माइग्रेन क्या है? (What is Migraine in Hindi?)
Migraine Meaning in Hindi – माइग्रेन एक प्रकार का क्लस्टर सिरदर्द है। जब आप सिर या गर्दन के क्षेत्र में किसी भी घड़कते हुए दर्द और असुविधा का अनुभव करते हैं, तो ये अक्सर माइग्रेन होता है। यह एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है जो अक्सर मतली, उल्टी और प्रकाश और ध्वनि के लिए अत्यधिक संवेदनशीलता के साथ कई लक्षण पदा कर सकती हैं। माइग्रेन के हमले घंटों और यहां तक कि दिनों तक रह सकते हैं। कभी-कभी तो ये दर्द इतना गंभीर होता है कि ये आपकी दैनिक गतिविधियों में रूकावटें डालने लगता है। माइग्रेन बहुत आम है, खासकर महिलाओं में। माइग्रेन के समय मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह (Migraine Meaning in Hindi) बढ़ जाता है जो धड़कते हुए दर्द का कारण बनता है।
माइग्रेन के कितने प्रकार हैं? (How many types of migraine are there?)
माइग्रेन के निम्न प्रकार –
क्लासिकल माइग्रेन (classical migraine)
क्लासिकल माइग्रेन बहुत से चेतावनी भरे लक्षणों को दर्शाता है। शायद आपको सिरदर्द से पहले धुंधला दिखे। यदि आपको क्लासिकल माइग्रेन है (Migraine Types in Hindi) तो इस अवस्था में आपकी रक्त वाहिनियां सिकुड़ने लगेंगी। इस कंडिशन में रक्त वाहिनियां बड़ी होती जाती है, इसलिए क्लासिकल माइग्रेन के लिए दवाएं लेना बहुत जरूरी होता है।
नॉन क्लासिक माइग्रेन (non classic migraine)
नॉन क्लासिकल माइग्रेन में समय-समय पर बहुत तेज सिरदर्द होता है, लेकिन इसमें किसी और तरह के लक्षण नजर नहीं दिखने। ऐसी स्थिति में सिरदर्द की शुरूआत के साथ ही दवा ले लेनी चाहिए।
माइग्रेन होने के क्या कारण है? (What causes migraine in Hindi?)
माइग्रेन सिरदर्द के पीछे रक्त वाहिनियों का बड़ा होना (Migraine Meaning in Hindi) और नर्व फाइबर्स की ओर से केमिकल का स्त्राव करने के कारण उत्तरदायी होते हैं। सिरदर्द के समय, खोपड़ी के बिल्कुल नीचे स्थित धमनी बड़ी हो जाती है। जिस वजह से एक केमिकल का स्त्राव होने लगता है जो जलन, दर्द और रक्तवाहिनी को और चौड़ा करने का काम करती है। साथ ही जेनेटिक और पर्यावरणीय कारक (Migraine Causes in Hindi) की माइग्रेन में भूमिका हो सकती है। माइग्रेन ट्राईगेमिनल नर्व में न्यूरोकेमिकल के बदलाव और मस्तिष्क के रसायनों में असंतुलन, खासकर सेरोटोनिन की वजह से ये आरंभ होता है।
माइग्रेन के समय सेरोटोनिन का लेवल संभवत कम होता जाता है, जो ट्राइजेमिनल सिस्टम को न्यूरोपेप्टाइड का स्त्राव करने के लिए प्रेरित करता है। न्यूरोपेप्टाइड मस्तिष्क के बाह्य आवरण तक पहुंचकर सिरदर्द उत्पन्न करता है।
माइग्रेन कई वजहों से आपको अपना शिकार बना सकता हैं जिसमें ये प्रमुख कारण (Migraine Causes in Hindi) शामिल है।
- हर समय चिंता करते रहना
- ज्यादा स्ट्रेस लेना
- पर्याप्त पानी न पीना
- महिलाओं में हार्मोनल बदलावों के कारण
- बहुत धीमी या बहुत तेज रोशनी में अक्सर रहना
- तेज आवाज में रहना
- तेज खुश्बू भी माइग्रेन की वजह हो सकती है
- दवाओं के साइड इफेक्ट की वजह
- बहुत ज्यादा सोना
- जरूरत से कम सोना
- वातावरण में अचानक परिवर्तन आना
- अधिक शारीरिक मेहनत के कारण
- कैफीन वाले पदार्थों का ज्यादा सेवन करना
- नाश्ता और खाना छोड़ देने से
- सिरदर्द की दवाएं बिना चिकित्सक की सलाह के लेने से
- एल्कोहल, तंबाकू, धूम्रपान, चॉकलेट आदि का अधिक सेवन करना
माइग्रेन के ट्रिगर का 5 कारण (Trigger of migraine in Hindi)
- हार्मोनस परिवर्तन – जैसे कि महिलाओं में मासिक धर्म के समय या आस-पास के दिनों में सर दर्द।
- भावनात्म ट्रिगर – स्ट्रेस, डिप्रेशन, चिंता और उत्तेजना।
- आहार संबंधी – जैसे पनीर, खट्टे फल , शराब, कैफीन, चॉकलेट और टाइरामाइन युक्त खाद्य पदार्थ आदि।
- पर्यावरणीय कारक – टिमटिमाती स्क्रीन, तेज गंध, सेकेंड हैंड स्मोक, तेज आवाज, भरे हुए कमरे, टेंपरेचर में बदलाव और तेज रोशनी आदि।
- दवाएं – जैसे नींद की गोलियां, हार्मोन रिप्लेसमें थेरेपी, और कुछ गर्भनिरोधक गोलियां।
माइग्रेन को ट्रिगर करती है खाने के ये 8 पदार्थ (These 8 foods trigger migraine)
- प्याज
- चॉकलेट
- फल (जैसे कि- एवोकैडो, केला और खट्टे फल)
- नाइट्रेट युक्त मीट (जैसे कि- बेकन, हॉट-डॉग, सलामी, क्योर मीट)
- डेयरी खाद्य पदार्थ विशेष रूप से चीज
- मोनोसोडियम ग्लूटामेट वाले खाद्य पदार्थ
- मूंगफली और अन्य प्रकार के नट और बीज
- प्रोसेसड, फर्मेंटेड या मसालेदार भोजन लेना।
माइग्रेन के लक्षण (Symptoms of Migraine in Hindi)
माइग्रेन आमतौर पर चार स्टेजों में आगे बढ़ता है। माइग्रेन के विभिन्न स्टेजों और उनके लक्षणों (Migraine Symptoms in Hindi) में शामिल है।
प्रोड्रोम – माइग्रेन से एक या दो दिन पहले, आपको निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं जैसे:-
- मनोदशा में बदलाव
- कब्ज
- डिप्रेशन
- उत्साह
- अधिक पेशाब आना
- भोजन की इच्छा
- बार-बार जम्हाई लेना
- गर्दन में अकड़न
आभा – कुछ मामलों में माइग्रेन के हमले से पहले या उसके दौरान आभा हो सकती है। एक आभा में तंत्रिका तंत्र के प्रतिवर्ती लक्षण (Migraine Meaning in Hindi) होते हैं। लक्षण आमतौर पर धीरे-धीरे शुरू होते हैं और लगभग 60 मिनट तक रह सकते हैं। इन लक्षणों में शामिल है है जैसे –
- दृष्टि की हानि
- बोलने में कठिनाई
- हाथ या पैर में सुई जैसी सनसनी
- चेहरे या शरीर के एक तरफ सुन्नपन या कमजोरी
- दृश्य गड़बड़ी, जैसे चमकीले धब्बे, प्रकार की चमक या विभिन्न आकार देखना
अटैक – माइग्रेन का इलाज न होने पर आमतौर पर 4 से 72 घंटे तक रहता है। माइग्रेन कभी-कभी हो सकता है या महिने में कई बार हो सकता है। माइग्रेन अटैक से जुड़े लक्षणों में शामिल है।
- सिर में दर्द जो धड़कता या नाड़ी।
- मतली
- उल्टी
- ध्वनि, प्रकाश, गंध और सपर्श के प्रति अत्यधिक संवेदनशीलता है।
- दर्द जो आमतौर पर सिर के एक तरफ होता है लेकिन दोनों तरफ हो सकता है।
पोस्ट-ड्रोम – ये माइग्रेन अटैक के बाद का स्टेज है और एक दिन चल सकता है। इस स्टेज के दौरान देखे गए लक्षणों (Migraine Symptoms in Hindi) में शामिल है।
- थका हुआ या सूखा महसूस करना
- थोड़े समय के लिए सिर के अचानक हिलने पर दर्द की पुनरावृत्ति
- सिर में चोट लगने के बाद सिर दर्द
- एक गंभीर और अचानक सिर दर्द होना
- एक पुराना या दीर्घकालिक सिरदर्द जो परिश्रम, खांसी या अचानक चलने पर बढ़ जाता है।
- चक्कर आना
- सिर दर्द जो नया है और 50 की उम्र के बाद देखा जाता है
- गर्दन में अकड़न के साथ सिरदर्द, बुखार, दौरे, भ्रम, दोहरी दृष्टि, कमजोरी या शरीर के मेरे हिस्से में सुन्नता
माइग्रेन का उपचार (Treatment of Migraine in Hindi)
माइग्रेन का पूरी तरह इलाज संभव नहीं है यदि आप चिकित्सक की सलाह द्वारा और कुछ जरूरी दवाओं द्वारा इसके दर्द को कम कर सकते हैं और तुरंत राहत पा सकते हैं, क्योंकि माइग्रेन के कारण (Migraine Meaning in Hindi) ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी होता है, जो कि एक जानलेवा और गंभीर बीमारी है, इसलिए इलाज भी जरूरी है, वर्ना माइग्रेन का दर्द आपके लिए प्राणघातक साबित हो सकता है। चिकित्सक नीचे दी हुई बातों के आधार पर आपके माइग्रेन का इलाज करते हैं –
- आपकी उम्र क्या है?
- आपको माइग्रेन का दर्द कितने दिन में होता है?
- आपको किस तरह का माइग्रेन दर्द होता है?
- दर्द कितना गंभीर होता है?
- दर्द कितने समय तक रहता है?
- क्या सिर दर्द के अलावा भी कोई लक्षण दिखाई देते हैं?
- सिर के अलावा माइग्रेन के समय शरीर के किन हिस्सों में परेशानी होती है?
माइग्रेन के उपचार के लिए अपनी डाइट में बदलाव करना बहुत जरूरी होता है। इसके अलावा अगर आप AC में है तो तुंरत धूप में न निकले। तेज गर्मी से आकर कभी भी ठंडा पानी न पिएं। धूप के लिए समग्लासेस और छाते का इस्तेमाल जरूरी करें। अधिक-अधिक से पानी पिए। चाय, कॉफी जैसी चीजों से भी परहेज करें।
साथ ही अपने ब्लड प्रेशर को मेंटन रखें। रोजाना टहलने जाए, हरी घास पर नंगे पाव चले, सूर्य नमस्कार करें और योग करें। यदि इनसब से भी आपको कोई अधिक सुधार न हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
माइग्रेन को कैसे रोक सकते हैं? (How can I prevent migraine in Hindi?)
माइग्रेन होने पर दर्द को इन टिप्स की सहायता (How to Prevent a Migraine in Hindi) से कम कर सकते हैं। यदि आपको अधिक दर्द महसूस होता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
- दवाओं का समय पर सेवन करें – माइग्रेन की समस्या होने पर डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं रा नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। साथ ही अगर आप डॉक्टर से परामर्श के मुताबिक प्रतिदिन व्यायाम, योग और मेडिटेशन भी करें तो आपके लिए भी बेहतर रहेगा।
- मौसम बदलने पर ध्यान रखें – माइग्रेन का कारण मौसम में बदलाव भी होता है, इसलिए मौसम में होने वाले बदलाव से आपको अपनी हिफाजत (Migraine Meaning in Hindi) करनी चाहिए। वहीं घर से निकलते समय छाता लेवल निकलें, क्योंकि सूरज की सीधी रोशनी से बच सकें।
- पर्याप्त नींद लें – जिस व्यक्ति को माइग्रेन की समस्या है, उसे पर्याप्त नींद लेने की कोशिश करनी चाहिए। नींद लेने से माइग्रेन में आराम मिलता है। अच्छी नींद लेने में योग, मेडिटेशन और मार्निंग वॉक भी सहायक होती है।
- सिर को ठंडक दें – सिर को ठंडक देने से माइग्रेन में राहत मिलती है। ठंडक के लिए आप माथे पर बर्ण या ठंडे पानी की पट्टी रख सकते हैं। इसके अलावा मेहंगी लगाना भी लाभदायक हो सकता है। जी हां, ऐसा करने से रक्त धमनियां फैलकर अपनी पूर्व स्थिति में आ जाती है।
- आंखों पर जोर ना दें – माइग्रेन की समस्या होने पर मरीज को अपनी (Migraine Meaning in Hindi) आंखों पर अधिक जोर नहीं देना चाहिए। ऐसा करने से समस्या बढ़ सकती है। साथ ही ये अवश्यक ध्यान रखें कि आपके सोने वाले कमरे में अधिक रोशनी नहीं आनी चाहिए। सूरज की किरणों से भी आपको अपनी आंखों को बचाना है।
- फलों का सेवन करें – इस समय में मौसमी फलों का सेवन करना चाहिए। हरे पत्तेदार सब्जियों के साथ ही फलोंं का जूस भी माइग्रेन में राहत देता है। रात के खाने में सलाद का सेवन अधिक करें और सोते समय त्रिफला व आंवले के चूर्ण का गुनगुने पानी से सेवन करें।
निष्कर्ष (Conclusion)
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