ओवुलेशन क्या होता है? Ovulation in Hindi
Ovulation in Hindi – ओवुलेशन पीरियड्स यानी मासिक चक्र की ही एक हिस्सा है। शॉर्ट में समझें तो जब फीमेल ओवरी में अंडे रिलीज होते हैं तब ओवुलेशन होता है। ओवुलेशन महिलाओं के शरीर में महीने का वो समय होता है जब अंडे यानी फीमेल एग्स मेल स्पर्म के साथ मिलने को तैयार होते हैं। हर महीने ओवरी से 15 से 20 एग्स रिलीस होते हैं।
इसमें एग्स फैलोपियन ट्यूब के जरिए गर्भाशय तक पहुंचते हैं, लेकिन ये जरूरी नहीं है कि ओवरी में अंडे के रिलीस होने का अर्थ प्रेग्नेंसी हो ही जाए। यदि अंडे और स्पर्म के साथ फर्टिलाइज हो गया तो ही प्रेग्नेंसी होती है वरना नहीं। अंडे फर्टिलाइज न होने की स्थिति में वो टूट कर पीरियड्स की प्रक्रिया के जरिए यूट्राइन लाइनिंग से ब्लड (what is ovulation in hindi) के फॉर्म में बॉडी के बाहर निकल जाते हैं।
ओवुलेशन कब होता है?
पीरियड्स के 12 से 15 दिन पहले ओवुलेशन की प्रक्रिया होती है। ओवुलेशन का समय सब महिलाओं में अलग होता है। ये समय उम्र के मुताबिक भी होता है। यदि आपकी उम्र 20 से 35 साल के बीच है तो ओवुलेशन (Ovulation in Hindi) पीरियड्स के 10 से 19 दिन के बीच होता है।
ओवुलेशन के लक्षण -Ovulation symptoms in Hindi
अगर आप ओवुलेशन (Ovulation in Hindi) पीरियड्स में या उसके आस-पास सेक्स करते हैं तो आपके गर्भ धारण करने की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही आपके लिए ओवुलेशन के लक्षणों को जानना बहुत महत्वपूर्ण है। यहां हमने ओवुलेशन (Ovulation symptoms in Hindi) के सात मुख्य लक्षण दिए है जिनकी मदद से आप अपने ओवुलेशन पीरियड्स के बारे में जान सकते हैं जैसे –
- बॉडी का तापमान थोड़ा कम होना फिर बढ़ना
- सर्वाइकल म्यूकस का अंडे की सफेदी के समान पतला, चिकना और स्पष्ट होना
- सेक्स करने की इच्छा का बढ़ना
- योनि में सूजन आना
- पेट में नीचे की और हल्का दर्द या ऐंठन होना
- LH में वृद्धि होना
- सर्विक्स का कोमल होकर खुल जाना
ओवुलेशन कैलकुलेटर- Ovulation calculator
ओवुलेशन कैलकुलेटर फर्टिलिटी का समय और पीरियड्स चक्र का अनुमान दर्शाता है। आप इसकी सहायता से आप आने वाले महीने के सबसे फर्टाइल दिनों का पता लगाकर उसके आधार पर गर्भधारण करने के लिए पहले ही योजना बना सकते हैं। ओवुलेशन कैलकुलेटर की सहायता से एक महिला अपने ओवुलेशन (Ovulation in Hindi) की अवधि का समय और फर्टाइल विंडो निर्धारित कर सकते हैं।
वहीं ये अनुमान लगाया जाता है कि, ओवुलेशन से पांच दिन पहले से लेकर ओवुलेशन के दिन तक संबंध बनाने से महिला के गर्भधारण करने की संभावना सबसे अधिक होती है, क्योंकि पुरूष के स्पर्म का जीवनकाल 5 दिनों और महिला के अंडे का जीवनकाल 5 दिनों और महिला के अंडे का जीवनकाल 24 घंटों का होता है, इसलिए इस अवधि के समय संबंध बनाने से महिला के गर्भवती होने की सबसे अधिक संभावना होती है।
साथ ही ओवुलेशन कैलकुलेटर की सहायता से एक महिला अपने पिछले मासिक धर्म की शुरुआत, उसकी औसतन अविध और पीरियड्स का चक्र की लंबाई का पता लगा सकते हैं, फिर उसके आधार पर अपनी सबसे सटीक फर्टिलिटी विंडो को सफलतापूर्वक निर्धारित कर सकते हैं।
ओवुलेशन के बाद प्रेगनेंसी के लक्षण – Ovulation ke baad Pregnancy ke symptoms
अगर आप अपनी फर्टाइल ओवुलेशन के समय गर्भधारण कर सकते हैं तो आप निम्नलिकित लक्षणों को महसूस कर सकते हैं जैसे –
- हल्की ब्लीडिंग
- जी मिचलाना
- मूड स्विंग्स
- स्वाद बदल जाना
- स्ट्रेस
- चक्कर आना
- ब्लड प्रेशर का बढ़ना
- पेट फूलना या कब्ज की समस्या
- बार-बार यूरिन आना और असंयम होना
- पाचन संबंधी समस्याएं
- ब्रेस्ट में सूजन और दर्द होना
- मॉर्निंग सिकनेस
ध्यान रखें कि, जब आप गर्भधारण का प्रयास कर रहे हों धैर्य और दृढ़ता महत्वपूर्ण है। साथ ही इसकी भी कोई गारंटी नही हैं कि आप निश्चित रूप से गर्भधारण कर ही लेंगी, फिर चाहे आप ओवुलेट कर रही हों। परंतु इन सामान्य ओवुलेशन (Ovulation in Hindi) के संकेतों पर नजर रखना बहुत जरूरी होता है।
ओवुलेशन पीरियड क्या है (Ovulation period in Hindi)
महिला के अंडाशय से अंडे के बाहर निकलने को ओवुलेशन कहा जाता है। ओवुलेशन पीरियड्स (Ovulation period) में इस प्रक्रिया से महिला हर महीने गुजरती है। वहीं शोध के मुताबिक, महिलाओं के शरीर से निकले अंडे इस पीरियड्स में पुरूष के वीर्य से मिलने के लिए तैयार होते हैं। यही वो समय है जब महिलाओं की बॉडी सबसे अधिक फर्टिलाइज होती है यानी कि इस समय संभोग करने से आसानी से गर्भधारण करती है। लेकिन अगर मां नहीं बनना चाहती है तो इस दौरान संभोग न करने से गर्भधारण से बचा जा सकता है।
ओवुलेशन के बाद किन बातों का ध्यान रखना चाहिए (Things to keep in mind after ovulation in Hindi)
ओवुलेशन के बाद आपको कुछ बातों का ज्यादा ध्यान रखना जरूरी है। ओवुलेशन के बाद अंडा फर्टिलाइजेएशन यानी निषेचन के लिए तैयार हो जाता है, लेकिन इसके लिए समय कम होता है इसलिए आपको प्रेगनेंसी की संभावना को बढ़ाने के लिए ओवुलेशन (Ovulation in Hindi) के दौरान से पहले ही शारीरिक संबंध बनाना शुरू कर देना चाहिए।
साथ ही स्पर्म गर्भाशय के अंदर लगभग दो दिनों तक जीवित रहता है, इसलिए ओवुलेट होने से तीन दिन पहले शारीरिक संबंध बनाने से गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है। ओवुलेशन से पहले शारीरिक संबंध बनाते रहने से गर्भाशय में पहले से मौजूद स्पर्म अंडे के बाहर निकलते ही उसे फर्टिलाइज कर देते हैं। ओवुलेशन का सटीक समय जानने के लिए आप ओवुलेशन स्ट्रिप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। उसकी सहायता से आपको पहले ही पता चल जाएगा कि अब ओवुलेट करने वाली हैं, फिर आप अपने गर्भाशय को आसानी से प्लान कर सकते हैं।
FAQs (पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. अंडा फटने के बाद कितने दिन हम गर्भवती प्राप्त करने की कोशिश कर सकते हैं
फटाईल विंडो 6 दिन की होती है। इसमें ओवुलेशन वाला दिन और अंडे रिलीज होने के बाद स्पर्म के प्रजनन मार्ग मे रहने वाले 6 दिन शामिल है। ये वही पीरियड्स होता है जब सेक्स करने से गर्भधारण हो सकता है।
Q2. पीरियड के कितने दिन बाद ओवुलेशन होता है
ओवुलेशन आमतौर पर उस चक्र के 10वें और 19वें दिन के बीच होता है। साथ ही अगली मासित धर्म की अवधि से लगभग 12 से 16 दिन पहलेष महिलाएं ओवुलेशन के संकेतों को भी समझ सकती है।
Q3. फर्टिलाइजेशन के लक्षण क्या हैं?
फर्टिलाइजेशन की पहचान के लिए हल्का रक्तस्त्राव, थकान, स्तनों का कोमल होना, ऐंठन, मूड्स चेंज और सिर दर्द जैसे लक्षणों द्वारा कर सकते हैं।
Q4 – महिलाओं में अंडा कब बनता है?
आपके मासिक धर्म यानी पीरियड्स के 6 से 14 दिनों के बीच एक एग परिरक्व होना शुरू हो जाता है।