आंखों की समस्या क्या हैं? (What is eye problem?)
Eye Care Tips in Hindi – आंखें हमारे शरीर के सबसे जरूरी अंगों में से एक हैं और अच्छी दृष्टि पाने के लिए इनकी हमेशा देखभाल करनी चाहिए। आंखें ही आपको दुनिया देखने के लिए सक्षम बनाती है, इसलिए उन्हें आपकी बॉडी का सबसे बहुमूल्य अंग कहना गलत नहीं होगा, लेकिन शरीर के दूसरे अंगों की तरह आंखें भी कई कारणों से समस्याओं या खतरों के संपर्क में आती है।
साथ ही आंखों की समस्याएं किसी भी वर्ग को हो सकती है, लेकिन नाबालिक को होने वाली आंखों की समस्याओं का इलाज घर पर किया जा सकता है। प्रमुख समस्याओं वाले मरीजों को डॉक्टर से इलाज की जरूरत होती है, क्योंकि सिर्फ एक नेत्र रोग विशेषज्ञ ही एक चिकित्सा विशेषज्ञ ही आंखें से जुड़ी समस्याओं (eye care tips in hindi) को समझकर उनका इलाज कर सकते हैं।
आंखों की समस्या के प्रकार (Types of eye problems in hindi)
1. दृष्टि दोष – दृष्टि दोष (eye care tips in hindi) या रिफ्रैक्टिव एरर्स में पास और दूर की वस्तुएं धुंधली दिखती है। इस समस्या वाले व्यक्ति को निकट दृष्टि दोष और दूरदर्शिता सहित दोनो समस्याएं हो सकती है। ये आमतौर पर आंख के आकार और रेटिना पर फोकस लाइट के बीच दखल-अंदाजी से होती है, लेकिन इसका प्रमुख कारण वंशानुगत समस्या है, जबकि उम्र बढ़ना और प्रेसबायोपिया इसके दूसरे कारण हो सकते हैं।
2. मोतियाबिंद – मोतियाबिंद से पीड़ित लोगों की आंखों में क्लाउडी या मिल्की लेंस हो सकती है, इसकी अधिकतर संभावना पचास साल से अधिक उम्र वाले लोगों को होती है। धुंधली दृष्टि की वजह से बनने वाले मोतियाबिंद में दूर और पास दोनों वस्तुओं को देखने में समस्या होती है, लेकिन पचास साल से कम उम्र के लोगों को भी मोतियाबिंद हो सकता है।
3. केराटोकोनस – हमारी आंख में गुंबद के आकार वाले बाहरी लेंस को कॉर्निया कहते हैं, जो आंख (eye care tips in hindi) में जाने वाले प्रकाश को कंट्रोल करने और ध्यान केंद्रत करने का काम करता है, लेकिन कुछ कारणों से कोलेजन नामक कॉर्निया धारण संरचना कमजोर होने से कॉर्निया का आकार शुंक जैसे दिखाई देता है, जिससे केराटोकोनस समस्या हो सकती है। इसके लिए लक्षणों पर ध्यान देना और त्वरित ट्रीटमेंट लेना चाहिए, क्योंकि अनदेखा करने पर ये दृष्टि (eye care tips in hindi) की गंभीर हानि की वजह से बन सकती है या बाद में कॉर्निया ट्रांसप्लांट करने की जरूरत हो सकती है।
आंखों में समस्या होने के लक्षण (Symptoms of eye care problems in hindi)
आंखों की समस्या उन सबसे आम समस्याओं में से एक है, जिसे हर व्यक्ति अपने जीवन में एक बाद जरूर महसूस करता है। आप कई संकेतों और लक्षणों से आंखों की समस्या को पहचान सकते हैं जैसे –
- आंखों में अधिक दर्द होना
- अचानक दृष्टि की हानि
- धुंधली दृष्टि
- फ्लोटर्स
- लाल या पानी वाली आंखों
- आंख खोलने में दिक्कत
- आंख में चोट लगना
आंखों की समस्या के कारण (Causes of Eye Problems in Hindi)
आज के समय में कई लोग देर रात तक मोबाइल और लैपटॉप पर लगे रहते हैं, जिसकी वजह से नींद पूरी नही हो पाती है जिसका असर आंखों पर दिखाई देते हैं। इससे हमारी आंखों की रोशनी (आँखों की देखभाल) कमजोर होने और आंखों में इंफेक्शन का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। साथ ही वर्क फ्रॉम होम के चलते लगातार कई घंटों तक कम्यूटर और लैपटॉप पर आंखे गढा कर काम करने से आंखों से जलन, आंखों से पानी बहना, आंखों का लाल होना और आंखों में सूजन जैसी समस्या अधिक बढ़ जाती है।
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आंखों की देखभाल के लिए घरेलू उपाय (Home Remedies for eye care tips in hindi)
आंखों की देखभाल (eye care tips in hindi) के लिए घरेलू उपाय कुछ इस प्रकार है जैसे –
- आंखों को हेल्दी रखने के लिए अपनी डाइट चार्ट में हरी सब्जियों, फलों, दूध और दूध उत्पादों सो शामिल करें।
- छह से आठ घंटे की आरामदायक नींद लें। ये आपकी आंखों को प्राकृतिक (आँखों की देखभाल के घरेलू उपाय) तरीके से तरोताजा रखने में सहायता करती है।
- कंप्यूटर पर कार्य करते समय पलकों को झपकाते रहे। इससे आंख के आंसू जल्दी सूखते या उड़ते नहीं हैं और टीयर फिल्म कार्निया एवं कन्जंक्टाइवा के ऊपर लगातार बनी रहती है।
- धूल-मिट्टी और सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों से बचने के लिए बाहर निकलते समय अच्छी क्वालिटी का चश्मा लगाएं।
- कंप्यूटर को इस प्रकार व्यवस्थिक करें कि, उसका टेक्स्ट लेवल आंखों के लेवल पर हो।
- दिन में दो-तीन बार आंखों को साफ पानी से धोएं।
- देर रात तक कृत्रिम रोशनी में काम न करें।
- कभी भी चलती हुई गाड़ी में न पढ़ें।
- धूम्रपान न करें, क्योंकि इससे मोतियाबिंद और एएमडी की आशंका बढ़ जाती है।
- कंप्यूटर पर काम करते समय हर आधा घंटे के बाद पांच से दस मिनट के लिए नजर स्क्रीन से हटा लें और हर एक घंटे के बाद आंखों को पांच (आँखों की देखभाल) से दस मिनट के लिए आराम दें।
- पढ़ते समय या नजर का काम करते समय पर्याप्त रोशनी रखें।
- कंप्यूटर की स्क्रीन को अपनी आंखों से 20-30 इंच दूर रखें, जबकि टीवी को कम से कम 3.5 मीटर दूर से देखना चाहिए।
- हर 20 मिनट में 20 सैकंड का ब्रेक लें और 20 फीट दूर कही देखें, फिर दोबारा काम शुरू करें।
आंखों की देखभाल के सुझाव (Eye Care Tips in Hindi)
1. हाईजीन का रखें ध्यान – मेकअप के समय यदि आप साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखते हैं तो आखों को नुकसान हो सकता है। ऐसे में मेकअप करते समय अपने चेहरे और हाथों को अच्छी तरह से धो लें और इसके बाद मेकअप अप्लाई करें। यदि आप ऐसा नहीं करती है तो हाथ के बैक्टीरियां आंख के संपर्क में आ सकते हैं। मेकअप को खुले में न रखें।
2. रात को मेकअप हटाकर सोएं – अक्सर ब्यूटीशियन सलाह देती है कि रात के समय में मेकअप हटाकर सोना चाहिए। यदि आप बिना मेकअप रिमूव किए सोए तो (eye care tips in hindi) आंखों में खुजली, जलन और इरिटेशन हो सकती है। इसके अलावा पलक भी झड़ जाती हैं। मेकअप लगाकर सोने से स्किन ड्राई हो जाती है। ऐसे में रात को मेकअप उतारना बहुत जरूरी है।
3. किसी दूसरे का मेकअप इस्तेमाल न करें – कभी भी अपना मेकअप किसी दूसरों से शेयर न करें, क्योंकि ऐसा करने से इंफेक्शन फैलने का डर रहता है। यदि आपके पास कोई प्रोडक्ट नहीं है तो सबसे पहले खरीद लें। कोरोना के समय में किसी दोस्त या अन्य किसी व्यक्ति का मेकअप उपयोग करना बिल्कुल सेफ नहीं होता है।
4 किसी भी ट्रेंड को फॉलो ने करें – रोजाना नए मेकअप ट्रेंड आते हैं। आप आंख बंदकर (eye care tips in hindi) किसी भी ट्रेंड को फॉलो मत करें। किसी भी तरह के कलर और मेकअप को अप्लाई करने से पहले उसके बारे में जानकारी लें। वहीं आप आईमेकअप करने से पहले प्रोडक्ट्स का पेच टेस्ट जरूर कर लें, क्योकि आपको किसी तरह की कोई एलर्जी न हों।
FAQs
प्र.1. बच्चों की आंखों की देखभाल कैसे करें?
बच्चों को गैजेट्स का अधिक इस्तेमाल न करने दें। बच्चों की आंखें नाजुक होती है, स्क्रीन को अधिक समय तक घूरने से उनकी आंखों को स्थायी रूप से नुकसान पहुंच सकता है, उन्हें संतुलित और पोषण भोजन खाने की आदत डालें, ताकि उनकी आंखों का विकास सही तरीके से हो सके।
प्र.2. आंखों की रोशनी बढ़ाने का तरीका?
इन घरेलू नुस्खों को अपनाकर बढाएं अपनी आंखों की रोशन, जो कुछ इस प्रकार है –
- रोजाना एक्सरसाइज करें
- आंखों में रोजाना गुलाब जल डालें
- बादाम में ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन-ई और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाएं जाते हैं।
- आंवला सेहत के साथ-साथ आंखों की रोशनी के लिए काफी असरदार होता है।
- सरसों के तेल को रोजाना पैर के तलवों पर लगाएं, इससे आंखों रोशनी बढ़ेगी।
- आप रात में पानी में त्रिफला भिगोकर इसको सुबह छानकर उस पानी से आंखों को धोएं। ऐसा करने से आपकी आंखों की रोशनी बढ़ेगी।
प्र.3. आंखों की देखभाल कैसे करनी चाहिए?
उ. आंखों की देखभाल के लिए नीचे दी टिप्स को अपना सकते हैं जैसे –
- सुबह सूर्योदय से पहले उठें और उठते ही मुंह में पानी भरकर बंद आंखों पर 20-25 बार ठंडे पानी की छींटे मारें।
- धूप, गर्मी या श्रम के प्रभाव से शरीर गर्म हो तो चेहरे पर ठंडा पानी न डालें।
- आंखों को गर्म पानी से नहीं धोना चाहिए, क्योंकि इससे आपकी आंखों को नुकसान पहुंच सकता है।
प्र.4. हमें अपनी आंखों का ख्याल क्यों रखना चाहिए?
उ. आंख आपके शरीर का सबेस महत्वपूर्ण और नाजुक अंग है जो न केवल आपको अपने दिन-प्रतिदिन के जीवन में देखने और नेविगेट करने में सहायता करती है, लेकिन आपकी बॉडी में किसी भी बीमारी का पहला संकेत भी दिखाती है, इसलिए उनकी रक्षा करना सर्वोपरि है। आज के तनावपूर्ण जीवन में हम अपने नेत्र स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने में विफल रहता है।
प्र.5. नजर तेज करने के लिए क्या खाएं?
उ. आजकल अधिकतर लोगों का वक्त मोबाइल और लैपटॉप में जाता है। वर्क फ्रॉम होम के कॉन्सेप्ट से ये चीज और अधिक बढ़ गई है। ऐसे में बहुत से लोगों को आंखों में जलन, पानी आना या धुंधला दिखने की शिकायत हो गई है। यदि आप भी इन्हीं में से एक है तो घबराए नहीं। आप अपनी डाइट में कुछ खास चीजों को शामिल करके अपनी आंखों की रोशनी तेज कर सकते हैं जैसे कि आप मछली, नट्स, बीज, खट्टे फल, हरी पत्तेदार सब्जियां और गाजर का सेवन करके अपनी आंखों की रोशनी तेज कर सकते हैं।
प्र.6 नजर कमजोर होने के क्या लक्षण है?
उ. नजर कमजोर होने पर इन लक्षणों के द्वारा पहचान सकते हैं कि आपकी आंख कमजोर हो रही है जैसे – धुंधली दृष्टि, आंखें लाल होना, ड्राई आई की समस्या, आंखों में खुजली होना, आंखों से पानी आना, डबल विजन, सिर दर्द की शिकायत बने रहना, तेज रोशनी में आंखे झिलमिलाना, आंखों में खिंचाव उत्पन्न होने जैसे आदि लक्षण नजर आते हैं।