मस्सा क्या है? – What Are Warts In Hindi?
Warts In Hindi – मस्से को वार्ट्स (Warts) कहा जाता है, जो कि स्किन का एक गैर-कैंसरीकृत यानी की बिनाइन विकार होता है। ये शरीर के किसी भी हिस्से में किसी भी आकार या प्रकार का हो सकता है, जिसके पीछे की मुख्य वजह एक वायरस होता है। मस्से संक्रामक होते हैं और काफी आम होते हैं। वहीं अधिकतर लोगों को जिंदगी में कभी न कभी शरीर के किसी हिस्से में मस्सा हुआ होगा, लेकिन ये अधिकतर बच्चों व किशोरों में देखा जाता है। अधिकतर लोगों को जिंदगी में कभी न कभी शरीर के किसी हिस्से में मस्सा हुआ होगा पर ये ज्यादातर बच्चों व किशोरों में देखा जाता है। अधिकतर मस्से हानिकारक नहीं होते हैं और वह दर्द या किसी तरह की असहजता की वजह से नहीं बनते हैं और कुछ हफ्तों से लेकर महीनों के अदर खुद ही चले जाते हैं। वैसे यह दिखने में बेहद ही भद्दे या आपके शारीरिकआकर्षण को कम कर सकते हैं। साथ ही कुछ मस्से ( Warts In Hindi) परमानेंट भी हो सकते हं, जो जिंदगी भर आपके साथ रहते हैं और दर्द व असहजा का भी कारण बन सकते हैं।
मस्सा के प्रकार – Types Of Warts In Hindi
1. फ्लैट मस्सा (flat wart)
इस तरह के मस्से काफी नरम और सपाट होते हैं, जो गर्दन और चेहरे पर होते हैं। हल्के पीले और भूरे रंग के ये मस्से एक बड़ी संख्या में हो सकते हैं। ये बच्चों और वस्यकों को अधिक होते हैं।
2. फिलीफॉर्म मस्सा (filiform wart)
वैसे तो ये आमतौर पर गर्दन, नाक, कंधे और ठोड़ी के नीचे होते हैं। तब इनका रंग भी त्वचा की तरह ही होता है। एचआईवी से पीड़ित लोगों का इम्युनिटी सिस्टम कमजोर होने के चलते, उन्हें इस तरह के मस्से होने की संभावना अधिक होती है।
3. वेरूका मस्सा (Verruca warts)
इस मस्सा ( Warts In Hindi) की परत रफ, ड्राई और उभरी हुई सी होती है।
4. प्लांटर मस्सा (plantar wart)
ये पैरों के तलवों पर होते हैं, जो काफी मोटे और सख्त होते हैं। साथ ही चलते समय इनमें दर्द होता है, लेकिन शरीर का वजन पड़ने की वजह से खत्म भी हो जाते हैं। ये एचपीवी वायरस के कारण होते हैं।
5. मोज़ैइक मस्सा (mosaic wart)
ये मस्से ( Warts In Hindi) प्लांटर मस्सा का ही एक समूह होते हैं, जो एक छोटे हिस्से में होते हैं और ये आमतौर पर तब होते हैं जब प्लांटर मस्सा का इलाज सही से नहीं कराया जाता है।
मस्सा के लक्षण – Warts Symptoms In Hindi
इसके कुछ खास लक्षणों के जरिए जान सकते हैं कि ये मस्सा है या नहीं जैसे –
- स्किन के ऊपर गांठ जैसा दिखाई देना
- स्किन के ऊपर गहरे रंग के धब्बे या तिल जैसे निशान बनना।
- स्किन पर अलग-अलग प्रकार के रंग का होना।
- मस्से पर काले धब्बों की उपस्थिति, रक्त वाहिकाओं को बंद कर सकती है।
- स्किन पर बनी हुई गांठ मुलायम या फिर खुरदरी होना भी मस्से ( Warts In Hindi) के लक्षण हो सकते हैं।
मस्सा के कारण – Causes Of Warts In Hindi
मस्से मुख्य से इंफेक्शन के कारण होते हैं, मस्सा होने की वजह और भी हो सकती है जो कुछ इस प्रकार है –
- मस्सा एचपीवी (human papillomavirus) इंफेक्शन के कारण होता है। ये वायरस 100 से अधिक प्रकार का होता है जो स्किन में छोटे-छोटे कट के माध्यम से प्रवेश कर सकता है और अतिरिक्त कोशिकाओं की वृद्धि का करण बन सकता है। इससे स्किन की बाहरी परत मोटी और सख्त होती जाताी है, जो मस्सा का रूप ले लेता है।
- घाव वाली स्किन के इंफेक्शन होने से भी इसके होने की आशंंक अधिक हो जाती है।
- एचपीवी से प्रभावित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी ये हो सकता है।
- दूसरों का तौलिया या फिर रेजर इस्तेमाल करना भी मस्सा (Warts In Hindi) होने का कारण बन सकता है।
मस्सा का इलाज – Warts Treatment In Hindi
1. क्रायोथेरेपी (cryotherapy)
ये कई डॉक्टरों के द्वारा चुना जाता है, क्योंकि ये प्रतिरक्षा प्रणाली को वायरल मस्से से लड़ने के लिए एक एंटीबॉडी बनाने के लिए प्रशिक्षित करना है। ये इसलिए पाया जाता है क्योंकि, सैलिसिलिक एसिड और फ्रीजिंग थेरेपी का संयोजन का सबसे प्रभावी रिजल्ट देता है।
2. सर्जिकल रिमूवल (surgical removal)
ये इलाज कुछ ऐसा है कि, जिसे फिलीफॉर्म मस्से को हटाने के लिए कराने की सलाह दी जाती है। आपके डॉक्टर एक स्कैल्पल का उपयोग करके मस्से को काट देते हैं।
3. इलेक्ट्रोसर्जरी और क्युरेटिज (Electrosurgery and Curettages)
इस प्रक्रिया में इलेक्ट्रोक्यूटेराइजेशन का इस्तेमाल करके व्यक्ति स्किन में से मस्से (Warts In Hindi) को हटा देते हैं। ये दो तकनीक का इस्तेमाल साथ में और अलग-अलग भी किया जाता है।
4. कैन्थेरिडिन (cantharidin)
ये वो पदार्थ है जिसे ब्रिसल बीटल से निकाला जाता है और फिर इसे स्किन या उस स्थान पर लगाया जाता है जो मस्से से प्रभावित होता है। कैंथरिडिन को लगाने के बाद, इसे खुला नहीं छोड़ा जाता है, लेकिन एक पट्टी के साथ कवर किया जाता है, इस प्रकार के मस्से के आस-पास की स्किन को हटा दिया जाता है।
5. इम्यूनोथेरेपी (immunotherapy)
इस समस्या में कोई ओर विकल्प नहीं बचता है तो डॉक्टर इम्यूनोथेरेपी कराने की सलाह देते हैं। इस प्रक्रिया में बहुत से इंजेक्शन मस्से (Warts In Hindi) में डाले जा सकते हैं, क्योंकि इम्यून सिस्टम प्रतिक्रिया करने के लिए स्टिमूलेट हो सके। साथ में टॉपिकल दवाइयां भी दी जा सकती है।
मस्सा के लिए कुछ घरेलू उपाय – Home Remedies For Warts In Hindi
1. टी ट्री ऑइल से मस्सा जाए दूर (Get Rid Of warts With Tea Tree Oil
टी ट्री ऑयल मस्से की समस्या को दूर करने में सहायता करता है। ये एटिऑलॉजिकल माइक्रोबियल (Aetiological Microbial) गुण से भरपूर होता है, जो स्किन के इंफेक्शन को दूर करने में सहायता करता है। इसके इस्तेमाल से मस्से (Warts In Hindi) को फैलाने वाले बैक्टीरिया को समाप्त करते हैं। साथ ही इस तेल में एटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं जो बैक्टीरिया के इंफेक्शन की वजह से होने वाले मस्से को दूर कर सकते हैं। तब आप ऐसे में टी ट्री के तेल का इस्तेमाल मस्सों के घरेलू इलाज के तौर पर किया जाता है।
उपयोग का तरीका – नारियल तेल में टी ट्री ऑयल को मिलाएं, इसके बाद कॉटन बॉल की मदद से इसे मस्से पर लगाएं और ऐसा हफ्ते में रोजाना सुबह और शाम को कर सकते हैं।
2. एलोवेरा से करें मस्सा का इलाज (Treat Warts With Aloe Vera)
मस्सों (Warts In Hindi) को हटाने की दवा के रूप में एलोवेरा का उपयोग गुणों से भरपूर हो सकता है। एक मेडिकल शोध के अनुसार, एलोवेरा में एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं, जो मस्से की वजह से बनने वाले वायरल इंफेक्शन को न सिर्फ रोक सकता है, बल्कि उन्हें समाप्त करने में सहायता भी करता है। ऐसे में मस्से की बीमारी का इलाज में एलोवेरा का इस्तेमाल किया जा सकता है।
उपयोग का तरीका – एलोवेरा के गूदे को मस्से वाले स्थान पर लगाकर कुछ देर के लिए हल्के-हल्के हाथों से मसाज करें। इसके बाद थोड़ी देर तक उसे ऐसे ही छोडें और फिर धो लें। इसका इस्तेमाल रोजाना कभी भी कर सकते हैं।
3. बेकिंग सोडा से मस्से का इलाज (Wart Treatment With Baking Soda)
मस्सों के घरेलू उपचार (Warts In Hindi) में एक नाम बेकिंग सोडा का भी माना जाता है, जैसा कि ऊपर लेख में बताया जा चुका है कि मस्सा एचपीवी इंफेक्शन के कारण हो सकता है। माना जाता है कि, बेकिंग सोडा जिसे सोडियम वायकार्बोनेट भी कहा जाता है, इस समस्या को कम करने में सहायता करता है। लेकिन वैसे इस संबंध में और वैज्ञानिक शोध किए जाने की आवश्यकता है।
उपयोग का तरीका – सबसे पहले बेकिंग सोडा और एसेंशियल ऑयल को एक साथ मिलाकर पेस्ट तैयार करें। फिर इस पेस्ट को मस्से पर लगाएं और कुछ देर बाद इसे साफ करें। इस विधि का इस्तेमाल हफ्ते में दो से तीन बार कर सकते हैं।
4. नींबू के जूस से हटाएं मस्सा (Remove Wart With Lemon)
इस मस्से की समस्या को सुलझाने के लिए नींबू बहुत ही काम की चीज हो सकती है, क्योंकि इसमें साइट्रिक एसिड पाए जाते हैं, जिसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण होता है। ये मस्से (Warts In Hindi) को दूर करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
उपयोग का तरीका – आप नींबू के रस को पानी में मिलाएं, फिर इस मिश्रण को मस्से पर कॉटन के द्वारा लगा सकते है। कुछ देर इसे लगा रहने दें और फिर इसे धो लें। आप इसका इस्तेमाल कभी भी कर सकते हैं। सुबह नहाने से पहले इसका इस्तेमाल करना अधिक लाभकारी माना जाता है।
5. हल्दी भगाए मस्सा (Turmeric Removes Warts)
हल्दी न सिर्फ हमारे को साफ करती है, बल्कि ये अन्य मामलों में भी गुणकारी होती है। हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण पाए जाते हैं। हल्दी में पाए जाने वाले ये गुण मस्से की वजह से बनने वाले ह्यूमन पैपिलोमावायरस को समाप्त करने में सहायता करता है।
उपयोग का तरीका – सबसे पहले तेल और हल्दी को मिलाकर पेस्ट बनाएं, इस पेस्ट को प्रभावित स्थान पर लगाएं। साथ ही इसे लगाकर ऐसे ही छोड़े फिर खुद ही सूख कर झड़ जाएगा। आप इसका इस्तेमाल रोजाना कभी भी कर सकते हैं।
मस्सा हटाने के बाद सावधानियां – Things To Do After Wart Removal
यदि आपने अपना मस्सा (Warts In Hindi) हटा लिया है तो आपको कुछ खास बातों ध्यान रखना बेहद आवश्यक है जैसे –
- डॉक्टर द्वारा बताए अनुसार, दिन में कम से कम दो बार उस जगह को धोएं।
- डॉक्टर ने जो दवाएं या ऑइन्टमेंट बताई है उसे समय-समय पर जरूर लगाएं।
- गंदे या बिना हाथ धोए मस्से की जगह को न छुए।
- किसी भी तरह की परेशानी या चोट से बचने के लिए वहां बैंडेज लगाएं।
मस्सा से बचाव – Prevention Tips For Warts In Hindi
यदि मस्से नहीं है, तो जरूरी नहीं की भविष्य में भी न हो। यदि इसस बचना चाहते हैं, तो नीचे दिए कुछ जरूरी उपाय को फॉलो करें, जो कुछ इस प्रकार है-
- आप अपने हाथ और पैरों को रोजाना रूप से धोएं।
- अपने नाखूनों को जंग लगे या संक्रमित औजारों द्वारा कटने से बचाना चाहिए।
- ध्यान रखें कि, अपनी वस्तुओं जैसे तौलिया व जूते-चप्पल आदि हर किसी के साथ शेयर न करें।
- अपनी स्किन को मॉइस्चराइज रखें।
- अपने पैरों को हमेशा सार्वजनिक स्थानों पर ढक कर रखें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल – FAQs
प्र.1. गर्दन पर मस्से होने से क्या होता है? – What Happens If You Have Warts On Your Neck?
गर्दन पर मस्सों की समस्या बहुत अधिक लोगों में होती है। गर्दन पर होने वाले मस्से आपकी खूबसूरती को भी प्रभावित करता हैष मस्से नॉन कैंसर होते हैं और ये ह्यूमन पैपिलोमा वायरस के कारण होते हैं। ह्यूमन पैपिलोमा वायरस शरीर में कटे व घाट आदि से प्रवेश करता है और इसके बाद शरीर में इसका इंफेक्शन फैलता है।
प्र.2. क्या मस्सा खतरनाक है?- Are Warts Dangerous?
अक्सर लोग शरीर में दिखने वाले मस्सों को काफी हल्के में ले लेते हैं और इस पर किसी का ध्यान भी नहीं जाता है, लेकिन कई बार ये साधारण और छोटे से दिखने वाले मस्से काफी खतरनाक साबित हो सकते हैं। कई बार इन मस्सों की वजह से आपको खतरनाक स्किन कैंसर की समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है।
प्र.3. क्या मस्सा एक छेद छोड़ते हैं? – Do Warts Leave A Hole?
यदि आप मस्सा का इलाज करवाते हैं, तो संभव है कि वहां एक छेद रह जाए, लेकिन ये छेद लगभग 2 सप्ताह में ठीक हो जाते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
इस लेख में बताए गए प्रकार और लक्षणों को पहचान कर मस्से को बढ़ने से पहले ही तुरंत जांच करवाएं और लेख में दी गई सावधानियों को जरूर अपनाएं। इसे आगे जारी रखने के लिए इस TV Health पर क्लिक करें।