आंखों का लाल होना, अनदेखा करने पर हो सकता है अंधापन
Redness in eyes – वैसे तो आंखों का लाल होना एक आम समस्या है। ये समस्या साधारण सी एलर्जी भी हो सकती है और ग्लूकोमा या ट्यूमर आदि की वजह से हो सकती है। मामूली मामलों में साफ-सफाई का ध्यान रखकर इस परेशानी से बचा जा सकता है। लेकिन यदि आपकी आखों का सफेद भाग लाल हो जाता है और ये स्थिति कई दिनों तक बनी रहती है, तो आपको आंखों के विशेषज्ञ से परामर्श करने की जरूरत है। ये समस्या ब्लड शॉट्स आईज की हो सकती है। इसमें आंख के सफेद भाग की महीन रक्त नलिकाएं फेल (redness in eyes) जाती है और उसमें सूजन आने लगती है। ऐसे में आंखों में किसी बाहरी पदार्थ के चले जाने से कई इंफेक्शन होने पर आंख या दोनों आंखों में सफेद हिस्सा लाल हो जाता है। साथ ही इसमें जलन, चुभन, खुजली, ड्राइनेस, दर्द आदि परेशानियां हो सकती है, जिससे अंधेपन का खतरा अधिक बड़ जाता है। इसलिए नीचे दी गई समस्याओं का नजरअंदाज न करें और तुरंत इलाज शुरू करें।
1. राइनो ऑर्बिटल सेरेब्रल म्यूकोर्मिकोसिस – आम भाषा में इसे ब्लैक फंगस के नाम से जाना जाता है, ये म्यूकोरेल्स की वजह से होने वाला एक असामान्य इंफेक्शन (redness in eyes) है और इसकी हाई मोर्बिडिटी और मारेटेलिटी रेट। ये मुख्य रूप से डायबिटीज, कैंसर, पोस्ट ऑर्गन ट्रांसप्लांट के बाद क्रोनिक स्टेरॉयड थेरेपी वाले रोगियों में होता है। और हाल ही इसे गंभीर कोविड इंफेक्शन वाले पेशेंट में भी देखा गया था। फंगस नाक के जरिए से एंटर करने वाली ब्लड वेसेल्स पर आक्रमण करता है और साइनस और नेस कैविट में फैल जाता है। यदि समय पर ध्यान न दिया जाए तो ये दिमाग तक पहुंच जाता है, जो दिमाग के लिए घातक (आंख खराब होने के लक्षण) हो सकता है।
2. कंजंक्टिलाइटिस (गुलाबी आंख) – कंजक्टिवा टिश्यू की एक पतली परत होती है जो आंखों के सफेद हिस्से और पलकों में अंदरूनी हिस्से को ढकती है। कंजंक्टिवाइटिस को कंजंक्टिवा के इंफेक्शन या सूजन के रूप में वर्णित किया जा सकता है। इसके लक्षण खुजली और पानी (redness in eyes) बहना है।
3. एस्परगिलोसिस – म्यूकोर्मिकोसिस के समान, ऑर्बिटल एस्परगिलोसिस इम्युनोकॉम्प्रोमाइज्ड रोगियों में होता है और नाक के बाद में दिमाग तक पहुंचता है।
4. यूवाइटिस – यह यूविया आईरिस युक्त नेत्रगोलक की मध्य परत की सूजन है। ये सोरायसिस, दाद इंफेक्शन या रुमेटीइड गठिया जैसी स्थितियों से जुड़ा है। डॉक्टर के अनुसार, किसी को धुंधली दिखने, आंखों की लाली (Redness In Eyes) और फ्लोटर्स जैसे लक्षण (आंख खराब होने के लक्षण) दिखाई देते हैं।
5. ब्लेपेराइटिस – ये पलकों की सूजन है और बैक्टीरिया के इंफेक्शन, एलर्जी, पलकों में तेल ग्रंथियों के बंद होने और स्किन की कुछ स्थितियों की वजह से देखा जाता है। किसी को लाल (redness in eyes) और पलकों की सूजन, जलन और पानी बहता है। आंखों के चारों ओर परतदार स्किन जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। ब्लेफेराइटिस से अंधापन नहीं होगा, लेकिन ये कई अन्य परेशानियों को पैदा (आंख खराब होने के लक्षण) करता है जैसे कि पलकें गिर सकती है।
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आंखों में लालपन आने के कारण – Causes of redness in the eyes
ये आंखों के सफेद भाग की महीन रक्त वाहिकाओं (Redness In Eyes) के फैलने की वजह से होता है। ये महीन रक्त नलिकाएं, जिसमें से अधिकतर दिखाई नहीं देती है और ये सूजने लगती है। आंखों में लालपन (एक आंख लाल होने का कारण) आने निम्न कारण हो सकते हैं जैसे –
- एलर्जी
- आंखों की थकान
- वायु प्रदुषण
- धूल-मिट्टी
- रसायनों का अत्यधिक एक्सपोज़र
- सूरज के प्रकाश का अत्यधिक एक्सपोज़र
- लंबे समय तक कांटेक्ट लेंस लगाए रखना
- आंखों का इंफेक्शन जैसे कंजक्टिवाइटिस
- आंखों का गंभीर समस्याएं जैसे ग्लुकोमा
- आंखों में चोट लग जाना
- कार्नियल अल्सर
- हाल ही में हुई आंखों की सर्जरी जैसे लेसिक, कॉस्मेटिक सर्जरी आदि।
अहेल्दी लाइफस्टाइल की वजह से भी ये समस्या हो सकती है जैसे अत्यधिक धूम्रपान या शराब का सेवन, गैजेट्स का अधिक इस्तेमाल (एक आंख लाल होने का कारण) और नींद की कमी।
आंखों में लालपन की समस्या का घरेलू उपयार – Home remedies for redness in eyes
डायग्नोसिस के बाद ही पता चलेगा कि, आंखों के लाल होने का मुख्य कारण क्या है। इसी के आधार पर ही इलाज के विकल्प चुनें जाते हैं। डॉक्टर के पास जाने से पहले आप कुछ घरेलू उपाय भी कर सकते हैं-
- वार्म कम्प्रेस : एक टॉवेल को कुनकुने (आँख लाल होने पर घरेलू उपचार) पानी में भिगोएं और उसे निचोड़े लें। हमारे शरीर का सबसे संवेदनशील अंग हमारी आंखें होती है, इसलिए तापमान सामान्य रखें। 10-15 मिनट के लिए टॉवेल को अपनी आंखों पर रखें। वहीं गर्मियों से रक्त का संचार चालू हो जाएगा। इससे सूजन और खुजली से आपको (redness in eyes) आराम मिलेगा।
- कूल कम्प्रेस : यदि वार्म कम्प्रेस से समस्या दूर नहीं हो रही है तो आप कूल कम्प्रेस को आजमा सकते हैं। ठंडे पानी में टॉवेल को डुबोएं और निचोड़ लें। ये जरूर ध्यान रखें कि, अधिक ठंडा न हो, नहीं तो ये समस्या कम होने की बजाय बढ़ जाएगी। इससे थोड़े समय के लिए लक्षणों में आराम (redness in eyes) मिल जाएगा।
- आर्टिफिशियल टियर्स : ये आंखों को ल्युब्रिकेट करते हैं और इन्हें साफ रखने में सहायता करता है, लेकिन इनका इस्तेमाल डॉक्टर से पूछकर ही करें। यदि इसे ठंडे रूप में इस्तेमाल करने के लिए कहा जाए तो इसे फ्रिज में रखकर इस्तेमाल करें।
- कांटेक्ट लेंसों के इस्तेमाल से बचें : यदि आप लंबे समय से आंखे लाल (redness in eyes) होने की समस्या से जूझ रहे हैं और कांटेक्ट लेंस लगाते हैं तो इनके इस्तेमाल करना बंद कर दें। किसी अच्छे नेत्र रोग विशेषज्ञ को दिखाने के बाद ही इनका इस्तेमाल दोबारा (आँख लाल होने पर घरेलू उपचार) शुरू करें।
- अन्य दवाईयां : यदि एलर्जी की वजह ये समस्या हो रही है तो एंटीहिस्टामिन या कार्टिसोन आई ड्रॉप्स और आई जेल दिया जाएगा। बैक्टीरिया का इंफेक्शन (कंजक्टिवाइटिस) होने पर एंटीबायोटिक्स दिए जाएंगे। सूजन को कम करने के लिए डॉक्टर स्टेरॉइ़ड प्रिस्कराइब कर सकता है।
- अन्य उपचार : अगर ग्लुकोमा या ट्युमर विकसित होने की वजह ये समस्या हो रही है तो उसका उपचार (आँख लाल होने पर घरेलू उपचार) किया जाएगा।
डिस्कलेमर (Disclaimer)
इस लेख में दी गई बीमारी से जुड़ी सभी जानकारियां केवल सूचनात्मक है। अगर आपको को इस बीमारी के कुछ संकेत नजर आ रहे हैं तो अपनी जांच करवाएं और उन्हीं के अनुसार अपना जीवनशैली और आहार का खास ध्यान रखना हैं।