मधुमेह रोगियों को इन 21 खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए
हम सभी जानते हैं कि डायबिटीज लगातार एक गंभीर बीमारी बनती जा रही हैं और कई लोग डायबिटीज से बचने के लिए कुछ सुझाव और उपाय भी बताएं होंगे, इसलिए आज हम आपको ऐसे कुछ चीजें बताने जा रहे हैं जिसकी मदद से डायबिटीज सतर्क होंगे और कुछ बदलाव करके उसका सेवन भी कर पाएंगे।
1. चीनी-मीठे पेय पदार्थ
डायबिटीज मरीजों को खान-पान और खासकर चीनी से सावधानी बरतने की सलाह देते हैं, क्योंकि ब्लड में ग्लूकोज भोजन से द्वारा ही जाता है जो बॉडी को ताकत प्रदान करता है। साथ ही जो व्यक्ति डायबिटीज से ग्रस्त है तब उनके बॉडी सेल्स ग्लूकोज का उपयोग एनर्जी के लिए नहीं कर पाते हैं। इसी कारण उनके ब्लडस्ट्रीम में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है।
वहीं डॉक्टर के अनुसार, डायबिटीज में चीनी से परहेज करने की सलाह दो वजह से की होती है। एक तो चीनी के सेवन से मरीज अधिक कैलोरी का सेवन करता है जो वजन बढ़ता है और अधिक वजह से इंसुलिन रेजिस्टेंस (insulin resistance) बढ़ सकता है और कोशिकाएं इंसुलिन होने वाली प्रतिक्रिया देना बंद कर देती है, जिससे शरीर का रक्त शर्करा स्तर गड़बड़ा जाता है। दूसरी तरफ प्रोसेस्ड शुगर लेने से रक्त में चीनी की अवशोषण तेज हो जाता है जिससे ब्लड शुगर के स्तर बढ़ने लगते हैं।
2. सफेद ब्रेड
यदि आपको डायबिटीज है तो सही फूड का चयन करना आपके लिए हमेशा मुश्किल होता होगा, क्योंकि ऐसी बहुत-सी चीजें हैं जिन्हें नजरअंदार करने की आवश्यकता होती है। बता दें कि, अधिकतर स्वादिष्ट आहार आपके ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ाते हैं और आपको उन मिठाई, कुछ फलों और कुछ सब्जियों से बचना चाहिए। साथ ही आपको रिफाइंड कार्ब से भी दूर रहना चाहिए।
इसके अलावा मौजूदा वक्त में ब्रेड हमारी डाइट का एक हिस्सा बन चुकी होता है। ये हमारे पेट भरने में फायदेमंद होती है और यहां तक की ये सस्ती भी है, लेकिन इसे अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट अच्छी मात्रा में होता है। वैसे बाजार में ब्रेड के कई हेल्दी विकल्प मौजूद है। आप ऐसे हेल्दी विकल्प का चयन करें जो ब्लड शुगर नहीं बढ़ेगा।
अगर बात करें सफेद ब्रेड की तो डायबिटीज के रोगियों को सफेद ब्रेड का सेवन करने से बचाना बेहद जरूरी है, क्योंकि इसमें स्टार्च अधिक मात्रा में होता है जो शुगर पेशेंट की दिक्कतों को बढ़ा सकता है।
3. सफेद चावल
डायबिटीज के मरीजों को अपने खाने-पीने का अधिक ध्यान रखना चाहिए। उनके लिए कुछ खाद्य पदार्थ प्रतिबंधित होते हैं। कार्बोहाइड्रेट एडिटिव्स और ग्लासेमिक के लेवल की वजह से कुछ खाद्य पदार्थों को खाने की मनाही होती है। जिनमें से केवल चावल एक है। जिसमें सफेद चावल अपने हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स के लिए जाने जाते हैं। जिसे खाने से शुगर लेवल बढ़ता है। इसमें माइक्रोन्यूट्रिएंट्स, फाइबर और पॉलीफेनॉल्स की मात्रा बहुत कम होती है, इसलिए डायबिटीज के मरीज ने अगर भूल से भी चावल खा लिए, तो इसके परिणाम बेहद गंभीर साबित हो सकते हैं।
बता दें कि, एक अध्ययन के अनुसार सफेद चावल की अधिक मात्रा में खाने से डायबिटीज का खतरा 11 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। साथ ही दूसरे अध्ययन के मुताबिक पता चला है कि, जिन व्यक्तियों ने सफेद चावल के बजाय ब्राउन राइस खाएं, उनमें टाइप – 2 डायबिटीज का खतरा भी बेहद कम हो जाता है। यदि आप चावल लेना चाहते हैं तो डायबिटीज फ्रेंडली चावल का ही चुने है। इसके अलावा हम बात करेंगे कि, डायबिटीज में चावल खाने से क्या हो सकता है।
4. पास्ता
पास्ता एक प्रकार का भोजन है जो परिष्कृत गेहूं के आटे से बने है। यह कार्ब्स से भरा हुआ है, जिसमें प्रति 100 ग्राम में 35 से 40 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है। कुछ पास्ता को खाली कैलोरी माना जा सकता है, जिसका अर्थ है कि कैलोरी में उच्च होने के बावजूद इसमें कई पोषक तत्व या खनिज नहीं होते हैं। एक रेस्तरां में शीर्ष पर पनीर और लहसुन की रोटी के साथ परोसा जाने वाला एक सफेद सॉस पास्ता पकवान में 2000 से अधिक कैलोरी और 100 ग्राम कार्बोहाइड्रेट हो सकते हैं! पास्ता एक उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला भोजन है जो रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकता है। मधुमेह के रोगियों को कभी-कभार ही पास्ता का सेवन करना चाहिए और अधिमानतः गेहूं के पास्ता का।
5. समोसा
समोसा हर किसी को पसंद होता है और अधिकतर लोग रोज चाय के साथ समोसा का सेवन जरूर करते हैं। लेकिन आप इस बात से अनजान है कि समोसा खाने से आपको कई प्रकार के स्वास्थ्य नुकसान हो सकते हैं। दरअसल दोस्तों, ज्यादा समोसे का सेवन वालों को डायबिटीज का अधिक खतरा रहता है। इसमें मौजूद आलू आपको नुकसान दे सकते हैं। वैसे आपने देखा होगा कि, कई बार समोसे को गर्म रखने के लिए तेल में बार-बार फ्राई किया जाता है। ऐसे में समोसा खाना आपको नुकसान दे सकता है जैसे कि-
- यदि आप रोजाना समोसा खाते हैं तो उसे कम करें, क्योंकि इससे आपके ब्लड शुगर बढ़ने के चांस बढ़ जाते हैं और कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ने लगता है।
- समोसे में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा भी अधिक होती है और डीप फ्राई, मैदा, आलू और नमक अधिक आपकी सेहत बिगड़ सकती है।
- तेल में फ्राई होने की वजह से ये आपके इम्यूनिटी सिस्टम को खराब कर देता है। ऐसे में कब्ज जैसी समस्या होने लगती है। समोसे में अधिक मैदा होने की वजह आपको त्वचा संबंधित समस्या भी हो सकती है।
6. फ्रूट कर्ड
वैसे तो डायबिटीज के मरीजों को ड्राई फ्रूट्स खाने के लिए कहा जाता है, लेकिन क्या हकीकत में आपको अपनी डाइट में इसे शामिल करना सुरक्षित है। अगर ऐसा है तो एक डायबिटीज रोगी दिन में कितने सूखे मेवे खा सकते हैं, इसके बारे में भी जानने की जरूरत है। तो चलिए जानते हैं कि, डायबिटीज वालों के लिए कितनी मात्रा में ड्राई फ्रूट्स का सेवन सही है या नहीं।
तो आपको बता दें कि, खासतौर पर जब आपको डायबिटीज है, तो आपके लिए सीमित मात्रा में सूखे मेवे का सेवन फायदेमंद है। एक्सपर्ट के मुताबिक, सूखे मेवे ऐसे फल है जो पोषक तत्वों से भरपूर हैं क्योंकि इन्हें धूप में सुखाकर बनाया जाता है, इससे इसमें मौजूद पोषक तत्व बरकरार रहते हैं। इस प्रकार ताजे फलों की तुलना में सूखे मेवों में फाइबर, विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट के साथ नेचुरल फ्रुक्टोज की मात्रा अधिक होती।
7. मीठा नाश्ता
बाजार में उपलब्ध कई प्रकार के नाश्ते के अनाज जैसे फ्लेवर्ड कॉर्न फ्लेक्स, चोकोस और स्वीट ओट्स में अधिक मात्रा में चीनी होती है। यह उन्हें डायबिटीज रोगियों के लिए एक खराब भोजन विकल्प बनाता है। कुछ मीठे नाश्ते के अनाज भी अत्यधिक संसाधित होते हैं और इसमें अतिरिक्त स्वाद होते हैं जो उन्हें और भी अस्वास्थ्यकर बनाते हैं। इससे भी बुरी बात यह है कि बहुत से लोग इन अनाजों का सेवन और भी अधिक चीनी, चॉकलेट सिरप या शहद मिलाकर करते हैं। मीठा नाश्ता अनाज एक उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स भोजन है और रक्त शर्करा तेजी से बढ़ सकता है। ज्यादातर लोग सोचते हैं कि मीठा नाश्ता अनाज उनके स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, लेकिन ऐसा नहीं है। आपके स्वास्थ्य में सुधार के बजाय, मीठा नाश्ता अनाज मोटापे का खतरा बढ़ा सकता है। इन अनाजों की एकमात्र अच्छी बात यह है कि ये फाइबर का एक अच्छा स्रोत हैं। मधुमेह के रोगियों को प्राकृतिक रोल्ड ओट्स, मूसली, और बिना चीनी वाले सादे कॉर्न फ्लेक्स का सेवन करना चाहिए।
8. फ्लेवर्ड कॉफी ड्रिंक
आहार विशेषज्ञों की मानें तो डायबिटीज में कई लोगों की बॉडी पर कॉफी पॉजिटिव और कुछ लोगों की हेल्थ पर नेगेटिव इफेक्ट पड़ता है। वहीं एक शोध से पता चला है कि कॉफी पीने से डायबिटीज के जोखिम को कम किया जा सकता है। कॉफी में अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। जिससे शुगर लेवल नियंत्रित करने में सहायता मिलती है। वैसे आपको सीमित मात्रा में ही कॉफी का सेवन करना चाहिए। यदि आप नेचुरल तरीके से शुगर लेवल को नियंत्रण में करना चाहते हैं तो आपको मॉडरेट लेवल (moderate level) में ही कॉफी पीनी चाहिए।
कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, कॉफी में मौजूद कैफीन इंसुलिन के प्रोडक्शन को कम कर देती है। इससे डायबिटीज टाइप 1 और 2 का जोखिम बढ़ सकता है। वहीं जिन लोगों का ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है उन्हें कॉफी पीने से बचने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा अधिक कॉफी पीने से डायबिटीज रोगियों को हाई बीपी की समस्या हो सकती है।
9. शहद और मेपल सिरप
शहद – शहद का असर ब्लड शुगर स्तर कम होता है। एक शोध में पाया कि शहद के सेवन से डायबिटीज मरीजों का ब्लड शुगर लेवल आधे घंटे के बाद कुछ मात्रा में बढ़ सकता है। वैसे थोड़े समय के बाद ब्लड शुगर लेवल 2 घंटे के लिए कम हो जाता है। वहीं शोधकर्ताओं के अनुसार, शहद इंसुलिन के लेवल को बढ़ाता है जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है।
आहार विशेषज्ञों के अनुसार, टाइप-2 डायबिटीज से ग्रस्त लोगों को 5 से 25 ग्राम के बीच शहद का सेवन करना चाहिए और उन्हीं के मुताबिक, यदि रोगियों का शुगर लेवल पूरी तरह कंट्रोल है तो वे शुद्ध, ऑर्गेनिक या रॉ नेचुरल शहद का सेवन कर सकते हैं।
मेपल सिरप – मेपल पौधों के रस को पकाकर मेपल सिरप प्राप्त किया जाता है। ये पोटेशियम, कैल्शियम, आयरन, जास्ता और मैंगनीज जैसे खनिजों से भरपूर है। मेपल सिरप को शहद से भी अधिक एंटीऑक्सीडेंट होने के लिए भी जाना जाता है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स चीनी से भी कम होता है। इसके सेवन में ली जाने वाली मात्रा का अवश्य ध्यान देना पड़ता है।
10. ड्राई फ्रूट्स
ड्राई फ्रूट्स यानी सूखे मेवे जो पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। ताजे फलों की तुलना में ड्राई फ्रूट्स में विटामिन, खनिज एंटीऑक्सिडेंट के साथ-साथ प्राकृतिक फ्रुक्टोज की मात्रा बहुत अधिक होती है, इसलिए ये डायबिटीज के रोगियों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। लेकिन आपको इसके सेवन के समय इसकी मात्रा पर अवश्य ध्यान रखना जरूरी है। ये उनके शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के साथ-साथ पूरे शरीर के लिए फायदेमंद होता है।
इसके अलावा ड्राई फ्रूट्स में शुगर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है और इनमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी अधिक होता है। आपको इसका सेवन मीठे की क्रेविंग होने पर ही करना है। इसमें फाइबर, विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सिडेंट में अत्यधिक समृद्ध है। डायबिटीज रोगी अखरोट, बादाम, ड्राई जामुन, पिस्ता और कद्दू, अलसी या चीया सिड्स का सेवन कर सकेत हैं लेकिन इसका सेवन एक सीमित मात्रा में ही करें।
11. पैक्ड फूड
यदि आप कोल्ड ड्रिंक्स, कुकीज और अन्य डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों क शौकीन है तो आपको आज हम बताने जा रहे हैं उसे सुनकर अभी के अभी डिब्बाबंद खाना छोड़ना पड़ेगा। जी हां, एक रिसर्च में पचा चला है कि डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों अत्यधिक लेने से डायबिटीज का कारण बनता है। डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों का सेवन डायबिटीज, दिल की बीमारी और अन्य स्वास्थ्य प्रभावों से जुड़े एक रसायन के आवरण की वृद्धि करता है।
12. फ्रेंच फ्राइस
डायबिटीज मरीजों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। इसके बारे में कई भ्रांतियां है। ऐसे बहुत से लोग मानते हैं कि, आलू में कार्ब्स की मात्रा अधिक होती है, इसलिए डायबिटीज रोगियों को इसे अपने आहार में भूल से भी नहीं शामिल करना चाहिए। वहीं कुछ आहार विशेषज्ञों का मानना है कि डायबिटीज से पीड़ित बहुत से लोगों के लिए आलू का सेवन सुरक्षित है, लेकिन ये आपके द्वारा चयन किए जाना चाहिए। इससे अधिक मात्रा में करना आपके लिए दुष्प्रभावी साबित हो सकता है। अधिक मात्रा में कंज्यूम करना जोखिम भरा हो सकते हैं, इसलिए आलू को कम मात्रा में ही खाएं।
इसके अलावा आलू खाने से आपको टाइप – 2 डायबिटीज होने का खतराा बढ़ जाता है और डायबिटीज वाले लोगों पर नेगेटिव इम्पेक्ट डालता है। 70,77 व्यक्तियों पर किए एक अध्ययन में पाया गया था कि, जो उबले हुए आलू को हर हफ्ते 3 सर्विंग्स दी गई हो उनमें टाइप-2 डायबिटीज के खतरे में 4 गुणा वृद्धि होती है और फ्रेंच फ्राइज खाने से ये जोखिम बढ़कर 19 प्रतिशत पहुंच जाता है।
13. फलों की स्मूदी
डायबिटीज रोगियों को आमतौर पर मीठे और शुगर वाले खाने से बचने की सलाह देते हैं। लेकिन किसी त्योहारों के मौके पर इतनी मिठाईयां देखकर आपका भी मन करता होगा, लेकिन खा नहीं पाते होंगे। इसलिए यदि आप मिठाई नहीं खाना चाहते तो और मीठा खाने की क्रेविंग भी है तो इसे शांत करने के लिए आप फ्रूट्स स्मूदी लें सकते हैं। बता दें कि, डायबिटीज रोगी कम मीठी स्मूदी भी खा सकते हैं। आप अलसी के बीज या बेरीज से बनी स्मूदी को भी सकते हैं। क्योंकि बेरीज में फाइबर, एंटी-ऑक्सीडेंट्स और दूसरे कई जरूरी पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं। स्मूदी पीने के आपके मीठे खाने की क्रेविंग कम होती है और ब्लड शुगर भी कम रहता है।
14. स्पोट्स ड्रिंक्स
अगर हम आपको सीधे शब्दों में कहें, तो इन्हें पौष्टिक डेयरडेविल्स पर छोड़ दें। उनकी हाई चीनी सामग्री, बड़ी मात्रा में कैफीन और हाई कार्ब लेवल इन्हें हमारी ड्रिंक्स सूची में अंतिम स्थान पर रखते हैं।
क्योंकि स्पोट्स ड्रिंक्स को ब्लड शुगर के लेवल को बढ़ाने के लिए दिखाया गया है और यहां तक कि इंसुलिन प्रतिरोध का कारण बन सकता है, जिससे स्वस्थ व्यक्तियों में टाइप 2 मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा आप बिना चीनी की ड्रिंक्स भी ले सकते हैं।
15. सोडा
सोडा हमारी सेहत को नुकसान पहुंचाता है। डायबिटीज पेशेंट में मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है। इसकी वजह से हाइपरटेंशन हो सकता है और कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी हाई हो सकता है। बता दें कि, अधिकांश चीनी मुक्त सोडा 99 प्रतिशत पानी होते हैं और दिन के लिए आपके पानी के सेवन के हिस्से के रूप में गिना जा सकता है। इसके अलावा कई कैफीन मुक्त विकल्प भी हैं। डायबिटीज के साथ जीने के सभी पहलुओं की तरह, संयम महत्वपूर्ण है। साथ ही सोडा वाटर का सेवन वजन बढ़ाने का भी काम करता है।
16. केक और पेस्ट्री
डायबिटीज रोगियों को मीठा कम या ना खाने की सलाह दी जाती है। वहीं अगर हम बात करे केक और पेस्ट्री की तो रोगियों को इसके से बचना बेहद आवश्यक है, क्योंकि केक, पेस्ट्री, क्रीम बिस्किट आदि खाने से ब्लड शुगर काफी तेजी से बढ़ता है और डायबिटीज मरीजों को नुकसान पहुंचाता है। लेकिन फिर आपको केक खाना ही है तो कम चीनी या बिना चीनी का केक खाएं।
17. आलू के चिप्स
आलू के चिप्स जो एक ऐसी चीज है जो बच्चों और बड़ो दोनों को अपराधबोध के साथ और बिना सोचे-समझे पसंद आती है। हालांकि हम सभी जानते हैं कि वे सबसे अच्छे स्नैक विकल्प नहीं हैं, लेकिन हमारे पास कुरकुरे कुरकुरे और नमकीन आलू के चिप्स के लिए एक सॉफ्ट कॉर्नर है। अब सवाल ये उठता है कि, क्या आलू के चिप्स कभी आपके डायबिटीज आहार का हिस्सा बन सकते हैं?
तो इसका जवाब है हां। डायबिटीज वाले लोग आलू खा सकते हैं, लेकिन हिस्से के आकार को नियंत्रित करना चाहिए। हालांकि आलू का ग्लाइसेमिक इंडेक्स हाई होता है और आलू में कार्ब्स आसानी से शुगर में परिवर्तित हो जाते हैं।
साथ ही अगर सही तरीके से तैयार किया जाए तो आलू ब्लड शुगर कंट्रोल पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डाल सकता है। इसे तलने की तुलना में बेक की सामग्री के साथ तैयार करना स्वास्थ्यवर्धक होता है। हम में से कई लोग डायबिटीज होने या नहीं होने पर नमकीन आलू के चिप्स का सेवन बंद नहीं कर सकते हैं। आलू के चिप्स निश्चित रूप से आपके डायबिटीज आहार में शामिल करने के लिए अच्छे नहीं हैं, लेकिन आप एक बार (थोड़ी मात्रा में) शामिल कर सकते हैं बशर्ते आपको पर्याप्त व्यायाम मिले ।
18. पैनकेक
हर डायबिटीज रोगियों को कभी न कभी मीठा और टेस्टी खाने की क्रेविंग होती है। अगर आपका जवाब हां है तो हम आपक बता दें कि, आप स्वीट के नाम पर पेनकेक खा सकते हैं। इसमें आपको लो कैलोरी, लो शुगर और फाइबर की मात्रा मिलेगी। इससे न सिर्फ आपका पेट भरेगा बल्कि आपके क्रेविंग भी खत्म होगी।
यदि आप डायबिटीज रोगी है तो हेल्दी डाइट में होल ग्रेन, फल और सब्जियां, लो फैट, प्रोटीन और डेयरी उत्पाद शामिल होने चाहिए। इस डाइट को लेने से कैलोरी, फाइबर, विटामिन, मिनरल और प्रोटीन बॉडी को मिलेगा, जो हमारी एक स्वस्थ जीवनशैली क बेहद जरूरी है। आप ऐसे पैनकेक की रेसिपी में इस बात का ध्यान रखे कि ये सभी चीजें इसमें शामिल हो। इसके साथ ही पैनकेक में शुगर को कम करके उसकी बजाय ऐसे फलों और नट्स का इस्तेमाल करें, जिनमें नैचुरल स्वीटनेस हो जैसे कि – स्ट्रॉबेरी पैनकेक, वॉलनट पैनकेक, एप्पल पैनकेक, ब्लूबैरी पैनकेक और सब्जियों से बना पैनकेक बना कर खा सकते हैं, लेकिन ध्यान रखे कि, शुगर न हो और फलों की मिठास का इस्तेमाल करें।
19. स्किम मिल्क
स्किम मिक्स में पूरे दूध के समान सभी पोषक तत्व होते हैं, लेकिन अतिरिक्त फेट के बिना। यदि वसा कणों के आकार को कम करने के लिए पूरे दूध को समरूप नहीं किया जाता है, तो यह स्वाभाविक रूप से ऊपर से क्रीम की परत के साथ स्किम दूध में अलग हो जाता है। स्किम दूध में कैल्शियम, विटामिन डी, राइबोफ्लेविन और प्रोटीन की मात्रा उतनी ही होती है जितनी पूरे दूध में होती है। हालांकि, स्किम दूध डायबिटीज के प्रबंधन के लिए एक बेहतर आहार विकल्प है क्योंकि इसमें फैट की मात्रा कम होती है जो इसे स्वस्थ हृदय विकल्प बनाती है और वजन बढ़ाने से रोकने के लिए इसकी कम कैलोरी सामग्री होती है। स्किम दूध में कम कैलोरी, संतृप्त वसा और कोलेस्ट्रॉल होता है। एक कप मलाई रहित दूध में 12 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 8 ग्राम प्रोटीन, 0 ग्राम वसा और 128 मिलीग्राम सोडियम होता है।
वजन प्रबंधन और स्वस्थ हृदय में सहायता के लिए संपूर्ण से नॉनफैट दूध में संक्रमण एक अच्छी जगह है क्योंकि स्किम दूध संतृप्त वसा से अतिरिक्त कैलोरी के बिना सभी आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है। पहले 2% दूध पर स्विच करके अपनी स्वाद कलियों को एक नए स्वाद और बनावट में समायोजित करने के लिए इसे एक क्रमिक प्रक्रिया बनाएं। एक अन्य विकल्प यह है कि आप अपने पसंदीदा व्यंजनों, पेय पदार्थों और अपने सीरियल्स के साथ नॉनफैट दूध को प्रतिस्थापित कर सकते हैं।
20. जेम
नियमित जैम, जेली, और प्रिजर्व चीनी से भरे होते हैं और कई में हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप होता है, जिसमें अविश्वसनीय रूप से उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है। यदि आप अपने टोस्ट के ऊपर कुछ मीठा ढूंढ रहे हैं, तो कम चीनी या चीनी मुक्त संरक्षित करें, जिसमें बहुत कम चीनी हो। इसके अलावा आप घर के बने जेम का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
21. टिक्की
वैसे तो डायबिटीज रोगी टिक्की का सेवन नहीं कर सकता है, लेकिन करेला की टिक्की डायबिटीज रोगियों के लिए लाभदायक मानी जाती है। जी हां, करेला स्वाद में भले ही कड़वा क्यों न हो लेकिन ये बहुत हेल्दी माना जाता है। बता दें कि, करेले में विटामिन ए, विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद है। वहीं करेली की टिक्की बनाने के लिए करेले, गाजर, शिमला मिर्च, धनिया, हरी मिर्च, अदरक, नींबू का रस, भुना जीरा पाउडर और स्वाद अनुसार नमक डालकर कुट्टू के आटे के साथ मिक्स करें। अब एक पैन में थोड़ा सा तेल डालकर टिक्कियों को सेक लें। तो इसी तरह आपकी हेल्दी स्नैक्स तैयार है और डायबिटीज मरीज बिना किसी झिझक के इसे खा सकते हैं।
बाहरी स्रोत: डायबिटीज रोगी भूलकर भी न करें इन चीजों का सेवन, बढ़ सकता है ब्लड शुगर लेवल Amar Ujala
निष्कर्ष – ये थी डायबिटीज मरीजों के लिए कुछ आहार टिप्स, जिसमें मरीज क्या खा सकते हैं और क्या नहीं। हम आशा करते हैं कि आपको हमारा लेख अच्छा लगा होगा। साथ ही इस लेख को अपनी जान-पहचान वाले डायबिटीज मरीजों को अवश्य साझा करें और उनकी डाइट फॉलो करने में उनकी सहायता करें।