HIV एड्स से बचने का इलाज अपनाएं घरेलू नुस्खें!
एचआईवी एड्स बहुत ही संक्रामक और जानलेवा बीमारी है जो ह्यूमन इम्यूनो डिफिशियेंसी वायरस के इंफेक्शन की वजह से होती है। ये विश्व में लगभग 3.53 करोड़ लोग एचआईवी से जूझ रहे हैं। इस बीमारी से पीड़ित रोगियों का इम्यून सिस्टम बेहद कमजोर हो जाता है, जिससे उनकी बॉडी में बीमारियों से लड़ने की क्षमता खत्म होने लगती है। साथ ही इस बीमारी का इलाज एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी से किया जाता है, जिससे शरीर में वायरस का प्रभाव कम किया जा सके।
1. एचआईवी एंटीवायरल (HIV Antiviral)
इंफेक्शन की प्रगति धीमी करने के लिए HIV को दबाता है, दूसरों को संक्रमित करने के खतरे को कम करता है।
2. संक्रामक रोग के डॉक्टर (infectious disease doctor)
इंफेक्शन का इलाज करते हैं जिसमें वे इंफेक्शन भी शामिल है जो गर्म इलाकों से में अधिक होता है।
3. नैदानिक मनोविज्ञानिक (clinical psychologist)
बातचीत से उपचार यानी टॉक थेरेपी करके मानसिक समस्याओं का इलाज किया जा सकता है।
4. प्राइमरी हेल्थ केयर प्रोवाइडर (primary health care provider)
रोगों की रोकथाम, पहचान और इलाज करते हैं।
आयुर्वेद के द्वारा एचआईवी का इलाज (HIV treatment through ayurveda)
एड्स के मरीजों को इस बीमारी के शारीरिक लक्षणों से निपटने के लिए क्षमत को बढ़ाना चाहिए और इससे उभरने के लिए योजनाओं को भी और अधिक उन्नत करना चाहिए। एड्स जैसी लाइलाज बीमारी के इलाज बीमारी को वैज्ञानिक का कहना है कि, इसकी दवा जरेनियम है जिसे आयुर्वेदिक मं कषायमूल वनस्पति भी कहते हैं। ये एड्स के वायरस को खत्म करने इस्तेमाल की जा सकती है।
साथ ही शोधकर्ताओं के अनुसार, जरेनियम की जड़ में कुछ ऐसे तत्व हैं जो व्यक्ति की कोशिकाओं को एचआईवी-1 वायरस का प्रवेश रोकने के लिए मजबूत बनाता है। इसके साथ ही ये आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।
इसके अलावा एड्स में सुधार के लिए नीचे बताई गई बातों का भी पालन करना जरूरी है जैसे –
आहार योजना
- फल और सब्जियां
- साबुत अनाज
- दालें
- लीन मीट
- कम फैट वाले आहार
आहार का परहेज
- मिठाईयां
- शीतल पेय
- शक्कर युक्त आहार
- शराब व धूम्रपान
योग और व्यायाम
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- सप्ताह में एक से दो बार, पांच से दस मिनट रोजाना रनिंग, वॉकिंग, स्वीमिंग, साइक्लिंग, और एरोबिक डांस करें।
- शरीर में खिंचाव पैदा करने वाले व्यायाम-प्रत्येक बार खिंचाव 10 से 30 सेकंड के लिए होना चाहिए और आपको हर खिंचाव के समय गहरी सांस लेनी चाहिए।
- मैडिटेशन का रोग की वृद्धि रोकने पर सीधा प्रभाव पडता है, इसलिए रोजाना 20 से 30 मिनट सक्रिय ध्यान करें जो आपके स्ट्रेस को कम करने में सहायता करेगा।
घरेलू उपचार
- भोजन बनाने से पहले या अन्य काम करने से पहले अपने हाथों को कई बार धोएं।
- अपने नाखून को साफ रखें।
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- रूखी स्किन से बचने के लिए अपने हाथों में अच्छे से क्रीम लगाएं।
- कटे/छिले घाव को ढक्कर रखें।
- हेल्दी रहें।
- डॉक्टर द्वारा बनाई गई जांच करवाते रहें।
- संतुलित आहार लें।
- स्ट्रेस फ्री रहे।
- धूम्रपान, शराब और मनोरंजन हेतु लिए जाने वाले ड्रग्स ना लें।
- विश्राम करें।
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डिस्कलेमर (Disclaimer)
ये सामान्य जानकारी है, इसे अपनाने से पहले आपको अपने डॉक्टर जांच करवानी है और उन्हीं के अनुसार अपना जीवनशैली और आहार का खास ध्यान रखना हैं।