Monsoon Diseases:
जन स्वास्थ्य के निदेशक ने टायफाइड को “पानी पुरी रोग” बताया। सरकार मानसून (Monsoon Diseases) के दौरान लोगों को स्ट्रीट फूड खासकर पानी पुरी से दूर रहने की सलाह दे रही है। पिछले कुछ हफ्तों में मलेरिया, एक्यूट डाइरिया और वायरल बुखार के कई मामले सामने आए हैं। इनके पीछे का कारण दूषित खाना, पानी और मच्छर हैं।
मानसूनी रोगों के बारे में जानकारी:
मानसून एक समय होता है जब विभिन्न प्रकार के रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। कुछ ऐसे रोग होते हैं जो वर्षा के मौसम में ज्यादा होते हैं। इन रोगों में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जपानी इन्सेफेलाइटिस, त्यफाइड आदि शामिल हैं।
मॉनसून के रोग:
मॉनसून ऋतु भारत के लिए बहुत खुशी का मौसम होता है, लेकिन इसके साथ ही बहुत सारे रोग भी फैलते हैं। कुछ मॉनसून रोगों के नाम हैं: डेंगू, मलेरिया, ज्यादातर बुखार, टाइफाइड, जूँ और व्हाइट डिस्चार्ज की समस्या।
इन रोगों से बचाव के लिए आपको समय-समय पर सफाई रखनी चाहिए, साफ-सुथरी जगह पर रहनी चाहिए और हमेशा घर से बाहर मच्छरों से बचना चाहिए। अगर आपको लगता है कि आपको किसी रोग के लक्षण हैं, तो तुरंत अपने चिकित्सक से मिलें।
इन रोगों में से डेंगू और मलेरिया जैसे रोग बहुत खतरनाक होते हैं और उनसे बचना बहुत जरूरी होता है। डेंगू बुखार के लक्षण में बुखार, सिरदर्द, जोड़ों और ऊंटने में दर्द और खुजली शामिल होती है। मलेरिया के लक्षण में बुखार, थकान, श्वसन की समस्या और शरीर के अंगों में दर्द शामिल होते हैं।
इन रोगों से बचने के लिए, आपको अधिकतम साफ-सुथरी बनाए रखने की आवश्यकता होती है, जल की संरचना और उसके संचालन को सुनिश्चित करने के लिए अपने आसपास के सभी खुले जगहों को साफ रखना चाहिए।
इसलिए इनसे बचने के लिए आपको ये कुछ बातों पर ध्यान देना जरूरी है
1. मानसून में होने वाली बीमारियां
2. व्यक्तिगत स्वच्छता सुनिश्चित करें
3. साफ पानी ही पिएं
4. सड़क पर मिलने वाला खाना न खाएं