ट्यूबरक्लोसिस (क्षय रोग) क्या है? (What is tuberculosis?)
Tuberculosis in Hindi – ट्यूबरक्लोसिस को आम भाषा में टीबी कहते हैं। ये शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन फेफड़ों में होने वाली टीबी सबसे आम प्रकार का होता है। कोरोना की तरह फेफड़ों में होने वाला टीबी भी खांसी और छींक के द्वारा एक दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। ट्यूबरक्लोसिस (Tuberculosis in Hindi) का खतरा उन लोगों को सबसे अधिक अधिक होता हैं जो उन्हें पहले से कोई बड़ी बीमारी जैसे कि एड्स या डायबिटीज आदि होती है। साथ ही जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है उन्हें भी इस बीमारी का खतरा अधिक होता है।
ट्यूबरक्लोसिस के कितने प्रकार हैं? (How many types of tuberculosis are there in Hindi?)
टीबी के प्रमुख दो प्रकार होते हैं, जिन्हें लेटेंट टीबी और एक्टिव टीबी (Tuberculosis in Hindi) के नाम से जाना जाता है। इनकी जानकारी निम्न है –
- लेटेंट टीबी – इस स्थिति में रोगाणु आपके शरीर में होते हैं, लेकिन इम्यून सिस्टम उन्हें फैलने नहीं देता है। इस कारण से आपको इसके लक्षण महसूस नहीं होते हैं और न ही यह रोग आपसे किसी अन्य व्यक्ति में फैल पाता है। हालांकि, शरीर में मौजूद ये रोगाणु किसी भी समय एक्टिव होकर संक्रमण फैला सकते हैं और ऐसा आमतौर पर तब होता है जब किसी कारण से इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ जाए। एचआईवी व अन्य कोई लंबे समय तक रहने वाला संक्रमण आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर बना सकता है।
- एक्टिव टीबी – इस स्थिति में रोगाणु बढ़ने लगते हैं और शरीर में संक्रमण शुरू हो जाता है। एक्टिव टीबी में व्यक्ति को लक्षण महसूस होने लगते हैं और वह अन्य स्वस्थ व्यक्तियों में इस रोग को फैला भी सकता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार एक्टिव टीबी के 90 प्रतिशत मामले आमतौर पर लेटेंट टीबी से ही शुरू होते हैं।
ट्यूबरक्लोसिस (क्षय रोग) के शुरुआती लक्षण क्या हैं? | Tuberculosis (TB) Symptoms in Hindi
टीबी (Tuberculosis in Hindi) अधिकतर फेफड़ों में ही होता है, जिसके कई तरह के लक्षण सामने आते हैं। नीचे हम टीबी के आम लक्षणों के बारे में बचा रहे हैं जैसे –
- तीन हफ्ते या उससे अधिक समय तक बुरी तरह से खांसी होना।
- भूख में कमी आना
- खांसते वक्त बलगम और रक्त निकलना
- ठंड लगना
- सीने में दर्द होना
- रात को पसीना आना
- बुखार
- कमजोरी या थकान महसूस होना
साथ ही बोन टीबी (Tuberculosis in Hindi) के लक्षण में जोड़ों में दर्द, कमर दर्द व रीढ़ की हड्डी में दर्द शामिल है।
ट्यूबरक्लोसिस के कारण
अधिकांश टीबी संक्रमण फेफड़ों को प्रभावित करते हैं जो निम्न कारण हो सकते हैं:
- माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस (Mycobacterium tuberculosis) बैक्टीिया की वजह से हो सकता है।
- जैसी कि, हम ऊपर बता ही चुके हैं कि टीबी एक इंफेक्शन रोग है, इसलिए ये हवा के माध्यम से भी फैल सकता है।
- टीबी (Tuberculosis in Hindi) ग्रसित व्यक्ति का इंफेक्शन रूमाल या तौलिया का उपयोग करने से भी ये हो सकता है।
- एचआईवी की अवस्था में भी टीबी हो सकता है।
ट्यूबरक्लोसिस कहां से आता है?
ट्यूबरक्लोसिस माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस से प्रेरित एक संचारी रोग है, ये एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में हवा की सूक्ष्म बूदों के माध्यम से फैलता है। साथ ही ट्यूबरक्लोसिस आमतौर पर तब फैलता है जब किसी के पास बिना निदान या ट्रीटमेंट न किए गए लक्षण होते हैं। टीबी छींकने, हंसने, बोलने, खांसने, स्पिरिट या गाने से फैलता है।
टीबी विकसित करने वाले जोखिम कारक क्या हैं? Risk Factors for Tuberculosis (TB) in Hindi
निम्नलिखित जोखिम कारकों की वजह से आपको टीबी होने की अधिक संभावना हो सकती है जो कुछ इस प्रकार है –
- कम शरीर का वजन और खराब पोषण
- नियमि रूप से शराब का सेवन करें
- धूम्रपान से दूरी बना लें
- संधिशोथ, क्रोहन डिजीज और सोरायसिस के इलाज के लिए कुछ दवाएं
- बॉडी पार्ट्स ट्रांसप्लांट की दवाएं
- कीमोथेरेरी जैसे कैंसर का इलाज
- सिर और गर्दन का कैंसर
- गंभीर किडनी की बीमारी से पीड़ित
- डायबिटीज की समस्या
- एचआईवी या एड्स
- टीबी के उच्च जोखिम वाले रोगियों के लिए एक स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ता
- अस्पताल या नर्सिंग होम में काम करते हैं या रहते हैं
क्या ट्यूबरक्लोसिस मार सकता है?
ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया के कारण होता है जो आमतौर पर फेफड़ों पर हमला करत है, कुछ मामलों में ये किड़नी, रीढ़ और दिमाग को भी प्रभाविक करता है। अगर सही उपचार प्राप्त नहीं किया जाएं तो ट्यूबरक्लोसिस (Tuberculosis in Hindi) घातक हो सकता है।
क्या मुझे ट्यूबरक्लोसिस के बारे में चिंता करनी चाहिए?
अगर इलाज न किया जाए तो ट्यूूबरक्लोसिस के जीवाणु फेफड़ों के साथ रीढ़, दिमाग और किडनी पर भी बुरा प्रभाव, डाल सकता है और इस प्रकार मरीज की मौत भी हो सकती है। अगर आप किसी टीबी से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में हैं या खांसी, वजन घटना, बुखार, रात को पसीना, ग्रंथियों में सूजन आदि जैसे रोग के लक्षण विकसित होते हैं तब डॉक्टर को दिखाना बेहद जरूरी है।
ट्यूबरक्लोसिस का अंतिम चरण क्या है?
टीबी के तीन स्टेज होते हैं जो कुछ इस प्रकार है –
- संसर्ग
- अव्यक्त
- सक्रिय रोग
ट्यूबरक्लोसिस के अंतिम स्टेज में व्यक्ति एक सक्रिय स्टेज के सभी संकेत और लक्षण विकसित करता है और एक सकारात्मक स्किन इंफेक्शन और छाती का एक्स-रे होता है।
ट्यूबरक्लोसिस के लिए किस प्रकार की सावधानियां बरती जाती हैं? | Precautions for Tuberculosis (TB) in Hindi
ये पहले से अधिक सक्रिय टीबी (Tuberculosis in Hindi) वाले लोगों की पहचान करके और फिर उनका इलाज करके किया जाता है। एक सही उपचार के साथ, कोई भी व्यक्ति इंफेक्शन को दूर सकता है और इसलिए अब वे दूसरों को संक्रमित नहीं करता है। अगर कोई इलाज पर नहीं है, तो एक वयस्क से दूसरेे में इंफेक्शन के प्रसार को रोकने के लिए खांसी तहजीब जैसी सावधानियां बरतनी चाहिए।
1. बीसीजी वैक्सीन (BCG Vaccine)
इसका अर्थ है कि यदि आपको टीबी है या हो सकता है, तो आप खांसते या छींकते हैं तो आपको अपने फेस को टीश्यू से ढंकना चाहिए। आपको अपना इस्तेमाल किया हुए टिश्यू कूड़ें में डालना चाहिए। अपने हाथों पर न खांसे और खांसने के बाद आपको अपने हाथ जरूर धोने चाहिए।
2, तहजीब से खांसे (cough with gusto)
टीबी वाले मरीजों को सक्रिय टीबी विकसित करने से रोकना चाहिए। जेलों और अस्पतालों जैसी जगहों में मास्त और श्वासयंत्र का इस्तेमाल करके इंफेक्शन को कंट्रोल किया जा सकता है।
3. घरों में रोकथाम (prevention at home)
घरों को पर्याप्त रूप से हवादर होना चाहिए और खांसी की तहजीब और श्वसन सफाई पर शिक्षा जी जानी चाहिए।
4. टीबी के बारे में शिक्षा प्रदान (Provide education about TB)
इसे पहली बार 1920 के दशक में विकसित किया गया था। ये वर्तमान टीकों का सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है और ये सभी नवजात बच्चों और शिशुओं के 80 प्रतिशत तक पहुंचता है जहां ये राष्ट्रीय बचपन टीकाकरण कार्यक्रम का हिस्सा होना चाहिए।
ध्यान देने योग्य बात
- जितना हो सके बाहर समय बिताएं।
- अगर हो सके तो हवादार कमरे में ही अकेले सोएं।
- जितन हो सके पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर कम से कम समय बिताएं।
- ऐसी जगहों पर कम से कम समय बिताएं जहां बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो।
ट्यूबरक्लोसिस का निदान करने के लिए कौन से परीक्षण किए जाते हैं? Diagnosis of Tuberculosis (TB) in Hindi
ट्यूबरक्लोसिस (Tuberculosis in Hindi) का निदान करने के लिए डॉक्टर सबसे पहले व्यक्ति की शारीरिक जांच करते हैं और साथ ही उसकी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जानते हैं। इसके साथ-साथ निदान के लिए निम्न टेस्ट भी किए जाते हैं जैसे –
- चेस्ट एक्स-रे और सीटी स्कैन
- स्पुटम टेस्ट (लार की जांच)
- इंटरफेरॉन गामा रिलीज एस्से (IGRAs)
- मैनटॉक्स ट्यूबरकुलिन स्किन टेस्ट
ट्यूबरक्लोसिस (क्षय रोग) के लिए सबसे अच्छा उपचार क्या है? Tuberculosis (TB) Treatment in Hindi
- माइकोबैक्टीरियल इफेंक्शन के लिए लंबे समय तक उपचार की आवश्यकता होती है। पहली पंक्ति की एंटीट्यूबरकुलर दवाएं आइसोनियाजिड़, रिफैम्पिसिन,, पायराजिनमाइड, एथमब्यूटोल और स्ट्रेप्टोमाइसिन है। ये दवाएं बहुत प्रभावी, सस्सी, कम जहरीली और प्रतिदिन से तपेदिक के दवा-संवेदनशील मामलों में इस्तेमाल की जाती जाती है।
- नए निदान किए गए मरीजों को इन दवाओं को 6 महीने तक लेने की आवश्यकता होती है, लेकिन सबसे पहले इलाज किए गए मरीजों को फिर से इफेंक्शन होने पर 8 महीने तक इन दवाओं को लेने की आवश्यकता होती है। इस उपचार को पूरा करना बेहद जरूरी है, क्योंकि बीच में उपचार रोकना या खुराक छोड़ना व्यक्ति को इन दवाओं के प्रति प्रतिरोधी बना सकता है और ये दवाएं अब प्रभावी नहीं होगी।
- मल्टीड्रग-रेसिस्टेंट ट्यूबरकुलोसिस (Tuberculosis in Hindi) का उपचार जटिल है और लगभग 24-27 महीनों के लिए फ्लोरोक्वनोलोन, मैक्रोलाइड्स, एमिनोग्लाइकोसाइड्स जैसे एंटीबायोटिक दवाओं के संयोजन को प्रशासित करता है।
ट्यूबरक्लोसिस के लिए सबसे अच्छा घरेलू उपचार क्या है? Home Remedies for Tuberculosis (TB) in Hindi
टीबी में सुधार के लिए आप इन घरेलू उपचार को अपना सकते हैं जैसे –
- काली मिर्च – काली मिर्च को फेफड़ों को साफ करने और बलगम उत्पादन को कम करने में लाभकारी माना जाता है। तपेदिक की वजह से होने वाले सीने के दर्द से भी काली मिर्च राहत दिलाने में काफी मदद करते हैं। ये छींक और खांसी (Tuberculosis in Hindi) में भी आरामदायक होती है।
- अनानास – अनानास को भी तपेदिक के इलाज में फायदेमंद बताया है। अनानास का रस बलगम गठन को कम करता है और साथ ही तेजी से रिकवरी देता है।
- आंवला – आंवला में जीवाणुरोधी गुण मौजूद होते हैं। इसे इम्यूनिटी सिस्टम को बनाने और बैक्टीरिया से लड़ने के लिए फायदेमंद माना जाता है। आंवले के सेवन से संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायता मिलती है।
- दूध – तपेदिक के मरीजों के लिए काफी अच्छा माना जाता है। दूध में कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत होता है जो तपेदिक के इलाज के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है। तब ऐसे में तपेदिक और इसके लक्षणों के कम करता है। लेकिन जरूरी नहीं है की हर रोगियों के दूध अच्छा हो, इसलिए अपने डॉक्टर से जरूर लें।
- लहसून – लहसून में सल्फ्यूरिक एसिड होता है जो टीबी के मरीजों के लिए अच्छा माना जाता है। ये तपेदिक (Tuberculosis in Hindi) पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में भी लहसून कारगार होता है। रोगाणुरोधी गुण से भरपूर लहसून, प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बढ़ावा देता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
ट्यूबरक्लोसिस समस्या में सुधार के लिए इन घरेलू उपचार अपना सकते हैं, लेकिन सबसे पहले अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें, क्योंकि टीबी आपकी स्थिति पर निर्भर करती है। इसे आगे जारी रखने के लिए इस TV Health पर क्लिक करें।