लक्षणों में DHF और DSS अधिक खतरनाक होता है। यदि निम्न लक्षण नजर आए तो समझ जाए कि डेंगू शॉक सिंड्रोम हो सकता है।
डेंगू के लक्षण (Symptoms of Dengue in Hindi)
डेंगू होने पर रोगी को ये लक्षण महसूस होते हैं –
- डेंगू वायरस के इंफेक्शन होने के 3 से 14 दिनों के बाद ही किसी व्यक्ति में लक्षण दिखते हैं। अधिकतर 4 से 7 दिनों के बाद लक्षण दिखना शुरू हो जाता है।
- डेंगू वायरस के रक्त में फैलन के एक घंटे में ही संधियों में दर्द शुरू हो जाती है और व्यक्ति को 104 डिग्री तक बुखार भी आता है।
- ये सभी लक्षण डेंगू (Dengue Fever in Hindi) के पहले स्टेज में होते हैं। ये चार दिन तक चल सकते हैं।
- डेंगू के दूसरे स्टेज में बढ़ा हुआ शरीर का तापमान कम हो जाता है और पसीना आने लगता है, लेकिन ये एक दिन से अधिक नहीं रहता।
- ब्लड प्रेशर (Blood pressure) का तेती से गिरना और दिल की गति क काम होना।
- आंखों का लाल होना और दर्द होना।
- चेहरे पर गुलाबी दाने निकलना डेंगू का सूचक है।
- डेंगू के तीसरे स्टेज में शरीर का तापमान पहले से और अधिक बढ़ने लगता है और पूरे शरीर पर लाल दाने दिखने लगते हैं।
- भूख ना लगना, सिर दर्द, ठंड लगना, बुखार आना। इन चीजों के साथ डेंगू की शुरूआत होती है।
डेंगू का इलाज (Treatment For Dengue in Hindi)
डेंगू के लिए कोई खास दवा या सटीक इलाज उपलब्झ नहीं है। डॉक्टर बुखार, दर्द को कंट्रोल करने के लिए पेनकिलसर जैसे पारासिटामोल दवा खाने के लिए दे सकते हैं। शरीर को हाइड्रेटेड रखकर डेंगू को कंट्रोल (Dengue Fever in Hindi) में रखना एक सबसे महत्वपूर्ण तरीका है। ऐसे में पर्याप्त मात्रा में स्वच्छ पानी पीना चाहिए। लेकिन गंभीर लक्षणों वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत होती है। अत्यधिक गंभीर मामले में मरीज को नसों में तरल ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग और ब्लड ट्रांस्फ्यूजन के जरिए भी इलाज की जाती है। आप खूद से एस्पिरिन या इब्रुप्रोफेन जैसी दवाओं का सेवन भूलकर भी ना करें, क्योंकि ये रक्तस्त्राव के जोखिम को बढ़ा सकता है।
डेंगू के जोखिम करक (Risk Factors of Dengue in Hindi)
विभिन्न कारक होते हैं, जो डेंगू से संक्रमित होने के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। हम आपको नीचे कुछ ऐसे ही जोखिम कारकों के बारे में बताने जा रहे हैं –
डेंगू पीड़ित क्षेत्र में रहना (Living in a Dengue infested area)
अगर आप उन क्षेत्रों में रहते हैं, जहां एडीज मच्छरों का प्रकोप अधिक है, तो आपके डेंगू से इंफेक्शन होने की संभावना स्वाभानिक रूप से बढ़ जाती है।
पहले डेंगू इंफेक्शन होना (have dengue infection first)
जिन लोगों को एक बार डेंगू हो जाती है, उनमें इस वायरल इंफेक्शन से प्रतिरक्षा नहीं हो पाती है। ऐसे में जब आपको दूसरी बार डेंगी होता है, तो अधिक गंभीर रूप से प्रभावित होने की संभावना बढ़ जाती है।
लो प्लेटलेट काउंट (low platelet count)
डेंगू तब और अधिक गंभीर हो जाता है, जब पीड़ित व्यक्ति के रक्त में प्लेटलेट काउंट काफी कम होने लगता है। ऐसे में अगर आपका प्लेटलेट काउंट का लेवल पहले से ही कम हैं, तो दूसरों की तुलना में डेंगू से अधिक इंफेक्शन हो सकते हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना (weakening of immunity)
जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, उनमें भी डेंगू होने की संभावना अधिक होती है। ऐसे में बुजुर्ग लोग डेंगू के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। साथ ही डायबिटीज, फेफड़ों के रोगों और दिल की समस्या से पीड़ित लोगों में भी डेंगू होने की आशंका बढ़ जाती है।
डेंगू की जटिलताएं (Complications of Dengue in Hindi)
अगर डेंगू (Dengue Fever in Hindi) का इंफेक्शन गंभीर है, तो ये आपके फेफड़ों, लिवर और दिल को प्रभावित कर सकते हैं। ब्लड प्रेशर काफी कम हो सकता है। अत्यधिक गंभीर मामलों में ये घातक भी हो सकता है। डेंगू का इंफेक्शन गंभीर होने पर शरीर में निम्न जटिलताएं देखी जा सकती है-
- पेट में गंभीर रूप से दर्द होना
- लिवर में
- फ्लूइड का एकत्रित होना
- रक्त स्त्राव
- जी मिचलाना
- सीने में तरल पदार्थ का जमा होना
डेंगू से बचाव (Prevention of Dengue in Hindi)
शोधकर्ता अभी भी डेंगू बुखार के लिए एक विशिष्ट इलाज खोजने पर काम कर रहे हैं। डेंगू बुखार के ट्रीटमेंट में एसिटामिनोफेन टैबलेट के साथ दर्द निवारकों का प्रयोग शामिल है। इसके अतिरिक्त, आपका डॉक्टर आपको खूब तरल पदार्थ पीने और आराम करने की सलाह देगा। सबसे अच्छा तरीका रोकथाम है। नीचे कुछ क्रियाकलाप बताए जा रहे हैं, जिन्हें आप वायरस से खुद को सुरक्षित रखने के लिए अपना सकते है –
- स्किन को खुला न छोडे – अपनी स्किन की सतहों को ढकने और मच्छर के दंश की संभावना को कम करने के लिए लंबी पैंट और पूरी बाजू की शर्ट पहनने की कोशिश करें, डेंगू के मच्छर सुबह या शाम को अत्यधिक सक्रिय होते हैं, इसलिए ऐसे समय में बाहर निकलने से बचने की कोशिश करें।
- व्यक्तिगत स्वच्छता – जब आप किसी वायरस से इंफेक्शन होते हैं, तो अन्य बीमारियों के प्रति अतिरिक्त संवेदनशील हो जाते हैं।
- मच्छर रोधी क्रीम – डाइथाइलटोलुआमाइड के कम से कम 10 प्रतिशत कंसंट्रेशन वाला रेपेलेंट प्रभावी रहता है। लंबे समय पर जोखिम हो तो फिर उच्च कंसंट्रेशन वाले रेपलेंट की आवश्यकता होती है। मच्छरों को दूर रखने के लिए आप रोजाना ऐसी क्रीम लगा सकते हैं।
डेंगू का मच्छर एवं रोकथाम के उपाय (Dengu Machhar Prevention of mosquitoes)
घरों के आसपास पूर्ण साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करें। कचरे को अपने आवास से दूर फेंके। घरों के कूलर, टेंक, ड्रम, बाल्टी आदि से पानी खाली करें। कूलर का इस्तेमाल नहीं होने का दशा में उसका पानी पूरी तरह खाली करें। घरों के आसपास पानी एकत्रित होने वाली सभी अनुपयोगी वस्तुएं जैसे – टीन के डब्बे, कांच और प्लास्टिक की बोतल, नारियल के खोल, पुराने टायर आदि नष्ट कर पाट दें और निस्तारी योग्य पानी में लार्वा पाए जाने पर टेमीफोस लार्वानाशक दवा को पानी की सतह पर छिड़काव करें। फ्रीज के ड्रिप-पैन से पानी प्रतिदिन खाली करें। पानी संग्रहित करने वाले टंकी, बाल्टी, टब आदि सभी को हमेशा ढंककर रखें।
साथ ही प्रभाविक क्षेत्र में प्रति सप्ताह रविवार के दिन डेंगू (Dengue Fever in Hindi) रोधी दिवस के रूप में मनाया जाए। जिसके अंतर्गत समस्त पानी के कंटेनरों को खाली किया जा सकता है और घर में या आसपास साफ-सफाई अभियान के रूप में किए जाने के लिए लोगों को जागरुक किया जाए।
डेंगू बुखार के लिए 12 घरेलू उपचार (Home Remedies for Dengue Fever Treatment in Hindi)
डेंगू के लक्षण नजर आते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, क्योंकि इसमें लापरवाही करना हानिकारक हो सकता है। सही इलाज के साथ डेंगू में खान-पान का भी खास ध्यान रखना पड़ता है। जिसमें सही और हेल्दी को फॉलो कर डेंगू (Dengue Fever in Hindi) में जल्द आराम मिल सकता है तो चलिए जानते हैं डेंगू बुखार के लिए ।
1. नीम के पत्तों का रस (neem leaves juice)
नीम के पत्तों का रस पीने से प्लेटेलेट्स और सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि होती है। ये प्रतिरक्षा प्रणासी में भी सुधार करता है, इसलिए डेंगू के इलाज के समय चिकित्सक की सलाह अनुसार नीम का सेवन करें।
2. गिलोय का जूस (Giloy juice)
गिलोय आपके शरीर के इम्युन सिस्टम को मजबूत बनाता है, जिससे इंफेक्शन होने का खतरा कम होता है। इस रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा गिलोय के पत्ते का जूस पीने से प्लेटलेट्स (platelets) काउंट भी बहुत तेजी से बढ़ता है। डेंगू बुखार (Dengue Fever in Hindi) से पीड़ित लोगों को रोजाना गिलोय का जूस जरूर पीना चाहिए।
3. तुलसी की पत्तियों का रस (Basil leaves juice)
तेज बुखार हो तो तुलसी की पत्तियों को आधा लीटर पानी में डालें। इसमें इलाइची पाउडर, दूध और चीनी मिलाकर काढ़ा बना लें। इसे पीने से शरीर का तापमान कम होता है। कोमल तुलसी की पत्तियों को पानी में उबालकर पीने से मलेरिया और डेंगू बुखार में फायदा होता है।
4. पपीते के पत्तो का जूस (papaya leaf juice)
डेंगू बुखार (Dengue Fever in Hindi) में पपीते के पत्तों को बहुत फायदेमंद माना जाता है, पपीते के पत्ते में काइमोपपैन और पपेन जैसे एंजाइम्स होते हैं, जो ब्लड प्लेटलेट काउंट बढ़ाने में सहायता करते हैं, इसलिए पत्तों के जूस का सेवन डेंगू बुखार में करने के सलाह दी जाती है।
5. मेथी (Fenugreek)
मेथी के सेवन से नींद बहुत अच्छी आती है। मेथी टैंक्विलाइज़र की तरह ही काम करती है जो दर्द कम करने में सहायक होती है। मेथी डेंगू के तेज बुखार को कंट्रोल करने में भी काफी लाभदायक होती है।
6. संतरा (Orange)
संतरा एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है और इसमें विटामिन-सी भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। संतरा और इसका जूस डेंगू के इलाज (Dengue Fever in Hindi) में काफी सहायता करता है।
7. जौ घास (barley grass)
जौ घास में रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को सही करके, शरीर प्लेटलेट्स की संख्या में वृद्धि करने की क्षमता होती है। डेंगू बुखार के समय रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या बहुत कम हो जाती है, इसलिए जौ घास का सेवल बहुत लाभदायक होता है। जौ घास से काढ़ा बनाकर पिएं। इस घास को खा सकते हैं।
8. नारियल पानी (coconut water)
नारियल पानी में एंटीऑक्सीडेंट्स, अमीनो-एसिड, एंजाइम्स, विटामिन-सी जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो आपको हाइड्रेट रखते हैं। डेंगू बुखार की वजह से शरीर काफी कमजोर हो जाता है। कमजोरी को दूर करने के लिए नारियल पानी के सेवन लाभदायक होता है।
9 खट्टे फल (citrus fruits)
खट्टे फलों में कीवी, संतरा आदि फलों का सेवन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। डेंगू बुखार के बाद इन फलों का सेवन कर इम्यूनिटी को मजबूत बनाया जाता है।
10. चुकंदर का रस (beetroot juice)
चुकंदर के रस में अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होता है, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायता करता है। दो से तीन चम्मच चुकंदर के रस को एक गिलास गाजर के रस को एक गिलास गाजर के रस में मिलाकर पिएं तो रक्त में प्लेटलेट्स तेजी से बढ़ता है।
11. एलोवेरा (Aloe vera)
रोजाना 2-3 चम्मच एलोवेरी का रस पानी में मिलाकर रोज पिएं। इससे बहुत सार बीमारियों से बचा जा सकता है। डेंगू बुखार में भी ये राहत दिलाता है।
12. हल्दी (Turmeric)
हल्दी में एंटी-इफ्लेमेटरी गुणों और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर है, जो मेटबॉलिज्म और इम्यूनिटी को बूस्ट करती है। रात में सोने से पहले हल्दी वाला दूध पानी फायदेमंद होता है।
डेंगू के दौरान परहेज (Avoid These in Dengue Disease)
डेंगू के मरीजों को जितना हेल्दू खाना सेहत के लिए फायदेमंद है उतना ही उनके लिए अनहेल्दी फूड्स से दूरी बना के रखना है, तो चलिए जानते हैं किन चीजों का सेवन डेंगू के मरीजों को नहीं करना चाहिए जैसे –
- डेंगू (Dengue Fever in Hindi) के समय चटपटे, मसालेदार भोजन से भी दूरी बनाना चाहिए। ये एसिडिटी और पेट से संबंधी परेशानी को बढ़ाकर बुखार से रिकवर करने में बाधा पैदा करता है।
- डेंगू में तली-भूनी चीजों से परहेज करना चाहिए। इससे फैट बढ़ता है और ये आपकी इम्यूनिटी को कमजोर बना सकता है, जिससे बुखार से रिकवरी में परेशानी हो सकती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
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