मिनिस्कस टियर क्या है (Meniscus Tear in hindi)
Meniscus Tear – मिनिस्कस, कार्टिलेज का एक टूकड़ा होता है जो फीमर यानी जांघ की हड्डी और टिबिआ यानी पिंडली की बड़ी हड्डी के बीच होता है और उनको सहारा देता है। प्रत्येक घुटने के जोड़ में दो मिनिसकई (Menisci) होते हैं। जब शारीरिक गतिविधियों के समय घुटने घूमते हैं या घुटनों के जोड़ों पर दबाव पड़ता है तो मिनिस्कस खराब होते हैं या फट जाते हैं। जब आप जोर से फुटबॉल को मारत हैं या अचानक से बास्केट में बॉल डालने के लिए पैरों का उपयोग करते हैं, तो मिनिस्कस टियर हो सकता है मिनिस्कस टियर (Meniscus Tear) होने के लिए जरूरी नहीं है कि आप एक एथली ही हों, ये स्क्वाट करते समय या अचानक खड़े होने से भी हो सकता है।
मिनिस्कस टियर के कारण (Meniscus Tear Causes)
जैसी कि ये उम्र बढ़ने यानी 30 वर्ष क बाद घुटने में मौजूद मिनिस्कस कमजोर हो जाता है, जिसकी वजहसे तीम से अधिक उम्र के लोगों में मिनिस्कस टियर (Meniscus Tear) की संभावना बढ़ जाती है। यदि आप पहले से ही ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित है तो आपके घुटने में चोट आने पर मिनिस्कस टियर का खतरा सबसे अधिक होता है।
साथ ही उम्र बढ़ने पर ऑस्टियोआर्थराइटिस आपकी परेशानियों को बढ़ा सकता है, जिसमें मिनिस्कस टियर होने पर जोड़ों में दर्द और कोठरता का बढ़ना भी शामिल है। मिनिस्कस टियर कई कारणों से होता है। घुटने की कुछ गतिविधियां जैसे कि मजबूत मोड़ या रोटेशन से सीधे संपर्क या दबाव की वजह मिनिस्कस टियर हो सकता है।
एथलीटों को सबसे अधिक मिनिस्कस टियर का खतरा होता है। अचानक मुड़ने, गहरी स्क्वाटिंग करने या भारी सामान उठाने से घुटने में मिनिस्कस टियर होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा क्रिकेट, फुटबॉल, बास्केटबॉल और टेनिस जैसे खेलों के समय भी मिनिस्कस टियर हो सकता है। कोई भी ऐसा खेल जिसमें अचानक से रूकने या मुड़ने की आवश्यकता होती है, उन खेलों के समय मिनिस्किस टियर होने का खतरा अधिक होता है।
आजकल बच्चों में मिनिस्कस टियर (Meniscus Tear) के काफी मामले देखने को मिलते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण बच्चों की छोटी उम्र में अनकों खेलों में भाग लेना है और उन खेलों के समय घुटने में चोट आना।
मिनिस्कस टियर के लक्षण (Meniscus Tear Symptoms)
जब मिनिस्कस टियर होता है तो घुटने के जोड़ के आसपास एक पॉपिंग ध्वनि यानी चटाक की आवाज सुनने में आती है। अगर घुटने में चटाक ध्वनि के साथ ही निम्न लक्षण दिखाई देते हैं तो मिनिस्कस टियर की समस्या हो सकती है। मिनिस्कस टियर (Meniscus Tear) के सामान्य लक्षण कुछ इस प्रकार है –
- घुटने के आसपस दर्द होना
- घुटने की मिनिस्कस टियर के कारण सूजन होना
- घुटने की किसी प्रकार की गतिविधि करने में समस्या आना
- घुटने को सहारा देने में मुश्किल होती है
कई बार मिनिस्कस टियर में चटाक महसूस होने के साथ घुटने के जोड़ में अवरुद्ध भी महसूस होता है, इसमें उपास्थि का एक टुकड़ा ढीला महसूस लगता है। इस तरह के लक्षणों का अधिक समय तक रहना घुटने की गंभीर समस्या का सूचक हो सकता है। अगर इस तरह के संकेत दिखाई देने लगें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
मिनिस्कस टियर का निदान (Meniscus Tear Diagnosis)
यदि आपको घुटने में मिनिस्कस टियर के लक्षम दिखाई देते हैं तो आपको जल्दी से जल्दी डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। डॉक्टर आपके लक्षणों के आधार पर मिनिस्कस टियर (Meniscus Tear) की जांच करते हैं। मिनिस्कस टियर की जांच करने के लिए डॉक्टर ढेरों तकनीकों का इस्तेमाल करते है जिसमें निम्नलिखित शामिल है।
- शारीरिक जांच – शारीरिक जांच के समय डॉक्टर सबसे पहले आपके घुटने की गतिविधि और मोशन की जांच करते हैं। घुटने में जिस हड्डी के पास मिनिस्क होता है उसे बारीकी से समझने के साथ-साथ डॉक्टर
- इमेंजिग जांच – मिनिस्कस टियर पुष्टि करने के लिए डॉक्टर इमेजिंग जांच का इस्तेमाल भी करते हैं जिसमें निम्नलिखित जांच शामिल है।
- एक्स-रे (X-ray):इस जांच में मिनिस्कस टियर नहीं दिखाई देते हैं, ये इसलिए किया जाता है क्योंकि ये निर्धारित किया जा सके कि घुटने में दर्द का कराण ऑस्टियोआर्थराइटिस तो नहीं।
- एमआरआई (MRI):एमआरआई में घुटने की कई छवियों को लेने के लिए एक चुंबकीय क्षेत्र क इस्तेमाल किया जाता है। एमआरआई से उपास्थि और लिगामेंट की तस्वीरें ली जाती है, क्योंकि निर्धारित किया जा सकें कि मिनिस्कस टियर है या नहीं।
- अल्ट्रासाउंड (ultrasound):अल्ट्रासाउंड में शरीर के अंदर छवि लेने के लिए ध्वनि तरंगों का इस्तेमाल किया जाता है। इससे ये निर्धारित किया जाता है कि घुटने में कोई ढीला उपास्थि तो नहीं।
- आर्थ्रोस्कॉपी (arthroscopy):डॉक्टर आर्थ्रोस्कॉपी का सुझाव तब देते हैं जब उपरोक्त तकनीकों से घुटने के दर्द की वजह का पता नहीं चल पाता है।
मिनिस्कस टियर का उपचार/इलाज (Meniscus Tear Treatment)
मिनिस्कस टियर (Meniscus Tear) का इलाज कई तरह से किया जाता है। इसके इलाज के माध्यमों में निम्न शामिल हो सकते हैं – मिनिस्कस में चोट लगने कि वजह से डॉक्टर सबसे पहले रोगियों को आराम करने का सुझाव देते हैं। लेकिन पैर का इस्तेमाल कम से कम या न के बराबर करने को कहते हैं –
1. बर्फ की सिकाई (Ice Pack For Meniscus Tear)
मेनिस्कस टियर की वजह से उत्पन्न दर्द और सूजन को कम करने के लिए डॉक्टर बर्फ से घुटने की सिकाई करने की सलाह देते हैं।
2. दवाओं का सेवन (Medicines For Meniscus Tear)
मिनिस्कस टियर में घुटने के दर्द और सूजन को कम करने के लिए डॉक्टर कुछ खास दर्द निवारक दवाएं भी निर्धारित करते हैं।
3. शारीरिक चिकित्सा (Physical Therapy For Meniscus Tear)
मिनिस्कस टियर के लक्षण को दूर और घुटने के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए डॉक्टर शारीरिक चिकित्सा घुटने के दर्द को कम करने साथ-साथ घुटने की गतिशीलता और स्थिरता को बढ़ाने में मदद भी करता है। साथ ही घुटने के दर्द को दूर करने के लिए डॉक्टर घुटने की मालिश करने का भी सुझाव देते हैं।
4. सर्जरी (Surgery For Meniscus Tear)
जब उपाय काम करना बंद कर दें या मिनिस्कस बुरी तरह से चोट आता है तो सर्जरी का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही मिनिस्कस टियर (Meniscus Tear) का ट्रीटमेंट करने के लिए जिस सर्जरी का इस्तेमाल किया जाता है उसे आर्थ्रोस्कॉपी सर्जरी कहा जाता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
अगर आपको भी मिनिस्कस टियर जैसी समस्या है तो लेख बताए गए उपचार को अपनाएं और अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इसे आगे जारी रखने के लिए इस TV Health पर क्लिक करें।