दस्त क्या है? (What is Diarrhea in Hindi)
Diarrhea in Hindi – दस्त यानी की डायरिया, ये पाचन तंत्र संबंधित एक विकार या डिसऑर्डर है। ये समस्या होने पर मल पानी की तरह पतला होता है। आंत से संबंधित ये रोग मुख्य रूप से रोटावायरस के कारण होता है। यह साल्मोनेला या ई. कोलाई जैसे जीवाणुओं की वजह से भी हो सकता है। साथ ही हार्मोनल विकार (hormonal disorders), आंतों में सूजन, कुछ दवाओं के सेवन से भी ये हो सकता है। अगर आप प्रॉपर हाइजीन बनाए रखने के साथ ही स्ट्रीट फूड खाने से बचें और साफ-स्वस्छ पानी पिएं, तो वायरस और बैक्टीरिया के कारण होने वाले डायरिया (Diarrhea in Hindi) को रोका जा सकता है।
डायरिया के विभिन्न प्रकार क्या हैं? (What are the different types of loose motions in Hindi)
डायरिया के तीन मुख्य भागों में बांटा जा सकता है जिसमें शामिल है-
- एक्यूट डायरिया (Acute diarrhoea) – ये डायरिया का सबसे कॉमन रूप है, जिसमें काफी लूज और पानी जैसे पतला दस्त होता है। आमतौर पर शरीर में पर्याप्त तरल पदार्थों के जाते ही ये समस्या खुद ब खुद कम हो जाती है
- लगातार होने वाला डायरिया (Persistent diarrhoea) – इस तरह का दस्त दो से चार सप्ताह तक रहता है।
- क्रोनिक डायरिया (Chronic diarrhoea) – इस तरह का डायरिया (Diarrhea in Hindi) चार सप्ताह से भी अधिक समय तक आपको परेशान कर सकता है।
दस्त के कारण क्या हैं? (What are the causes of Diarrhea in Hindi)
दस्त (Diarrhea in Hindi) कई बीमारियों या परिस्थितियों के कारण हो सकते हैं। दस्त के संभावित कारणों में शामिल है –
- खाद्य असहिष्णुता, जैसे कि लैक्टोज असहिष्णुता
- फूड एलर्जी
- दवा से रिएक्शन
- वायरल इंफेक्शन
- बैक्टीरियल इंफेक्शन
- परजीवी इंफेक्शन
- आंत्र इंफेक्शन
- पेट या पित्ताशय की थैली की सर्जरी
रोटावायरस बच्चों में दस्त का एक आम कारण बन गया है। साल्मोनेला या ई-कोलाई की वजह से होने वाले बैक्टीरियल इंफेक्शन भी आम है।
क्रोनिक डायरिया (Diarrhea in Hindi) अधिक गंभीर स्थिति का लक्षण हो सकता है जैसे कि, इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (Irritable Bowel Syndrome) या इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (Inflammatory Bowel Disease)। बार-बार और गंभीर दस्त आंतों की बीमारी का संकेत हो सकता है।
दस्त के जोखिम कारक क्या हैं? (What are the risk factors of Diarrhea in Hindi)
दस्त होने के जोखिम कारक कुछ इस प्रकार है –
- हालांकि दस्त सभी प्रकार के लोगों में हो सकता है, निम्नलिखित में दस्त होने का अधिक खतरा होता है।
- छोटे बच्चे
- पहले से मौजूद चिकित्सा शर्तों वाले लोग
- बुजुर्ग लोग
- अतिसार से उपरोक्त लोगों में अन्य जटिलताओं और स्वास्थ्य विकारों की संभावना अधिक होती है।
दस्त के लक्षण क्या हैं? (What are the symptoms of Diarrhea in Hindi)
दस्त होने पर कई तरह के लक्षण नजर आते हैं, कारणों के आधार पर आपको डायरिया होने पर एक या इससे अधिक लक्षण नजर आ सकते हैं। दस्त के मुख्य लक्षण कुछ इस प्रकार है –
- जी मिचलाना
- पेट में मरोड़
- लूज मोशन
- सूजन
- बुखार
- मल में रक्त आना
- डिहाइड्रेशन
बच्चों में होने वाले डायरिया (Diarrhea in Hindi) को नजरअंदाज करना गंभीर हो समस्या हो सकता है। अगर आपको बार-बार बाउल मूवमेंट मतली और पेट में ऐंठन के साछ निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं, तो डॉक्टर्स संपर्क करें –
- कम पेशाब होना
- मुंह का सूखना
- सिरदर्द
- बुखार (102 डिग्री फेरेनहाइट से अधिक)
- थकान
- मल से रक्त या मवाद आना
- धंसी हुई आंखें
दस्त की जटिलताओं क्या हैं? (What are the complications of Diarrhea in Hindi)
दस्त आमतौर पर अपने आप ठीक हो जाता है और कुछ दिनों में गायक हो जाता है, कुछ मामलों में डायरिया (Diarrhea in Hindi) लंबे समय तक बना रहता है और गंभीक जटिलताएं पैदा कर सकता है जैसे –
निर्जलीकरण (dehydration) – ये मल में बड़ी मात्रा में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स के नुकसान के कारण होता है। निर्जलीकरण के लक्षणों में शामिल है।
- अधिक प्यास लगना।
- गंभीर मतली।
- गहरे रंग का यूरिन पास करना।
- मूत्र की थोड़ी मात्रा या मूत्र उत्पादन में कमी।
- तीव्र दिल गति।
- चक्कर आना।
- भ्रम की स्थिति।
- चिड़चिड़ापन।
- थकान।
- तंद्रा।
- शुष्क मुंह।
- निखरी और शुष्क स्किन।
- धंसी हुईआंखों या गाल।
- रोने पर आंसुओं की कमी।
निर्जलीकरण एक चिकित्सा आपात स्थिति है और उपरोक्त लक्षणों में से कोई भी दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
डायरिया का निदान कैसे करें? (How to diagnose Diarrhea in Hindi)
शारीरिक जांच ना से डायरिया के कारणों की पहचान की जा सकती है। डॉक्टर डायरिया (Diarrhea in Hindi) का निदान करने के लिए सबसे पहले मेडिकल हिस्ट्रोी चेक करते हैं। इसके लिए डॉक्टर्स आपसे कुछ सवाल कर सकते हैं जैसे –
- आपको कैसा महसूस हो रहा है?
- दिन में आप कितनी बार शौचालय जा रहे हैं?
- परेशानी होने से पहले आपने क्या खाया था?
- क्या कोई दवाई खाई थी?
- घर में कौन से घरेलू उपाय अपनाएं?
- आप अपनी बॉडी में किस तरह से बदलाव महसूस कर रहे हैं?
इन सभी सवालों के जबाव के आधार पर, डॉक्टर्स मरीज की जांच करते हैं। इसके साथ ही कुछ निम्न टेस्ट भी करवाने की सलाह देते हैं।
- यूरिन टेस्ट
- ब्लड टेस्ट
- मल टेस्ट
- रेक्ट टेस्ट
दस्त के लिए इलाज क्या हैं? (What are the treatments for loose motions in Hindi)
दस्त की शिकायत (Diarrhea in Hindi) होने पर शरीर में पानी की कमी बहुत ही अधिक होने लगती है। ऐसे में पानी की कमी को पूरा करने के लिए डॉक्टर्स अधिक से अधिक तरह पदार्थ खाने की सलाह देते हैं। बॉडी में पानी की कमी को पूरा करने के लिए डॉक्टर्स इलेक्ट्रोलाइट या स्पोर्ट्स ड्रिंक (sports drink) पीने को कहते हैं। गंभीर स्थिति में डॉक्टर्स इंट्रावीनस (intravenous) के माध्यम से आपके शरीर में तरल पदार्थ पहुंचाता है, क्योंकि ये आपको किसी तरह की कमजोरी महसूस न हो। यदि डायरिया की शिकायत बैक्टीरिया की वजह से हुई होती है, तो कुछ डॉक्टर्स एंटीबायोटिक्स दवाई लेने की सलाह देते हैं। इसके साथ ही रेडोटिल भी डॉक्टर दे सकते हैं।
डॉक्टर्स के अनुसार, यदि आप डायरिया में होने वाली परेशानियों से बचना चाहते हैं, तो अधिक से अधिक तरह पदार्थों का सेवन करें। शरीर को हमेशा हाइड्रेट रखें। डायरिया की शिकायत होने पर शरीर में नमक, ग्लूकोज और अन्य महत्वपूर्ण मिनरल की कमी हो जाती है। ऐसे में तरह पदार्थों के सेवन से आप इन चीजों की कमी को पूरा कर सकते हैं।
डायरिया को कैसे रोकें? (How to prevent loose motions in Hindi)
आप जो कुछ भी खाते हैं, वह डायरिया (Diarrhea in Hindi) के लक्षणों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि इस समस्या के होने पर बॉडी पर शरीर में पानी की कमी हो जाती है, इसलिए खुद को जितना हो सके हाइड्रेटेड रखें। शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस को बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी और जूस का सेवन करें। साथ ही डायरिया होने पर डेयरी प्रोडक्ट्स के सेवन से बचें, क्योंकि इस पचाना आपके लिए मुश्किल हो सकता है। फाइबर से भरपूर सब्जियां जैसे गोभी और बीन्स का सेवन न करें, क्योंकि इससे पेट फूल सकता है। दस्त के लक्षण नजर आर रहे हैं, तो कैफीन युक्त पेय पदार्थ जैसे सोडा, चाय और कॉफी भूलकर भी ना लें। दस्त (Diarrhea in Hindi) में लो-फाइबर युक्ट डाइट लेना हेल्दी हो सकता है। आलू, व्हाइट राइस भोजन में शामिल करना लाभदायक हो सकता है।
दस्त के लिए घरेलू उपचार क्या हैं? (What are the home remedies for Diarrhea in Hindi)
घर में उपलब्ध तरल पदार्थ जैसे दाल का पानी, शिंकजी, ताजा छाछ या लस्सी, चावल का माण्ड, रबडी. दूध, हल्की चाय, जौ का उबला पानी आदि सामान्य से अधिक से अधिक मात्रा में थोड़-थोड़ा करके बार-बार पिलाते रहे।
शरीर में पानी व नमक की कमी को दूर करने के लिए डबलू.एच.ओ. प्रमाणित जीवन रक्षक घोल ओ.आर.एस पिलाना चाहिए। ये पैकेट के रूप में सभी सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रो, उप स्वास्थ्य केंद्रो, आंगनबाडी केंद्रो में नि:शुल्क उपलब्ध है। इस इस पैकेट के सारे पाउडर को एक लीटर साफ पानी में डालकर अच्छी तरह घोलकर बच्चे को थोड़ी-थोड़ी देर में दस्त रूकने तक पिलाने रहे, बचें हुए घोल को ढर कर रखें और 6-8 घंटे तक ही उसे काम में लेवे और उसके बाद ताजा घोल बनाएं।
दस्त रोग (Diarrhea in Hindi) में बच्चे की भूख कम हो सकती है, इसलिए दस्त रोग के समय बच्चे को भोजन देते रहें दूध पानी वाले बच्चों को स्तनपान कराते रहें।
निष्कर्ष (Conclusion)
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