अग्न्याशय का कैंसर क्या होता है और इसे कैसे रोकें?
अग्नाशय कैंसर यानी की पैंक्रिएटिक कैंसर (Pancreatic cancer) इसमें आपको अग्नाशय के टिश्यू के अंदर से शुरू होता है। अग्नाशय एंडाइम का उत्पादन करके पाचन में एक अहम भूमिका निभाता है जिसे शरीर को फैट, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन को पचाने की जरूरत होती है। साथ ही पैक्रियाज हमारे लिए जो जरूरी हार्मोन पैदा करता है ग्लूकागन और इंसुलिन। ये दोनों हार्मोन ग्लूकोज चयापचय को कंट्रोल करने के लिए अहम माना जाता है।
बता दें कि, इंसुलिन कोशिकाओं को एनर्जी बनाने के लिए ग्लूकोज के चयापचय में सहायता करता है और ग्लूकागन ग्लूकोज के लेवल को बढ़ाने में मदद करता है। पैंक्रियाज हमारी बॉडी के एक ऐसी जगह पर होता है जिस वजह से अग्नाशय के कैंसर का पता लगाना काफी मुश्किलव हो सकता है और अक्सर रोग बढ़ने पर रोक लगाई जा सकती है और इसका इलाज आसानी से संभव है।
अग्नाशय कैंसर होने से कैसे रोकें? (How to prevent pancreatic cancer?)
पैक्रियाज का कैंसर को रोकने का कोई सिद्ध तरीका नहीं है, लेकिन आप अपने जोखिम को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय करें –
1. धूम्रपान न करें (don’t smoke)
अगर आप सिगरेट पीते हैं, तो इसे तुरंत बंद करें। धूम्रपान छोड़ने के तरीकों के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें और अगर आप धूम्रपान नहीं करते हैं तो शुरू न करें।
2. वजन कम रखें (keep weight off)
अगर आपका वजन बढ़ा हुआ है तो इसे कम करें, लेकिन धीरे-धीरे वजन को घटाएं। सब्जियों, फल और साबुत अनाज में समृद्ध आहार और रोजाना एक्सरसाइज करें। जिससे आपको वजन कम करने में सहायता मिलती है।
3. हेल्दी डाइट लें (have a healthy diet)
फलों और सब्जियों और साबुत अनाज से समृद्ध आहार आपके कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करती है।
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अग्नाशय कैंसर का निदान (Pancreatic cancer diagnosis)
अग्नाशय कैंसर का निदान तब करें, जब कोई व्यक्ति लक्षणों को कई सप्ताह या महीनों तक अनुभव करने के बाद डॉक्टर के पास जाता है। इस कैंसर में अक्सर पेट में दर्द, वजन कम होना, खुजली या पीलिया होता है। आइए जानते हैं अग्नाशय कैंसर के निदान के तरीकों के बारे में –
1. मेडिकल इतिहास (medical history)
आपके डॉक्टर बीमारी की शुरूआती, प्रकृति, दर्द का स्थान, धूम्रपान का इतिहास और अन्य चिकित्सा समस्याओं को जानकार बीमारी का निदान करने की कोशिश करें।
2. शारीरिक जांच (physical examination)
शारीरिक जांच के समय, डॉक्टर आपके पेट में गांठ को महसूस कर सकते हैं और गर्दन के लिम्फ नोड्स में सूजन, पीली स्किन या वजन काम होने के बारे में पता चलता है।
3. अल्ट्रासाउंड (ultrasound)
अल्ट्रासाउंड में ध्वनि तरंगों से छवियां उत्पन्न होती है जो डॉक्टरों को अग्नाशय के कैंसर के निदान में मदद करती है।
4. एमआरआई (MRI)
एमआरआई में चुंबकी तरंगों का उपयोग करते हुए, एक स्कैनर पेट की विस्तृत छवियों बनाकता है। खासकर से अग्नाशय लिवर और पित्ताशय की थैली के आसपास के क्षेत्र की छवियां।
5. बायोप्सी (biopsy)
बायोप्सीू में ऊतक का एक नमूना लिया जाता और उसकी जांच की जाती है। यदि पैक्रियाज कैंसर का निदान पहले ही हो जाता है तो डॉक्टर बिना बायोप्सी के, बिना सर्जरी की सलाह भी दे सकते हैं।
6. सीटी स्कैन (CT scan)
सीटी स्कैन में एक स्कैनर कई एक्स-रे लेता है और कप्यूटर उन्हें पेट के अंदर की विस्तृत छवियों में पुनर्निमित करता है। सीटी स्कैन डॉक्टरों को अग्नाशय कैंसर का निदान करने में सहायता करता है।