हाइड्रोसील क्या है (Hydrocele in Hindi)
Hydrocele in Hindi – यह एक मात्रा ऐसी समस्या है जो केवल पुरुषों को होती है। हाइड्रोसील होने पर उनके अंडकोषों में पानी भर जाता है। इसकी वजह से उनका आकार बढ़ने लगता है। इस स्थिति में पुरुषों को लगातार तेज दर्द होता है। कई मामलों में ऐसा देखने को मिला है कि पुरुषों के अंडकोष के एक ही तरफ होते हैं, लेकिन कुछ मामलों में ये दोनों तरफ भी हो सकते हैं। इस रोग से बच्चे अधिक प्रभावित होते हैं। दरअसल जन्मजात हाइड्रोसील (Hydrocele in Hindi) नवजात बच्चो में होता है और जन्म के पहले वर्ष से समाप्त हो सकते हैं।
हाइड्रोसील के प्रकार (Types of Hydrocele in Hindi)
हाइड्रोसील दो प्रकार का होता है जैसे –
- कमयुनिकेंटिंग हाइड्रोसील – इस स्थिति में टेस्टिकल की थैली पूरी तरह से बंद नहीं होती है। साथ ही इसमें दर्द और सूजन भी होती है। ये समस्या मुख्य रूप से उसमें पाई जाती है जो हार्निया से पीड़ित होता है।
- नॉनकम्युनिकेटिंग हाइड्रोसील – ये हाइड्रोसील (Hydrocele in Hindi) का दूसरे प्रकार है। इसमें टेंस्टिकल की थैली बंद होती है और बचे हुए द्रव शरी में जमा होते जाते हैं। नॉनकम्युनिकेटिंग हाइड्रोसील की समस्या नवजात शिशुओं में देखने को मिलती है जो अपने आप ही एक साल के अंदर ही ठीक हो जाती है।
हाइड्रोसील क्यों होता है (Causes of Hydrocele in Hindi)
हाइड्रोसील उस स्थिति को कहते हैं जब अंडकोष की थैली के बाहरी आवरण में तरल पदार्थ यानी पानी भर जाता है जिस वजह से सूजन आ जाती है। ये हर्नियां के साथ या उसकी अनुपस्थिति में भी हो सकता है। ये परेशानी पुरुषों में होती है और अधिकतर बड़ों के मुकाबले बच्चों में पाई जाती है। साथ ही ये कोई बहुत बड़ी समस्या नहीं है और न ही इसमें दर्द होता है, लेकिन बहुत से मामलों में इससे परेशानी होने लगती है। इसका पता फिजिकल एग्जाम या अल्ट्रासाउंड के माध्यम से लगाया जा सकता है। यदि ये समय रहते ठीक नहीं होता है तो सर्जरी करने की आवश्यकता पड़ सकती है।
हाइड्रोसील के लक्षण (Symptoms of Hydrocele in Hindi)
हाइड्रोसील में निम्न लक्षण नजर आते हैं जिसमें शामिल है –
1. अंडकोष में दर्द (testicle pain)
अगर आपको भी बिना वजह ऐसा होता है तो आपको तुंरत डॉक्टर से सलाह लें।
2. हल्की सूजन (mild swelling)
अंडकोष में सूजन होने पर भी इसके सबसे गंभीर लक्षणों में गिना जाता है।
3. दोनों में से एक अंडकोष का बड़ा होना (enlargement of one testicle)
जब आपके दोनों में से किसी एक अंडकोष का आकर छोटा या बड़ा दिख रहा हो तो ये भी हाइड्रोसील (Hydrocele in Hindi) का संकेत है।
4. बैठने पर अंडकोष में दिक्कत (testicle problem when sitting)
जब आपको बैठते वक्त किसी तरह की दिक्कत होती है तो ये भी हाइड्रोसील (Hydrocele in Hindi) का लक्षण माना जाता है।
5. चलते वक्त अंडकोष में दिक्कत (testicle problem while walking)
जब पैदल चलते वक्त आपके अंडकोष में दर्द या भारीपन महसूस हो या इसकी वजह से चलने में दिक्कत होती है तो ये इसके लक्षण होते हैं।
6. अंडकोष में भारीपन महसूस होना (heaviness in testicles)
आप कभी पेशाब रोकते हैं, तो उस वजह से भी भारीपन महसूस होता है, लेकिन बिना वजह ऐसा होता है तो आपको थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है।
हाइड्रोसील का निदान कैसे होता है (Diagnosis of Hydrocele in Hindi)
हाइड्रोसील का निदान करने के लिए डॉक्टर मरीज की शारीरिक जांच करते हैं और कुछ अन्य जांच करने का भी सुझाव देते हैं जैसे –
शारीरिक जांच में निम्न शामिल है –
- बढ़े हुए अंडकोष की जांच करना
- जांच के समय, अंडकोष में दर्द की पृष्टि करना
- अंडकोष को तेज रोशनी में देखना, हाइड्रोसील होने पर वृषण यानी टेस्टिस के चारों तरफ तरल पदार्थ दिखाई देते हैं।
हाइड्रोसील (Hydrocele in Hindi) की जांच करने के लिए डॉक्टर रक्त और मूत्र जांच एवं अल्ट्रासाउंड करने का सुझाव देते हैं।
- रक्त और मूत्र जांच
इन जांचों की मदद से डॉक्टर ये निर्धारित करते हैं कि मरीज को एपिडिडीमाइटिस जैसा इंफेक्शन तो नहीं है।
- अल्ट्रासाउंड
अंडकोष में ट्यूमर और सूजन और हार्निया का पता लगाने के लिए डॉक्टर अल्ट्रासाउंड करने का सुझाव भी देते हैं।
हाइड्रोसील का इलाज (Treatment of Hydrocele in Hindi)
हाइड्रोसील का इलाज कई तरह से किया जाता है। इसमें मुख्य रूप से एस्पिरेशन और सर्जरी शामिल है। हाइड्रोसील (Hydrocele in Hindi) की सर्जरी को हाइड्रोसिलोक्टोमी के नाम से भी जाना जाता है। साथ ही एस्पिरेशन के समय, डॉक्टर इंजेक्शन की मदद से अंडकोष में जमे द्रव को बाहर निकाल देते हैं। ये प्रक्रिया खत्म होने के बाद, डॉक्टर छेद बंद करने के लिए स्किलरोजिंग नामक दवा को इंजेक्ट करते हैं।
ऐसा करने से दोबारा हाइड्रोसील होने का खतरा कम हो जाता है। हाइड्रोसील की सर्जरी के समय, डॉक्टर स्क्रोटम में छोटा सा कट लगाकर अंदर जमा हुए द्रव को बाहर निकाल देते हैं। हाइड्रोसील की सर्जरी को पूरा होने में करीब 20 से 30 मिनट का समय लगता है। सर्जरी खत्म होने कुछ ही घंटों के बाद मरीज को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाता है। हाइड्रोसील की सर्जरी के बाद मरीज को पूर्ण रूप से ठीक होने में लगभाग 3-6 दिनों का समय लगता है।
हाइड्रोसील का इलाज कैसे होता है? (Hydrocelectomy Surgery in Hindi)
हाइड्रोसील या हर्निया (Hydrocele in Hindi) का उपचार एक प्रारंभिक निदान के साथ शुरू होता है जो बाद में एस्पिरेशन और हाइड्रोसेलेक्टॉमी जैसे सर्जिकल उपचार होता है जैसे –
1. ऐस्परेशन – सामान्यतौर पर तरल पदार्थ को बाहर निकालने के लिए एक सुई का इस्तेमाल किया जाता है।
2. हाइड्रोसेलेक्टॉमी – हाइड्रोसेलेक्टोमी एक हाइड्रोसली को ठीक करने के लिए एक सर्जरी है जो एक गोनाड के आसपास तरल उत्पन्न होने लगता है। लेकिन ज्यादातर बार हाइड्रोसील बिना इलाज के अपने आप ठीक हो जाता है। बहुत से मामलों में, अगर हाइड्रोसील बड़ा हो जाता है तो ये अंडकोश में सूजन, पीड़ा और परेशानी पैदा करता है और इसके लिए शल्य चिकित्सा की आवश्यकता होती है। पुरुष बच्चे हाइड्रोसेलेक्टॉमी के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील होते हैं, लेकिन एक वयस्क के रूप में भी हाइड्रोसेलेक्टॉमी होने की दुर्लभ संभावना होती है।
हाइड्रोसीलोक्टोमी को कैसे किया जाता है? (Procedure of Hydrocelectomy in Hindi)
हाइड्रोसील सर्जरी या हाइड्रोसेलेक्टोमी (Hydrocele in Hindi) एक छोटी सी सर्जरी है जो अंडकोष की थैली में से हाड्रोसील को निकलाने या उसे ठीक करने के लिए की जाती है। ये स्थिति शिशु और वयस्कों दोनों में देखी जाती है। दरअसल, इस सर्जरी की जरूरत तब पड़ती है जब मरीज में लक्षण दिखाई दें और इसका सबसे आम लक्षण है अंडकोष की थैली का बढ़ना। इससे पहले कुछ ब्लड टेस्ट और रेडियोलॉजिकल टेस्ट किए जाते हैं। इसमें अधिक समय नहीं लगता है और मरीज सुबह अस्पताल में भर्ती होकर शाम तक घर जा सकता है। रिकवरी भी जल्दी हो जाती है, लेकिन किसी प्रकार की दिक्कत से बचने के लिए सर्जरी के बाद देखभाल करना बेहद जरूरी है।
दिल्ली-NCR में हाइड्रोसील के इलाज का खर्च क्या है? (Cost of Hydrocele treatment)
भारत में हाइड्रोसील की सर्जरी कुछ प्रकार का खर्च बैठ जाता है-
- न्यूनतम खर्च – 30,000
- अधिकतम खर्च – 1,00,000
- औसतन खर्च – 40,000 से 60,000
बात करें दिल्ली NCR की तो ये कुछ इस प्रकार है –
- न्यूनतम खर्च – 8000
- अधिकतम खर्च – 80,000
- औसतन खर्च – 39,377
हाइड्रोसील के जोखिम क्या होते हैं? (Side-Effects of Hydrocele in Hindi)
हाइड्रोसील (Hydrocele in Hindi) का इलाज अगर समय रहते न किया जाए, तो ये घातक रूप ले लेता है और इसके कुछ जोखिम भी हो सकते हैं। हाइड्रोसील के मुख्य जोखिम होते हैं, जो इस प्रकार है जैसे –
- लाल निशान का पड़ना – हाइड्रोसील के लंबे समय तक लाइलाज रहने पर व्यक्ति के बॉडी पर लाल निशान पड़ सकते हैं। ये निशान उसे असहज महसूस करते हैं जिस वजह से उसे मेडिकल की मदद लेनी पड़ती है।
- बुखार चढ़ना – अगर किसी व्यक्ति ने हाल ही में हाइड्रोसीलोक्टोमी सर्जरी कराई है, तो उसे इस सर्जरी के बाद बुखार हो सकता है, लेकिन कुछ समय के बाद बुखार सामान्य हो जाता। अगर लंबे सम. तक बुखार रहता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- अंडकोष में सूजन होना – जैसा कि, ऊपर स्पष्ट किया गया है कि हाइड्रोसील (Hydrocele in Hindi) का एक लक्षण अंडकोष में सूजन भी आती है। ये समस्या हाइ़ड्रोसील का इलाज न होने की स्थिति में भी बनी रह सकती है। इसका ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
- अत्याधिक रक्तस्त्राव होना – हाइड्रोसीलोक्टोमी के बाद कुछ लोगों को अधिक मात्रा में रक्तस्त्राव होता है। इस स्थिति में डॉक्टर इसे रोकने की कोशिश करते हैं, क्योंकि रक्तस्त्राव होने पर व्यक्ति के शरीर में रक्त की कमी होने लगती है।
- अंडकोष के दर्द का बढ़ना – इस समस्या में कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि हाइड्रोसील (Hydrocele in Hindi) का इलाज न होने पर अंडकोष का दर्द बढ़ सकता है। इस स्थित में दर्द इतना असहनीय होता है कि उस पुरुष को दर्द निवारक दवाईयां लेने की जरूरत पड़ सकती है।
हाइड्रोसील से बचाव (Prevention of Hydrocele in Hindi)
अधिकतर मामलों में हाइड्रोसील को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन कुछ बातें है जिन पर ध्यान देकर इसके खतरे को कम किया जा सकते हैं, जैसे कि क्रिकेट या दूसरे खेल के समय सुरक्षात्मक गियर पहनना, क्योंकि अंडकोष पर चोट न लगे।
निष्कर्ष (Conclusion)
हाइड्रोसील जैसी गंभीर के लक्षणों को पहचानकर इसका तुरंत इलाज शुरू कर दें और दिक्कतें ना बढ़े इसके लिए डॉक्टर से जरूर संपर्क करना आवश्यक है। इसे आगे जारी रखने के लिए इस TV Health पर क्लिक करें।