ऑयस्टर क्या है? – Oysters in Hindi
Oyster in Hindi – ऑयस्टर (Oyster), जिसे हिंदी में कस्तूरी या सीप भी कहा जाता है, एक तरह के समुद्री जीव होते हैं जो ऑस्ट्रिडाय परिवार से आते हैं। ये दुनियाभर में लोगों की पसंदीदा समुद्री खाद्य पदार्थों की सूची में शामिल है। भारत में खासकर दक्षिण भारत जैसे केरल, तमिलनाडू, आंध्रप्रदेश व गोवा के तट पर ऑयस्टर की छह प्रकार की प्रजाती पाई जाती है। वहीं भारत के अलावाकई देशों में भी ऑयस्टर (What is Oyster in hindi?) की कृषि की जाती है।
ऑयस्टर में मौजूद पौष्टिक तत्व – Oysters Nutrients in Hindi
इस समुद्री जीव को सामान्य रूप से खाद्य पदार्थों में शामिल किया जा सकता है, जो कि अन्य खाद्य पदार्थों में सबसे अधिक पौष्टिक माना जाता है। ऑयस्टर में प्रोटीन, लौह, ओमेगा-3 फैटी एसिड, कैल्शियम, जिंक और विटामिन-सी की अच्छी मात्रा होती है। साथ ही ऑयस्टर में वसा, कैलोरी और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बहुत ही कम होती है। इन विशेष गुणों की वजह से ऑयस्टर (Oysters Nutrients) को पौष्टिक आहार में शामिल किया जाता है।
ऑयस्टर के फायदे – Oyster Benefits in Hindi
- कामोत्तेजक का करे काम-हाई जिंक सामग्री की वजह से सीप वास्तव में यौन प्रदर्शन और कामेच्छा को बढ़ावा देने में सहायता कर सकते हैं। जिंक पुरुषों में यौग रोग से भी जुड़ा हुआ है, नपुंसकता और सेक्सुअल डिस्फंक्शन जिंक की कमी की वजह से हो सकते हैं। ये महिलाओं में भ्रूण के विकास के लिए भी लाभदायक होता है।
- जिंक से भरपूर-ज्यादातर लोग अपना जिंक रेड मीट और पोल्ट्री से प्राप्त करते हैं, लेकिन अमेरिकी स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग के मुताबिक, सीप (Oyster in hindi) में किसी भी अन्य भोजन की तुलना में प्रति सेवारत अधिक जिंक हो सकता है। जिंक के स्त्रोत के रूप में सीप अधिक सामान्य मांस अत्पादों की तुलना में एक हेल्दी विकल्प भी हो सकता है। जिंक कई स्वास्थ्य लाभों से जुड़ा है।
- वजन घटाने में करे मदद-ऑयस्टर मशरूम में बहुत कम कैलोरी और लगभग शून्य वसा होती है। जिससे ये आपको पेट भरे होने का अहसास तो देती है, लेकिन वजन नहीं बढ़ने देती है। यदि आप वेट लॉस डाइट सर्च कर रहे हैं तो आपको अपने आहार में ऑयस्टर को जरूर शामिल करने की जरूरत है।
- दिल के स्वास्थ्य में योगदान-वसा के साथ-साथ ऑयस्टर (Oyster in hindi) के कॉलेस्ट्रॉल भी बहुत कम होता है, जिससे ये दिल स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है। साथ ही सर्दियों में ऑयस्टर मशरूम का सूप आपको इस समय दिल की बीमारी के जोखिमों से भी बचा जा सकता है।
- एनीमिया की समस्या-आयरन की कमी एनीमिया की समस्या का सबसे आम कारण है। ये शरीर में हीमोग्लोबिन का उत्पादन करने के लिए आयरन की आवश्यकता होती है। आयरन की कमी से होनोे वाले एनीमिया में पीड़ित को थकान और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। साथ ही कुछ अध्ययन की मानें तो एनीमिया से राहत पाने के लिए आयरन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन अनिवार्य माना जाता है जिसमें ऑयस्टर (Oyster in hindi) भी शामिल होता है।
- प्रतिरक्षा प्रणाली को सुधारें-प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार के लिए भी ऑयस्टर के फायदे हो सकते हैं। एनसीबीआई के मुताबिक, ऑयस्टर इम्युनोमोड्युलेशन यानी रोग प्रतिरोध क्षमता को बढ़ाने के लिए सकारात्मक प्रभाव दिखा देता है। तब इस आधार पर कहा जा सकता है कि ऑयस्टर इम्यूनिटी को बढ़ाने में काफी फायदेमंद हो सकता है।
- हड्डियां मजबूत बनाएं-हड्डियां मजबूत बनाए रखने के लिए आपके वजन का 1 से 2 प्रतिशत कैल्शियम की आवश्यकता होती है। ये आपकी बॉडी में कुल कैल्शियम की 99% मात्रा दांतों और हड्डियों में पाई जाती है। आपके दांत और हड्डियां पूरे शरीर के लिए कैल्शियम का संग्रह करने का काम करते हैं। कैल्शियम की कमी से हड्डियां कमजोर होती है साथ ही ये विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है। आप अपने शरीर में कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए आहार के रूप में ऑयस्टर (Oyster in hindi) का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऑयस्टर का सही मात्रा में सेवन करने से शरीर में कैल्शियम की कमी को कुछ हद तक पूरा किया जा सकता है।
- डायबिटीज में सुधार-डायबिटीज की समस्या आज के समय में काफी आम है। ऐसे में ऑयस्टर का सेवन आपको डायबिटीज से छुटकारा दिला सकता है। इसमें पाए जाने वाला हाई प्रोटीन आपके शरीर में ब्लड शुगर के लेवल में सुधार करता है। वहीं ऑयस्टर में पाए जाने वाले तत्व आपके टाइप-2 डायबिटीज का भी खतरा भी कम करते हैं। वहीं इसमें भी पाए जाने वाीले जिंक आपके शरीर में इंसुलिन के लेवल को कंट्रोल करता है। एक रिसर्च में ये पाया गया है कि ऑयस्टर का सेवन करने वाले लोगों में सामान्य लोगों की तुलना में टाइप 2 डायबिटीज का खतरा अधिक नहीं रहता है। बस ध्यान रहे कि, इसे कच्चा खाना आपके लिए काफी नुकसानदेह साबित भी हो सकता है। यदि आप डायबिटीज से बचने के लिए इसका सेवन कर रहे हैं तो एक बार अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
ऑयस्टर खाने का तरीका – How to Eat Oyster in Hindi
ऑयस्टर (Oyster in hindi) खाने के निम्न तरीके कुछ इस प्रकार हैं –
- ऑयस्टर निश्चित तौर पर खाने में बहुत फायदेमंद होते हैं, लेकिन इसका सेवन अगर जानकारी के अभाव में या फिर गलत तरीके से किया जाए तो ये आपको फायदे की जगह नुकसान भी पहुंचा सकता है।
- घोंघा की तरह ही इसे भी कच्चा खाने के नुकसान हो सकते हैं, इसलिए ध्यान रहे कि इसे पूरी तरह से पका लेने के बाद ही इसका इस्तेमाल किया जा सकें।
- ऑयस्टर का सेवन करते समय इस बात का ध्यान ये रखना जरूरी है कि ऑयस्टर का शेल यानि की उसका कवच पकाते समय खुल जाए। जिसका शेल पहले से ही खुल हो उसके इस्तेमाल से बचें।
इसके अलावा भी अपने तरीको से भी ऑयस्टर का सेवन कर सकते हैं। अगर आप इस किसी गंभीर बीमारी को ठीक करने में मकसद से खा रहे हैं तो एक बा इस बारे में डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
ऑयस्टर के नुकसान – Oysters Side Effects in Hindi
कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ दिलाने वाले ऑयस्टर के फायदे अधिक है, फिर भी कुछ लोगों को इसके दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं कुछ लोगों में ये एलर्जी की वजह भी बन सकती है। शीप शैवाल को अपना भोजन बनाती है जो कि विषैली हो सकती है। ऑयस्टर (Oyster in hindi) में कुछ ऐसे वायरस और बैक्टीरिया होते हैं जो उनके सेवन करने वाले लोगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं जैसे –
ऑयस्टर के बारे में पूछे जाने वाले सवाल-जवाब – FAQ’s
सवाल- क्या ऑयस्टर पेट को साफ करने में सहायक हो सकता है ?
जी हां, पेट को साफ करने के लिए ऑयस्टर काफी फायदेमंद हो सकता है। एक रिसर्च में सरल शब्दों में बताया गया है कि ऑयस्टर पाचन और प्रतिरोधक क्षमता से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने में सहायता कर सकता है।
सवाल- ऑयस्टर का हिंदी नाम क्या है?
ऑयस्टर (Oyster), जिसे हिंदी में कस्तूरी या सीप भी कहा जाता है, एक तरह के समुद्री जीव होते हैं जो ऑस्ट्रिडाय परिवार से आते हैं। ये दुनियाभर में लोगों की पसंदीदा समुद्री खाद्य पदार्थों की सूची में शामिल है।