जानिए डायबिटीज मरीजों के लिए इंसुलिन पंप कितना फायदेमंद है?
Insulin Pump in Hindi – इंसुलिन पंप एक लेटेस्ट मेडिकल डिवाइस है, जो देखने में बिल्कुल पेजर की तरह है। इसे मरीज की बेल्ट या पॉकेट पर लगाया जाता है। इस डिवाइस से एक प्लास्टिक की नली अटैच होती है, जिसे कैनुला कहते हैं। बता दें कि, इससे मरीज का शरीर एक फिक्स्ड क्वॉन्टिटी में इंसुलिन जाता रहता है। ये इंसुलिन पंप (Insulin Pump in Hindi) थेरेपी खासकर डायबिटीज टाइप-1 और टाइप-2 के लिए फायदेमंद है। पेशेंट को एक महीने में पंप से सिर्फ 6 से 8 बार इंजेक्शन लेना होता है, लेकिन इंजेक्शन से इंसुलिन के लिए मरीज को 90 से 120 बार इंजेक्शन लेने की जरूरत पड़ती है।
इंसुलिन पंप का इतिहास (History of insulin pump in Hindi)
हम इंसुलिन की बात कर रहे हैं (History of insulin pump in Hindi) जिसको सौ वर्ष पहले सन् 1921 में इंसुलिन को कनाडा के टोरंटो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं फ्रेडरिक ग्रांट बैंटिंग और चार्ल्स हर्बर्ट बेस्ट ने जॉन मैक्लिओड के निर्देशन में इसका सफलतापूर्वक प्रयोग किया था। इस आविष्कार को सर्वप्रथम एक 14 वर्ष के डायबिटीज रोगी लियोनार्ड थॉम्पसन पर सन् 1922 में आजमाया गया। थॉम्पसन टाइप वन डायबिटीज रोग से पीड़ित थे जो अक्सर बच्चों में होती है और इसमें रोगी के अग्न्याशय में इंसुलिन का निर्माण नहीं होता। इंसुलिन (Insulin Pump in Hindi) न बनने के कारण थॉम्पसन का ब्लड शुगर हमेशा बढ़ता रहता था, लेकिन बैटिंग और बेस्ट द्वारा तैयार किए गए इंसुलिन के इंजेक्शन से उनका शुगर नियंत्रित हो गया। इस प्रकार दुनिया को डायबिटीज के उपचार के लिए नई दवा मिली।
इंसुलिन के आविष्कार से पहले वैज्ञानिकों को यह पता था कि, अग्नाशय किसी न किसी तरह डायबिटीज के लिए जिम्मेदार है। सन् 1889 में oskar minkowski और joseph von Mering ने पता लगा लिया था कि, अग्नाशय को नष्ट करने पर कुत्तों में डायबिटीज हो जाता है। अपने प्रयोगों से उन्होंने यह निष्कर्ष निकाला कि, अग्नाशय में कोई ऐसा तत्व मौजूद है जिसे यदि निकाल कर ऐसे जानवर को दिया जाए जिसे डायबिटीज है तो उसे डायबिटीज के दुष्प्रभावों से बचाया जा सकता है। अब तक यह तो साफ हो चुका था कि, अग्नाशय में स्थित कोई कोशिका समूह है जो शरीर में बढ़े शुगर को नियंत्रित करती है, लेकिन इसका प्रमाण उपलब्ध नहीं था। वर्ष 1893 में पता चला कि, लैंगरहैंस की कोशिकाएं कुछ ऐसी चीजें स्रावित करती हैं जो शरीर में शर्करा के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है।
इंसुलिन पंप के फायदे (Benefits of an insulin pump in Hindi)
दर्द रहित प्रक्रिया (painless procedure)
यह थेरेपी दर्द रहित व सुरक्षित है। मैनुअल इंसुलिन इंजेक्शन की तुलना में स्वचालित इंसुलिन थेरेपी (Insulin Pump in Hindi) उतार-चढ़ाव के बिना रक्त शर्करा के स्तर को मैनेज करती है।
टाइप 1 डायबिटीज मरीज (type 1 diabetes patient)
ये थेरेपी टाइप 1 डायबिटीज के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद है, जो अक्सर बाहर का खाना खाते हैं।
खिलाडियों और बच्चों के लिए (For players and kids)
यह थेरेपी टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित खिलाड़ियों और ऐसे बच्चों के लिए भी लाभदायक है, जो स्कूल में या दोस्तों के साथ खाना अधिक खा लेते हैं।
ऑटोमेटिक पंप (automatic pump)
इंसुलिन पंप उन रोगियों के लिए भी फायदेमंद है, जो खाने के समय इंसुलिन लेना भूल जाते हैं। उन्हें ये पंप (Insulin Pump in Hindi) रिमाइंडर या याद दिला देते हैं। लो ग्लूकोज सस्पेंड तकनीक के जरिए ऑटोमेटिक पंप शरीर में कम ब्लड शुगर का भी पता लगा लेते हैं और इंसुलिन की सप्लाई को काट देता है। स्मार्ट कंट्रोल और प्री प्रोग्राम सेटिंग की वजह से पंप बहुत ही अनुकूल और रक्त शर्करा को सही तरीके से कम या बढ़ाने में मदद करता है।
इंसुलिन पंप के नुकसान (Disadvantages of insulin pump in Hindi)
एक शोधकर्ता के अनुसार, इंसुलिन पंप के जरिए बॉडी में रक्त शर्करा को मैनेज रखना काफी सुरक्षित होता है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आप सही तरीके से इसका इस्तेमाल करें। साथ ही इंसुलिन पंप का प्रयोग हर इंसान नहीं कर पाता है, जो इंसुलिन पंप (Insulin Pump in Hindi) का इस्तेमाल करते हैं उन्हें नियमित तौर पर रक्त शर्करा के स्तर की जांच करानी चाहिए, क्योंकि वे कार्बोहाइड्रेट काउंट को जान सकें और उसी के हिसाब से खाने के समय इंसुलिन की मात्रा ले सकें। वहीं इंसुलिन पंप लगाने वाले लोग अधिक कूद-फांद नहीं कर सकते हैं। लेकिन जो लोग समय-समय पर टेस्टिंग करते हैं, उन्हें खानपान में सुधार करने की जरूर होती हैं। वैसे तो डॉक्टर ही उन्हें इंसुलिन पंप लगाने की सलाह देते हैं –
1. इसके अलावा इंसुलिन पंप को अच्छे से चलाने के लिए रोगी को खास ट्रेनिंग की आवश्यकता पड़ती है।
2. पंप को खरीदने के साथ इसे कैसे ऑपरेट करना है उसको लेकर भी आपके पैसे खर्च करने होते हैं।
3. इंसुलिन पंप लगाने से लोगों में खासकर बच्चों में चिंता या परेशानी हो सकती है या उन्हें पंप के साथ पूरे दिन घूमने कुछ लोगों के लिए असुविधाजनक है।
4. पंप का इस्तेमाल करने वाले लोगों में सबसे आम शिकायत इंफेक्शन है जो उस क्षेत्र के आसपास उत्पन्न होती है। जहां पंप डाला जाता है। जलसेक साइटों में स्किल इंफेक्शन बेहद आम है और यह पंप का इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए समान है।
5. इंसुलिन पंप (Insulin Pump in Hindi) के साथ आपकी बेसल रेट को रोकना और शुरू करना आसान है, क्योंकि यह एक बटन पर क्लिक पर निर्भर भरपाई करने के लिए बस बोलोस की खुराक ले सकते हैं। इंजेक्शन के साथ आप अधिक सतर्क होते हैं, क्योंकि इसमें आपको खुद को चुभाना पड़ता है और आप एक दिन में कई बार ऐसा नहीं करना चाहते हैं।
6. भारत में एक इंसुलिन पंप की कीमत लगभग 175000 के अतिरिक्त है। वहीं हर महीने रख-रखाव के रूप में 10,000 से 12,000 एक इंजेक्शन की तुलना में महंगा है।
इसके अलावा, इस पंप का इस्तेमाल करते समय जब आप पानी के संपर्क में आते हैं तब आपको इस मशीन डिस्कनेक्ट करनी होती है या बारिश में पसीना आने पर, शावर लेने के समय, एक्सरसाइज करते समय आपको इस मशीन को बंद करना पड़ता है। बता दें कि, कैनुला एक प्रकार के चिपकाने वाले पदार्थ से ही चिपका है। तब उस समय आपको मशीन ऑफ करनी पड़ती है। अब उस मशीन को कब ऑन करनी है या ऑफ करनी है वह डॉक्टर से चर्चा करनी पड़ती है। कई बार तो लोग इंसुलिन पंप को 2 से 3 घंटों के लिए भी बंद कर देते हैं। इसलिए अपने डॉक्टर से सलाह जरूर करें।
इंसुलिन पंप के उपयोग से संबंधित मुद्दे (issues related to insulin pump usage)
1. वजन का बढ़ना
अगर आपका पेट ऐसा बन गया है, जहां सारी वसा जमा हो रही है और आपका पेट मफिन टॉप की तरह दिख रहा है, तो आपका शरीर आपको ये संकेत देने की कोशिश कर रहा है कि, अब आपको अपने इंसुलिन लेवल पर ध्यान देने की जरूरत है।
2. थकान होना इंसुलिन प्रतिरोध का संकेत
एक शोध के अनुसार, आप सामान्य चयापचय गतिविधि के कारण थका हुआ महसूस करते हैं। अगर आपका चयापचय कुशलता से काम नहीं कर रहा है, तो आपको ऊर्जा प्राप्त करने में समय लगेगा। जिससे आपको ठीक खाने के बावजूद थकान महसूस होगी।
3. इंसुलिन प्रतिरोध में भूख और प्यास का बढ़ना
जब आप इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin Pump in Hindi) की वजह से अधिक मात्रा में पानी पीना चाहते हैं या पीते हैं। साथ ही आप ऐसे भी सोचने लगते हैं कि खाने से आपने अधिक ऊर्जा मिलेगी, जिस वजह से आप ओवर ईटिंग का शिकार हो जाते हैं।
4. यूरिन अधिक पास होना
अगर आप बहुत अधिक पानी पी रहे हैं तो आप कई बार वॉशरूम भी जाएंगी। बार-बार यूरिन की जरूरत महसूस होना, इंसुलिन प्रतिरोध का सबसे कॉमन संकेत है।
5. स्किन का काला पड़ना
इसमें आपके गर्दन, अंडरआर्म्स और कमर के चारों और एक काले रंग का पैच दिखने लगता है। ये आपके शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध का कारण है। इसे एसेंथोसिस निगरिकंस के रूप में माना जाता है। डार्क स्किन पैच में मेलेनिन की मात्रा अधिक होती है, वे एक बैंड जैसी संरटना बनाते हैं जो विशेष रूप से आपकी गर्दन के चारों ओर।
6. हाथों और पैरों में कमजोरी आना
ये एक गंभीर लक्षण है, जब इंसुलिन प्रतिरोध की वजह से शुगर लेवल को बढ़ाता है तो ये ब्लड कैलकुलेशन को प्रभावित करता है। इससे सिग्नल टूट जाता है। हाई लेवल में रोगी इस संकेत को पूरी तरह से खो देता और वे कुछ भी महसूस नहीं कर पाते हैं।
इंसुलिन पंप और इंजेक्शन में अंतर (Difference between insulin pump and injection in Hindi)
इंसुलिन इंजेक्शन (insulin injection)
डायबिटीज से ग्रसित कई लोगों के लिए इंसुलिन का इंजेक्शन उनके जीवन का जरूरी हिस्सा बन गया है। यह इंजेक्शन मरीजों को दिन में दो से तीन बार लेना पड़ता है। ऐसे में बेवजह की तकलीफ से बचने के लिए इंजेक्शन इंजेक्ट के दौरान कुछ बुनियादी बातों पर ध्यान देना भी जरूरी है, क्योंकि इंजेक्शन से होने वाले साइड इफेक्ट भी कम नहीं है:-
इंसुलिन इंजेक्शन से होने वाले नुकसान – इस दवा से होने वाले अधिकांश साइड इफेक्ट में डॉक्टर की सलाह लेने की जरूरत नहीं पड़ती है और नियमित रूप से दवा का सेवन करने से साइड इफेक्ट अपने आप समाप्त हो जाते हैं। ये है इंसुलिन के कुछ सामान्य साइड इफेक्ट-
- हाइपोग्लाइसीमिया यानी लो ब्लड ग्लूकोज लेवल
- इंजेक्शन वाली जगह पर एलर्जिक रिएक्शन होना
- लिपि डिस्ट्रॉफी यानी इंजेक्शन वाली जगह पर स्किन का मोटा होना या गांठ पड़ना
- अधिक वजन बढ़ेगा
- एजिया यानी सून
इंसुलिन पंप (insulin pump)
जो डायबिटीज की बीमारी से ग्रसित है और उनको अपने ब्लड शुगर को कंट्रोल में करने के लिए इंसुलिन पर निर्भर होना पड़ता है जो इस स्थिति में इंसुलिन लेने के लिए रोजाना कई इंजेक्शन लेते होंगे, तो उनके लिए इंसुलिन पंप इसी का वैकल्पिक तरीका है। आज इंजेक्शन की बजाय इंसुलिन पंप के जरिए शरीर को पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन के साथ जरूरत पड़ने पर बोलुस मिलता है। तो इस तरह का प्रक्रिया में जरूरी है कि, आप नियमित तौर पर अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच करते रहें, ऐसे में आप इंसुलिन लेने के लिए इंजेक्शन की बजाय इंसुलिन पंप (Insulin Pump in Hindi) का सहारा लेकर ब्लड ग्लूकोज के स्तर को बेहतर तरीके से सामान्य कर सकते हैं।
जाने कौन सा बेहतर है इंसुलिन पंप या इंजेक्शन? (Which is better: an insulin pump or injection?)
इंसुलिन पंप थेरेपी ने हाइपोग्लाइसीमिया यानी ब्लड शुगर में कमी को काफी हद तक कम किया है और रोजाना कई इंसुलिन इंजेक्शन के मुकाबले ये थेरेपी लंबे समय तक शुगर को कंट्रोल करने में मदद करती है।
इसके अलावा पेशेंट को एक महीने में पंप से (INSUL by AgVa in content) सिर्फ 6 से 8 बार इंजेक्शन लेना पड़ता है लेकिन पेशेंट को 90 से 120 बार इंसुलिन इंजेक्शन लेना पड़ता है। अगर साफ शब्दों में कहें तो इंसुलिन पंप (Insulin Pump in Hindi) बेहतर माना जाता है।
खर्च की बात करें इंसुलिन पंप की कॉस्ट की तो ये 3 लाख से 5 लाख रुपये के बीच है। जबकि इंसुलिन पर हर महीने के करीब 5 हजार रूपये खर्च होते हैं।
इंसुलिन पंप के भाग (Parts of insulin pump in Hindi)
इंसुलिन पंप एक छोटा सा यंत्र है जो डायबिटीज रोगियों के लिए एक उम्मीद बन चुका है। जिसमें एक बीपर होने के साथ ये छोटे होता है। इंसुलिन पंप की कुछ खास विशेषताओं क्या है-
1. रेज़र्व्वार (Reservoir)
रेज़र्व्वार उस जगह को कहते हैं, जहां इंसुलिन स्टोर किया जाता है और समय-समय पर इंसुलिन के खत्म होने पर इसे भरना जरूरी होता है क्योंकि इसका फायदा उठाया जा सके।
2. कैनुला (cannula)
ये एक प्रकार का छोटा निडल वाला और स्ट्रॉ के आकार का ट्यूब होता है, जो फैटी टिशू के अंदर डाला जाता है, क्योंकि इंसुलिन को शरीर में डाला जा सके। इंसुलिन की खुराक देने के बाद निडव को निकाल दिया जाता है। लेकिन ट्यूब उसी जगह पर रहती है और इंफेक्शन को रोकने के लिए समय-समय पर आपको कैनुला व इसके उपकरण जैसे पाइप आदि को बंद करना पड़ेगा। जिससे इंफेक्शन ना हो, इसलिए ऐसा किया जाता है।
3. ऑपरेटिंग बटन (operating button)
ऑपरेटिंग बटन की मदद से उपकरण को इस हिसाब से सेट कर दिया जाता है कि, रोगी को दिनभर में समय-समय पर इंसुलिन (Insulin Pump in Hindi) की खुराक मिलती रहे। जैसे खाने का समय होने पर उसे बोलस डोज मिलता रहता हैं।
4. ट्यूबिंग (tubing)
यह एक पतली और बेहद फ्लेक्सिबल पाइप होती है, जो इंसुलिन को पंप से कैनुला तक ले जाने में मदद करती है।
5. इन्फ्यूजन सेट (Infusion set)
एक इन्फ्यूजन सेट का उद्देश्य स्किन के नीचे इंसुलिन पहुंचाना है, एक जैसे उद्देश्य स्किन के नीचे इंसुलिन पहुंचाना है, एक समान कार्य को पूरा करना जैसे कि एक अंत:शिरा रेखा। यह एक इंसुलिन पंप के पंप उपयोगकर्ता से जोड़ने के लिए एक पूर्ण ट्यूबिंग सिस्टम है और इसमें एक चमड़े के नीचे प्रवेशनी, चिपकाने वाला माउंट, क्विक-डिस्कनेक्ट और एक पंप कार्ट्रिज कनेक्टर शामिल है।
हम भारत में इंसुलिन पंप कैसे खरीद सकते हैं? (How can we buy an insulin pump in India?)
Insul by AgVa दुनिया का सबसे एडवांस और किफायती इंसुलिन पंप (Insulin Pump in Hindi) है। बिल्ट-इन ग्लूकोमीटर, ब्लूटूथ कनेक्टिविटी, एंड्रॉइड और आईओएस ऐप के साथ-साथ लंबे समय तक चलने वाले और किफायती डिस्पोसेबल (INSUL by AgVa in content) जैसी कई विशेषताएं इसे सभी के लिए एक बेस्ट इंसुलिन पंप बनाती है।
₹ 499 केवल प्री-ऑर्डर की राशि है। साथ ही शेष राशि का भुगतान आपको डिलीवरी के बाद करना होगा। पहले के 10,000 ग्राहकों के लिए शुरुआती कीमत 24,499 रुपये है, लेकिन इसकी (MRP – 49,999) रुपये है।
बस आपको करना ये है कि, Insul by AgVa की website पर जाकर प्री-ऑर्डर करें और जाने क्यों Insul by AgVa दुनिया का बेहतर इंसुलिन पंप है।
कुछ लोकप्रिय ब्रांड (some popular brands in Hindi)
1. INSUL by AgVa
AgVa Healthcare एक भारतीय कंपनी है जो चिकित्सा उपकरण बनाती है। हाल ही में, AgVa Healthcare ने “INSUL by AgVa” नामक एक अत्याधुनिक इंसुलिन पंप विकसित किया है और इसे केवल 25 हजार रुपये के बहुत प्रतिस्पर्धी मूल्य पर बेचने की योजना है, जो अन्य अंतरराष्ट्रीय इंसुलिन पंपों (INSUL by AgVa in content) की कीमत का दसवां हिस्सा है। AgVa द्वारा INSUL भी 500 यूनिट के इंसुलिन कार्ट्रिज के साथ आता है जो ज्यादातर लोगों के लिए 2 सप्ताह तक चल सकता है।
2. Medtronic
मेडट्रॉनिक एक अमेरिकी-आयरिश कंपनी है जिसे 1949 में चिकित्सा उपकरणों की मरम्मत की दुकान के रूप में स्थापित किया गया था। यह चिकित्सा उपकरणों का सबसे बड़ा उत्पादक है और इंसुलिन पंप (Insulin Pump in Hindi) उत्पादन में सबसे बड़ा खिलाड़ी है। इसने 1983 में मिनी मेड 502 के उत्पादन के साथ इंसुलिन पंप (Insulin Pump in Hindi) उद्योग में क्रांति ला दी। यह इंसुलिन पंपों को अधिक उपयोगी और कुशल बनाने के लिए नई तकनीकों का विकास करता रहता है।
3. Animas
यह एक अमेरिकी कंपनी थी जिसे 1996 में कैथरीन क्रोथल द्वारा स्थापित किया गया था जो इंसुलिन पंप (Insulin Pump in Hindi) बनाने में विशेषज्ञता रखती थी। इसे जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी द्वारा 2006 में अधिग्रहित किया गया था। यह इंसुलिन पंपों के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक था और बाजार में कुछ सबसे उन्नत पंप प्रदान करता था। 2017 में, जॉनसन एंड जॉनसन ने एनिमास कॉर्पोरेशन को बंद कर दिया और ग्राहक डेटाबेस को मेडट्रॉनिक को बेच दिया गया।
4. Roche
यह एक स्विस बहुराष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा कंपनी है जो इंसुलिन पंप भी बनाती है। इसकी स्थापना 1896 में विटामिन की तैयारी और डेरिवेटिव के उत्पादक के रूप में की गई थी। रोश अवीवा कॉम्बो और एक्यू चेक का उत्पादन करता है जो बहुत कॉम्पैक्ट और अच्छी तरह से विकसित इंसुलिन पंप हैं।
5. Tandem
संयुक्त राज्य अमेरिका में बहुत लोकप्रिय, टेंडेम एक नए युग का इंसुलिन पंप (Insulin Pump in Hindi) निर्माता है जो टेंडेम टी: स्लिम एक्स 2 और टी: फ्लेक्स का उत्पादन करता है। वे उच्च गुणवत्ता और युवा केंद्रित डिजाइन और प्रौद्योगिकी का उत्पादन करते हैं। हालांकि, उन्होंने अभी तक संयुक्त राज्य के बाहर लोकप्रियता हासिल नहीं की है।
6. Omnipod
Omnipod पैच पंप का उत्पादन करता है जो रोगी को लगातार इंसुलिन वितरण प्रदान करता है। यह जलरोधक और कॉम्पैक्ट डिवाइस बनाता है जो उपयोगकर्ता द्वारा ले जाने में आसान होते हैं। ओमनी पोड एकमात्र ट्यूबलेस इंसुलिन पंप है जो अभी बाजार में आसानी से उपलब्ध है।
FAQ
इंसुलिन पंप की लगभग बाजार में कीमत क्या है?
मार्किट में इंसुलिन पंप की कीमत 1 लाख रुपये से 5 लाख तक के बीच है, लेकिन वह इंसुलिन पर हर महीने करीब 4 से साढ़े 4 हजार तक का खर्च आता है। साथ ही शोध से ये भी पता चला है कि वर्ल्ड में करीब ढाई लाख लोग ढाई से तीन लाख लोग इंसुलिन पंप का इस्तेमाल कर रहे हैं और इसमें इंडिया के यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है।
क्या इंसुलिन पंप रक्त शर्करा की जांच करता है?
इसमें लगातार ब्लड शुगर लेवल को मॉनिटर करने के लिए नए मॉनिटरिंग सिस्टम जिसे सीजीएम कहते हैं। इंसुलिन पंप एम अन्य नई डिवाइस है जिससे नियमित रूप से इंसुलिन सीधे शरीर में लिया जा सकता है। कई बार नियमित रूप से इंसुलिन की डोज लेने के बावजूद ब्लड शगर लेवल कंट्रोल से बाहर होता हैय़
क्या इंसुलिन पंप सुरक्षित है?
जब बच्चों में डायबिटीज होती है तब इंसुलिन पंप थेरेपी के द्वारा उनका उपचार किया जाता है और बता दें कि, ये थेरेपी दर्द रहित और सुरक्षित होती है। साथ ही किसी भी उम्र के बच्चों को देने के लिए कहा जाता है, क्योंकि इस उम्र में इंजेक्शन सही विकल्प नहीं होता है। वहीं भारत में डायबिटीज मरीजों में 5 फीसदी बच्चे भी शामिल है।
क्या इंसुलिन पंप अपने आप काम करते हैं?
जी हां, आपको कितनी इंसुलिन लेनी है इसको एक बार सेट करने की जरूरत होती है और आराम से इस्तेमाल कर सकते हैं। इंसुलिन पंप को खरीदने को लेकर आप डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। वहीं आप ऐसे लोगों से भी सलाह ले सकते हैं जो इंसुलिन पंप (INSUL by AgVa in content) का इस्तेमाल करते हो। उनसे पूछकर अपनी सुविधा अनुसार चयन करें।
भारत में इंसुलिन पंप इतने महंगे क्यों है?
बता दें कि, दुनियाभर के 132 देशों में से 91 से अधिक देश इंसुलिन पर किसी तरह का पैसा नहीं लगाते हैं। लेकिन तभी भी ये डायबिटीज मरीजों के लिए इतनी महंगी है, क्योंकि टेक्स के साथ सप्लाई चेन पर होने वाले खर्च के कारण ये दवा लोगों की पहुंच से बाहर हो जाती है।
इंसुलिन पंप क्या है और यह कैसे काम करता है?
इंसुलिन पंप एक छोटी सी डिवाइस आकार, बैटरी संचालित है, जो एक बीमारी व्यक्ति के खून में इंसुलिन इंजेक्ट करता है। बिना इंजेक्शन द्वारा दवा शरीर में प्रवेश करती है जिससे व्यक्ति को मानक में ग्लूकोज के स्तर को बनाए रखने की आवश्यकता होती है। साथ ही ये लगातार दिनभर में कम मात्रा में बॉडी में इंसुलिन की मात्रा को पहुंचाता रहता है। इंसुलिन लेने से रात के समय खाना खाने के समय मरीज का रक्त शर्करा सामान्य बना रहता है। वहीं दूसरे प्रकार को बोलुस डोज ऑफ इंसुलिन कहा जाता है।
क्या इंसुलिन पंप इंजेक्शन से बेहतर है?
नहीं, इंसुलिन इंजेक्शन से बेहतर इंसुलिन पंप (Insulin Pump in Hindi) होता है, क्योंकि इसे बच्चों से लेकर बुजुर्गो तक आराम से इस्तेमाल कर सकते हैं और कितनी मात्रा में इंसुलिन चाहिए इसे भी आसानी से पंप में सेट कर सकते हैं।
क्या इंसुलिन पंप लगाने से दर्द होता है?
यह थेरेपी दर्द रहित है और मैनुअल इंसुलिन इंजेक्शन की तुलना में स्वचालित इंसुलिन थेरेपी उतार-चढ़ाव के बिना रक्त शर्करा के स्तर को मैनेज करती है।
सोते वक्त इंसुलिन पंप का कैसे इस्तेमाल करें?
नॉक्टर्नल हाइपोग्लाइसीमिया (Nocturnal Hypoglycemia) को प्रबंधित करने के लिए आपको इंसुलिन पंप के साथ सोना चाहिए। नॉक्टर्नल हाइपोग्लाइसीमिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति सोते समय निम्न रक्त शर्करा से पीड़ित होता है। इंसुलिन पंप के साथ सोने से रात में उचित ग्लूकोज वितरण और प्रबंधन सुनिश्चित होगा।
क्या आप इंसुलिन पंप लगाकर नहा सकते हैं?
नहीं, आप इंसुलिन पंप को लगाकर नहा नहीं सकते हैं। आप पूरी कोशिश करें कि इंसुलिन पंप को पानी से दूर रखा जाए।
क्या इंसुलिन पंप के लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है?
नहीं, आपको इंसुलिन पंप इस्तेमाल करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है और यहां तक आप इसे बेहद आसानी से इस्तेमाल भी कर सकते हैं बिना के दर्द के।